IPS राजीव शर्मा बने राजस्थान के नए DGP, जानें उनके शानदार सफर के बारे में

राजस्थान सरकार ने 1990 बैच के वरिष्ठ IPS अधिकारी राजीव शर्मा को नया DGP नियुक्त किया है, और केंद्र से उनकी रिलीविंग के लिए पत्र लिखा गया है। उनके व्यापक अनुभव और पुरस्कारों से सजी सेवा से पुलिस सुधार और कानून व्यवस्था में प्रगति की उम्मीद है।

Jun 30, 2025 - 18:28
IPS राजीव शर्मा बने राजस्थान के नए DGP, जानें उनके शानदार सफर के बारे में

राजस्थान सरकार ने 1990 बैच के वरिष्ठ IPS अधिकारी राजीव शर्मा को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त करने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर राजीव शर्मा को उनकी वर्तमान केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से रिलीव करने का अनुरोध किया है, ताकि वे राजस्थान पुलिस के मुखिया का पद संभाल सकें। यह जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उपलब्ध पोस्ट्स के आधार पर सामने आई है।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने हाल ही में राजस्थान के नए DGP के लिए तीन वरिष्ठ IPS अधिकारियों—राजीव शर्मा, राजेश निर्वाण, और संजय अग्रवाल—का पैनल राज्य सरकार को भेजा था। इस पैनल में राजीव शर्मा का नाम सबसे ऊपर था, और सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उनकी वरिष्ठता और मेरिट के आधार पर उन्हें DGP नियुक्त करने का मन बना लिया है। UPSC की प्रक्रिया के अनुसार, राज्य सरकार को इस पैनल में से ही DGP का चयन करना अनिवार्य है, जो सुप्रीम कोर्ट के 2006 के प्रकाश सिंह मामले के दिशा-निर्देशों के तहत होता है।

वर्तमान में राजीव शर्मा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) में महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। उनकी नियुक्ति के बाद यह उम्मीद है कि वे जल्द ही राजस्थान लौटकर DGP का कार्यभार संभालेंगे, संभवतः बुधवार तक। यह नियुक्ति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्व DGP यू.आर. साहू को राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद यह पद खाली हुआ था।

राजीव शर्मा की यात्रा और करियर

राजीव शर्मा, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा के निवासी, 1990 बैच के राजस्थान कैडर के सबसे वरिष्ठ IPS अधिकारी हैं। उन्होंने अपने करियर में केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं। उनकी शैक्षिक योग्यता में एमए और एमफिल की डिग्रियां शामिल हैं।

  1. राजस्थान में सेवा:
    • राजीव शर्मा ने राजस्थान के कई जिलों में पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में कार्य किया, जिनमें झालावाड़, दौसा, राजसमंद, जयपुर ट्रैफिक, भरतपुर और अन्य शामिल हैं।
    • उन्होंने भरतपुर और बीकानेर में पुलिस महानिरीक्षक (IG) के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।
    • राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक (DG) के रूप में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही, जहां उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।
    • इसके अलावा, उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर, पुलिस ट्रेनिंग, और राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) के निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी काम किया।
  2. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति:
    • केंद्र में उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में संयुक्त निदेशक के रूप में कार्य किया, जहां उनकी जांच और प्रशासनिक क्षमताओं की सराहना हुई।
    • वर्तमान में वे BPR&D में DG के रूप में कार्यरत हैं, जो पुलिस अनुसंधान और नीति निर्माण का एक महत्वपूर्ण केंद्रीय निकाय है।
  3. पुरस्कार और सम्मान:
    • राजीव शर्मा को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए 2006 में पुलिस पदक और 2014 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।
    • उनकी कार्यकुशलता, अनुशासन, और कानून व्यवस्था को मजबूत करने की क्षमता ने उन्हें इस पद के लिए प्रबल दावेदार बनाया।
  4. विशेष योगदान:
    • राजीव शर्मा को राजस्थान पुलिस के आधुनिकीकरण और प्रशासनिक सुधारों में योगदान के लिए जाना जाता है।
    • उनकी वरिष्ठता, 30 वर्ष से अधिक का अनुभव, और राजस्थान की कानून-व्यवस्था को गहराई से समझने की क्षमता ने उन्हें DGP पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाया।

    नियुक्ति की प्रक्रिया और महत्व

    राजस्थान में DGP की नियुक्ति एक पारदर्शी और सख्त प्रक्रिया के तहत होती है, जिसमें UPSC की भूमिका महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार ने डीजी रैंक के वरिष्ठ अधिकारियों का एक पैनल केंद्र को भेजा था, जिसमें राजीव शर्मा का नाम सबसे वरिष्ठ अधिकारी के रूप में शामिल था। UPSC ने वरिष्ठता, सेवा रिकॉर्ड, और अनुभव के आधार पर तीन नामों को अंतिम रूप दिया, जिसमें राजीव शर्मा, राजेश निर्वाण (1992 बैच), और संजय अग्रवाल (1992 बैच) शामिल थे।

    इस नियुक्ति का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि DGP का पद राज्य की कानून व्यवस्था और सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। राजीव शर्मा की नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि राजस्थान पुलिस में प्रशासनिक सुधार, अपराध नियंत्रण, और आधुनिकीकरण को और गति मिलेगी।

    Yashaswani Journalist at The Khatak .