"किराड़ू के प्राचीन मंदिर में गूंजा योग का संदेश: बाड़मेर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की अनूठी शुरुआत"
बाड़मेर के 'किराड़ू' शिव मंदिर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) की तैयारियों के तहत जन जागृति अभियान के अंतर्गत सामान्य योग प्रोटोकॉल का अभ्यास किया गया। आयुर्वेद विभाग और जिला प्रशासन के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में योग विशेषज्ञों और ग्रामीणों ने भाग लिया। इस बार योग दिवस का मुख्य आयोजन आदर्श स्टेडियम सहित जसदेर शिव मंदिर, शिव धाम और सोहन तालाब जैसे पर्यटन स्थलों पर होगा। अगला योग सत्र पुलिस लाइन में होगा। किराड़ू, जिसे 'राजस्थान का खजुराहो' कहा जाता है, योग और संस्कृति का अनूठा संगम बन रहा है।

बाड़मेर, 10 जून 2025: राजस्थान के बाड़मेर जिले में अपनी स्थापत्य कला और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात 'किराड़ू' के प्राचीन शिव मंदिर के प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) के लिए जन जागृति अभियान ने नया रंग बिखेरा। आयुर्वेद विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में सामान्य योग प्रोटोकॉल का सामूहिक अभ्यास किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और विशेषज्ञ शामिल हुए। यह आयोजन न केवल योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने का माध्यम बना, बल्कि किराड़ू को एक अनूठे योग केंद्र के रूप में भी स्थापित कर रहा है।
किराड़ू में योग का अनूठा संगम
आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक डॉ. रमेश धंदे ने बताया कि राजस्थान सरकार के आयुष विभाग के निर्देशानुसार, बाड़मेर में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए व्यापक तैयारियां चल रही हैं। इस वर्ष जिला स्तरीय मुख्य आयोजन आदर्श स्टेडियम में होगा, साथ ही जसदेर शिव मंदिर, शिव धाम, सोहन तालाब जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी योग सत्र आयोजित किए जाएंगे। डॉ. धंदे ने कहा कि किराड़ू जैसे ऐतिहासिक स्थल पर योग का आयोजन इसे और आकर्षक बनाता है, जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों को योग के प्रति प्रेरित करेगा।
पुलिस लाइन में अगला योग सत्र
सहायक निदेशक डॉ. प्रदीप धंदे ने जानकारी दी कि जन जागृति अभियान के तहत अगला योग अभ्यास 11 जून को पुलिस लाइन, बाड़मेर में आयोजित होगा। यह सिलसिला जिले भर में विभिन्न स्थानों पर चलता रहेगा, ताकि अधिक से अधिक लोग योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
विशेषज्ञों ने कराया योग अभ्यास
किराड़ू मंदिर के शांत और रमणीय वातावरण में आयुर्वेद और योग विशेषज्ञ डॉ. रणवीर राजपुरोहित और डॉ. नखत ने सामान्य योग प्रोटोकॉल का अभ्यास कराया। इस सत्र में ग्रीवा संचालन, स्कंध संचालन, कटी संचालन, ताड़ासन, वृक्षासन, पाद हस्तासन, अर्द्ध चक्रासान, त्रिकोणासन, वज्रासन, उष्ट्रासन, भद्रासन, शशकासन, उतान मंडूकासन, वक्रासन, मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंधासन, उतान पादासन, अर्द्ध हलासन, पवन मुक्तासन और शवासन जैसे आसनों का अभ्यास किया गया। इसके अलावा, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, शीतली प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम और ध्यान जैसी क्रियाएं भी शामिल थीं, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं।
स्थानीय उत्साह और सहभागिता
इस योग सत्र में डॉ. स्वरूप सिंह, डॉ. पंकज, डॉ. भंवर लाल, डॉ. कदम, डॉ. गजेंद्र, डॉ. मोहन, डॉ. जोगेंद्र, डॉ. प्रेम सुख, डॉ. राकेश, डॉ. गोंसाई, श्री अमोलख सहित कई ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। किराड़ू मंदिर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और प्राकृतिक सुंदरता ने इस आयोजन को और यादगार बना दिया। प्रतिभागियों ने योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया।
किराड़ू: राजस्थान का खजुराहो
किराड़ू मंदिर, जिसे 'राजस्थान का खजुराहो' कहा जाता है, अपनी अनूठी स्थापत्य कला और मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी बाड़मेर का एक प्रमुख आकर्षण है। यहां योग जैसे आयोजन इस स्थान को स्वास्थ्य और अध्यात्म का केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां
आयुर्वेद विभाग बाड़मेर ने इस बार योग दिवस को भव्य और समावेशी बनाने का लक्ष्य रखा है। सामान्य योग प्रोटोकॉल, जो केंद्र सरकार द्वारा सभी आयु और क्षमताओं के लिए विकसित किया गया है, इस आयोजन का मुख्य आधार होगा। यह प्रोटोकॉल योग को सरल और सुलभ बनाता है, जिससे सामूहिक योग सत्रों में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित होती है।
योग का संदेश
किराड़ू से उठा यह योग का संदेश न केवल बाड़मेर, बल्कि पूरे राजस्थान में स्वास्थ्य और जागरूकता की नई लहर लाने का प्रयास है। ऐतिहासिक धरोहरों के बीच योग का यह अनूठा मेल नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने के साथ-साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
बाड़मेर का यह प्रयास दर्शाता है कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है, जो मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करता है। किराड़ू मंदिर से शुरू हुआ यह अभियान 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एक बड़े उत्सव के रूप में सामने आएगा, जिसमें जिले भर के लोग एकजुट होकर योग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाएंगे।