उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक शुरू: अमित शाह की अध्यक्षता में आंतरिक सुरक्षा और राज्यों के मुद्दों पर चर्चा

फरीदाबाद के सूरजकुंड में अमित शाह की अध्यक्षता में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक शुरू, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान के मुख्यमंत्री व उपराज्यपाल मौजूद, आंतरिक सुरक्षा और राज्यों के मुद्दों पर चर्चा।

Nov 17, 2025 - 12:20
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक शुरू: अमित शाह की अध्यक्षता में आंतरिक सुरक्षा और राज्यों के मुद्दों पर चर्चा

फरीदाबाद (हरियाणा), 17 नवंबर 2025: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद (Northern Zonal Council) की 32वीं बैठक आज हरियाणा के फरीदाबाद स्थित सूरजकुंड में शुरू हो गई। यह बैठक उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच समन्वय, विकासात्मक मुद्दों और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित है। बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं।

बैठक की अध्यक्षता और प्रमुख उपस्थितियां;  बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर रहे हैं, जो क्षेत्रीय परिषदों के माध्यम से राज्यों के बीच आपसी सहयोग और विवादों के समाधान पर जोर देते रहे

हैं। उनके साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित हैं।इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी बैठक में शामिल हो रहे हैं। केंद्रीय स्तर से कई कैबिनेट मंत्री, जैसे कि सहकारिता, जल शक्ति और अन्य संबंधित मंत्रालयों के मंत्री, तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद हैं। पंजाब और उत्तराखंड के प्रतिनिधि भी बैठक का हिस्सा हैं, हालांकि उनकी अनुपस्थिति या प्रतिनिधित्व की पुष्टि बाद में की जाएगी।बैठक की मेजबानी हरियाणा सरकार कर रही है, और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। सूरजकुंड का मनोरम परिसर बैठक के लिए चुना गया है, जो पर्यटन और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

एजेंडा: आंतरिक सुरक्षा से विकास तक आज की बैठक में आंतरिक सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में आतंकवाद, सीमा सुरक्षा और खुफिया समन्वय पर विस्तृत चर्चा होगी। अमित शाह ने पहले ही जोर दिया है कि उत्तरी क्षेत्र में शांति और स्थिरता राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग है।इसके अलावा, राज्यों के बीच लंबित मुद्दों पर फोकस रहेगा, जैसे:जल विवाद: सतलुज-यमुना लिंक नहर (SYL) जैसे मुद्दे, जहां पंजाब, हरियाणा और हिमाचल शामिल हैं। 

बुनियादी ढांचा विकास: राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे और हवाई अड्डों का विस्तार, विशेषकर हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में।

आर्थिक सहयोग: औद्योगिक गलियारे, पर्यटन संवर्धन और कृषि आधारित परियोजनाएं।

आपदा प्रबंधन: हिमाचल और उत्तराखंड में बाढ़-भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं पर समन्वित रणनीति।

स्वास्थ्य और शिक्षा: कोविड के बाद की चुनौतियां और केंद्र प्रायोजित योजनाओं का कार्यान्वयन।

बैठक में केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन और डिजिटल इंडिया के राज्य स्तर पर क्रियान्वयन की समीक्षा भी होगी। राज्यों के बीच व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर भी विचार-विमर्श होगा।

क्षेत्रीय परिषदों का महत्व; उत्तरी क्षेत्रीय परिषद में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ शामिल हैं। यह परिषद 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत गठित पांच क्षेत्रीय परिषदों में से एक है, जिसका उद्देश्य राज्यों के बीच विवादों का शांतिपूर्ण समाधान और सहयोगात्मक विकास सुनिश्चित करना है। पिछली 31वीं बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी थी, जिनकी प्रगति आज समीक्षा की जाएगी।अमित शाह ने बैठक की शुरुआत में कहा कि क्षेत्रीय परिषदें "सहकारी संघवाद" का प्रतीक हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप राज्यों को सशक्त बनाती हैं। उन्होंने आंतरिक सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि उत्तरी क्षेत्र की स्थिरता पूरे देश की प्रगति के लिए जरूरी है।

अपेक्षित परिणाम और आगे की दिशा;  बैठक के अंत में एक संयुक्त घोषणा या समझौता ज्ञापन जारी होने की संभावना है, जिसमें प्रमुख निर्णय और समयबद्ध कार्ययोजनाएं शामिल होंगी। विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में विकास परियोजनाओं को गति देने और दिल्ली की प्रदूषण समस्या पर सहमति की उम्मीद है।यह बैठक न केवल नीतिगत मुद्दों पर बल्कि राज्यों के बीच विश्वास निर्माण पर भी केंद्रित है। फरीदाबाद में हो रही इस बैठक से उत्तरी भारत के समग्र विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है। बैठक शाम तक चलेगी, और विस्तृत ब्यौरा बाद में जारी किया जाएगा।