कोटा धर्मांतरण मामला: अमेरिकी नागरिक और स्थानीय मिशनरी पर भील समाज को लालच देकर ईसाई बनाने का आरोप
राजस्थान के कोटा जिले के कैथून थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां अमेरिकी नागरिक कोलीन मिशेल और उनके ससुर जॉय मैथ्यू पर भील समाज के लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा है।

राजस्थान के कोटा जिले के कैथून थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां अमेरिकी नागरिक कोलीन मिशेल और उनके ससुर जॉय मैथ्यू पर भील समाज के लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा है। बजरंग दल की शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया और कोलीन के खिलाफ वीजा उल्लंघन का केस दर्ज किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जॉइंट इन्वेस्टिगेशन सेल (JIC) और खुफिया एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। आइए, जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी।
मामले की शुरुआत: गांव में सामूहिक भोज से उठा विवाद
21 अप्रैल 2025 को कैथून के मोतीपुरा गांव में रामजी की टापरियां (भील समाज की बस्ती) में एक सामूहिक भोज का आयोजन हुआ। बजरंग दल के प्रांतीय समन्वयक योगेश रेनवाल के अनुसार, उन्हें एक ग्रामीण ने हिंदू हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर सूचना दी कि गांव में भील समुदाय के लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने लगभग 50 लोगों, जिसमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे, को एकत्रित पाया।
आरोप है कि इस आयोजन में कोटा निवासी ईसाई मिशनरी जॉय मैथ्यू और उनके अमेरिकी दामाद कोलीन मिशेल शामिल थे। बजरंग दल का दावा है कि कोलीन, जो टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे, और जॉय मैथ्यू ने भील समाज के लोगों को नॉनवेज भोजन, पैसे और अन्य लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाया। संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि आयोजन में हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया गया और लोगों को गले में क्रॉस का लॉकेट पहनने के लिए कहा गया।
पुलिस कार्रवाई: छापेमारी और हिरासत
बजरंग दल की शिकायत के बाद कैथून थाना पुलिस ने 21 अप्रैल की रात को मौके पर छापेमारी की। पुलिस ने जॉय मैथ्यू और कोलीन मिशेल को हिरासत में लिया। कोटा ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर ने बताया कि जांच में पाया गया कि कोलीन टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे, लेकिन बिना अनुमति धार्मिक गतिविधियों में शामिल थे, जो वीजा नियमों का उल्लंघन है। इसके आधार पर कोलीन के खिलाफ वीजा उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने आयोजन स्थल से कुछ लोगों से पूछताछ की और प्रारंभिक जांच में पाया कि भोज का खर्च जॉय मैथ्यू ने उठाया था। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए ATS और SOG जैसी एजेंसियों के साथ JIC का गठन किया गया है, जो कोलीन और जॉय से गहन पूछताछ कर रही है।
गांव के मुखिया का बयान: "नॉनवेज का आरोप गलत"
मोतीपुरा गांव के मुखिया चौथमल ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि जॉय मैथ्यू ने उनसे अपने खेत में भोज आयोजन की अनुमति मांगी थी, लेकिन जगह की कमी के कारण उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद जॉय ने चौथमल के खेत में आयोजन की सहमति ली। चौथमल के अनुसार, भोज का पूरा खर्च जॉय ने उठाया, और खाना गांव के लोगों ने मिलकर बनाया।
चौथमल ने दावा किया कि भोज में दाल-बाटी, आलू की सब्जी और चावल परोसे गए, न कि नॉनवेज। उन्होंने कहा, "शाम 6 बजे भोज शुरू हुआ। जॉय मैथ्यू, कोलीन, उनकी पत्नी और बच्चे कुछ देर रुके और फिर चले गए। इसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता और पुलिस आ गई।" चौथमल ने नॉनवेज परोसने या धर्मांतरण के आरोपों को सिरे से खारिज किया।
बजरंग दल का दावा: "ब्रेनवॉश और धर्मांतरण की साजिश"
बजरंग दल ने इस आयोजन को सुनियोजित साजिश करार दिया है। संगठन का कहना है कि जॉय मैथ्यू और कोलीन ने गरीब और अशिक्षित भील समुदाय को निशाना बनाया। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि भोज के बहाने लोगों को एकत्रित कर उन्हें ईसाई धर्म के प्रतीक चिह्न (क्रॉस लॉकेट) पहनाए गए और हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की गईं।
बजरंग दल के प्रांत संयोजक योगेश रेनवाल ने कहा, "यह केवल एक भोज नहीं था, बल्कि पूरे गांव को ईसाई बनाने की कोशिश थी। विदेशी मिशनरी का शामिल होना इस साजिश की गंभीरता को दर्शाता है।"
वीजा उल्लंघन और कानूनी कार्रवाई
पुलिस जांच में सामने आया कि कोलीन मिशेल, जो कैलिफोर्निया के निवासी हैं, अपनी पत्नी और बच्चों के साथ टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे। टूरिस्ट वीजा धारकों को धार्मिक या मिशनरी गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है। कोलीन पर बिना अनुमति भील समुदाय के साथ बैठक करने और धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने का आरोप है। इस आधार पर उनके खिलाफ वीजा नियमों के उल्लंघन का केस दर्ज किया गया है।
कैथून थाना अधिकारी संदीप शर्मा ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और सभी आरोपों की गहराई से पड़ताल की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने स्थानीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं उकसाई हैं। हिंदू संगठनों ने इसे विदेशी मिशनरियों की साजिश बताया और सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं, कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि यह केवल एक सामुदायिक भोज था, जिसे गलत तरीके से धर्मांतरण से जोड़ा जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा में है, जहां कुछ लोग इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं, तो कुछ इसे गरीब समुदायों को निशाना बनाने की कोशिश मान रहे हैं।