जैसलमेर सड़क हादसा: हिरण बचाने निकले वन्यजीव प्रेमियों की ट्रक से टक्कर, वनकर्मी सहित 4 की दर्दनाक मौत
जैसलमेर के लाठी थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात 10 बजे एक भीषण सड़क हादसे में वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई, रिटायर्ड फौजी श्याम प्रसाद विश्नोई, कंवराज सिंह भाटी और वन रक्षक सुरेंद्र चौधरी की मौत हो गई। हिरण के शिकार की सूचना पर ये लोग लाठी के जंगलों में शिकारियों को रोकने जा रहे थे,

जैसलमेर, 24 मई 2025: राजस्थान के जैसलमेर जिले के लाठी थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात करीब 10 बजे एक भीषण सड़क हादसे ने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत चार लोगों की जान ले ली। हिरण के शिकार की सूचना पर शिकारियों को रोकने निकले वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई, रिटायर्ड फौजी श्याम प्रसाद विश्नोई, कंवराज सिंह भाटी और वन रक्षक सुरेंद्र चौधरी की कैम्पर गाड़ी की एक ट्रक से जोरदार भिड़ंत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि गाड़ी बुरी तरह पिचक गई, और चारों शव गाड़ी में ही फंस गए। पुलिस को शवों को निकालने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ी। सभी शवों को पोकरण हॉस्पिटल भेजा गया, जहां पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया।
हिरण बचाने की मुहिम बनी काल
लाठी के जंगलों में शिकारियों के सक्रिय होने की सूचना मिलने पर राधेश्याम विश्नोई और उनके साथी तुरंत कार्रवाई के लिए निकले थे। ये सभी लाठी क्षेत्र के जंगल में हिरणों को बचाने के लिए जा रहे थे, लेकिन लाठी में गैस एजेंसी के सामने उनकी कैम्पर गाड़ी एक ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि गाड़ी का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से गाड़ी को काटकर और क्रेन की सहायता से शवों को बाहर निकाला।
राधेश्याम विश्नोई: वन्यजीव संरक्षण का नायाब सितारा
28 वर्षीय राधेश्याम विश्नोई पुत्र खिंया राम लंबे समय से वन्यजीव संरक्षण के लिए समर्पित थे। उन्होंने अपने जीवन में 1,000 से अधिक हिरणों को शिकारियों से बचाया और उनका इलाज करवाकर जंगल में वापस छोड़ा। उनकी इस निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें सेंचुरी एशिया यंग नेचरिस्ट अवॉर्ड सहित कई सम्मान प्राप्त हुए थे। विश्नोई समाज ने भी उनके कार्यों को सराहा और उन्हें कई बार सम्मानित किया। राधेश्याम न केवल एक वन्यजीव प्रेमी थे, बल्कि एक प्रेरणा थे, जिन्होंने अपने कार्यों से युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
श्याम विश्नोई: फौजी से वन्यजीव रक्षक तक
हादसे में जान गंवाने वाले श्याम प्रसाद विश्नोई पुत्र बगदूराम एक रिटायर्ड फौजी थे। सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने वन्यजीव संरक्षण को अपने जीवन का मिशन बनाया। राधेश्याम के साथ मिलकर वे हिरणों और अन्य वन्यजीवों की रक्षा के लिए लगातार सक्रिय रहते थे। उनकी निष्ठा और साहस ने उन्हें स्थानीय समुदाय में सम्मानित बनाया था।
कंवराज सिंह भाटी और सुरेंद्र चौधरी: समर्पित साथी
कंवराज सिंह भाटी भादरिया गोशाला में कार्यरत थे और राधेश्याम के साथ वन्यजीव संरक्षण में सक्रिय रूप से योगदान देते थे। वहीं, सुरेंद्र चौधरी, जो मूल रूप से बालोतरा के रहने वाले थे, ने एक साल पहले ही लाठी वन विभाग रेंज में वन रक्षक के रूप में कार्य शुरू किया था। दोनों ने वन्यजीवों की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी।
सड़क हादसे ने छीनी चार अनमोल जिंदगियां
हादसे की खबर ने जैसलमेर के लाठी क्षेत्र और वन्यजीव संरक्षण समुदाय में शोक की लहर दौड़ा दी। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने राधेश्याम विश्नोई और उनके साथियों के योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। @Kushalburdak
ने लिखा, "वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम बिश्नोई आज हमें अलविदा हो गए... हमेशा वन्यजीवों की रक्षा के लिए तत्पर रहने वाले जीव प्रेमी का ऐसे चले जाना बहुत दुखदायी है।" @LaxmanINC
ने भी ट्वीट कर शोक जताया और ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
वन्यजीव संरक्षण को बड़ा नुकसान
राधेश्याम और उनके साथियों की मृत्यु से जैसलमेर के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को गहरा आघात लगा है। उनके द्वारा बचाए गए हजारों हिरण और अन्य जीव उनके समर्पण की कहानी बयां करते हैं। स्थानीय वन विभाग और विश्नोई समाज ने इस हादसे को अपूरणीय क्षति बताया है।
पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
लाठी थाना पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, और हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, तेज रफ्तार और संभवतः खराब दृश्यता हादसे का कारण हो सकती है। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में ले लिया है और चालक की तलाश जारी है।