भारत-पाकिस्तान के बीच तत्काल युद्धविराम: दोनों देशों ने जताई सहमति, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने की पुष्टि

10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर तत्काल युद्धविराम लागू करने पर सहमति जताई। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसकी पुष्टि की। यह फैसला हाल के आतंकी हमले और सैन्य तनाव के बाद लिया गया, जिससे क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा मिलेगा। दोनों देश कूटनीतिक बातचीत और आतंकवाद पर कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं।

May 10, 2025 - 18:12
May 10, 2025 - 18:22
भारत-पाकिस्तान के बीच तत्काल युद्धविराम: दोनों देशों ने जताई सहमति, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने की पुष्टि

दोनों देशों ने तत्काल सीजफायर पर जताई सहमति, नियंत्रण रेखा पर शांति स्थापित करने का वादा

10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए नियंत्रण रेखा (LoC) पर तत्काल युद्धविराम लागू करने की घोषणा की। भारत सरकार ने इस युद्धविराम की आधिकारिक पुष्टि की है, जिसे विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साझा किया। यह फैसला हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच बढ़े सैन्य और कूटनीतिक तनाव के बाद लिया गया है, जिसने दक्षिण एशिया में युद्ध की आशंकाओं को बढ़ा दिया था। इस युद्धविराम को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


पृष्ठभूमि: तनाव से युद्धविराम तक का सफर

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की शुरुआत हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले से हुई। 23 अप्रैल 2025 को हुए इस हमले में 27 लोग मारे गए, जिनमें 25 हिंदू पर्यटक, एक ईसाई पर्यटक और एक स्थानीय मुस्लिम शामिल थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया और कड़ा रुख अपनाया। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया।

तनाव के प्रमुख कारण:

  1. आतंकी हमले और ड्रोन हमले: पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमलों की खबरें आईं, जिन्हें भारत ने नियंत्रण रेखा पर उकसावे की कार्रवाई माना। भारत ने इन हमलों का जवाब देने के लिए कथित तौर पर पाकिस्तान के तीन वायुसेना अड्डों—नूर खान, मुरीद, और शोरकोट—पर हमले किए, हालांकि भारत ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की।

  2. कूटनीतिक कदम: भारत ने जवाबी कार्रवाई के तहत इंडस जल संधि को निलंबित करने और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं बंद करने जैसे कड़े कदम उठाए। इसके अलावा, भारत ने मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा रद्द कर दिया और व्यापारिक संबंधों पर प्रतिबंध लगाए।

  3. सैन्य तनाव: दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी थी, जिससे युद्ध की आशंकाएं तेज हो गई थीं।

इन तनावपूर्ण घटनाओं के बीच, दोनों देशों ने कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से बातचीत शुरू की। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक शक्तियों के दबाव के साथ-साथ दोनों देशों की ओर से शांति की इच्छा ने इस युद्धविराम को संभव बनाया।


विदेश सचिव विक्रम मिस्री का बयान

10 मई 2025 को नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने युद्धविराम की पुष्टि करते हुए कहा:

"भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर तत्काल युद्धविराम लागू करने पर सहमति जताई है। यह फैसला दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति पर कायम रहेगा और किसी भी उकसावे का मुंहतोड़ जवाब देगा।"

मिस्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह युद्धविराम दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में पहला कदम है, लेकिन भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं करेगा।


युद्धविराम की मुख्य विशेषताएं

  1. तत्काल प्रभाव: युद्धविराम 10 मई 2025 से तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

  2. नियंत्रण रेखा पर शांति: दोनों देशों ने LoC पर गोलीबारी, ड्रोन हमले और अन्य उकसावे की कार्रवाइयों को तुरंत रोकने पर सहमति जताई है।

  3. कूटनीतिक बातचीत: युद्धविराम के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है।

  4. वैश्विक निगरानी: संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों को युद्धविराम के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए आमंत्रित किया जा सकता है।


वैश्विक प्रतिक्रिया

इस युद्धविराम को वैश्विक समुदाय ने सकारात्मक रूप से लिया है। कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं:

  • संयुक्त राष्ट्र: महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "यह युद्धविराम दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हम दोनों देशों से संयम और बातचीत की अपील करते हैं।"

  • अमेरिका: अमेरिकी विदेश विभाग ने बयान जारी कर कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के प्रयासों का समर्थन करता है। अमेरिका ने दोनों देशों से शांति वार्ता को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।

  • चीन: चीन ने दोनों देशों से क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सहयोग करने की अपील की और युद्धविराम को "सकारात्मक कदम" बताया।

  • रूस: रूस ने भी इस फैसले का समर्थन किया और दोनों देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की सलाह दी।


चुनौतियां और भविष्य की राह

हालांकि यह युद्धविराम एक सकारात्मक कदम है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि स्थायी शांति के लिए कई चुनौतियों का सामना करना होगा:

  1. आतंकवाद का मुद्दा: भारत ने बार-बार पाकिस्तान से आतंकवादी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। युद्धविराम की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान इस दिशा में कितना गंभीर है।

  2. विश्वास की कमी: दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही कटुता और विश्वास की कमी स्थायी शांति के लिए सबसे बड़ी बाधा है।

  3. सीमा पर उकसावे: नियंत्रण रेखा पर छोटी-मोटी घटनाएं भी युद्धविराम को खतरे में डाल सकती हैं।

  4. कूटनीतिक तनाव: भारत के हालिया कदम, जैसे इंडस जल संधि को निलंबित करना और व्यापारिक प्रतिबंध, दोनों देशों के बीच तनाव को बनाए रख सकते हैं।

विशेषज्ञों का सुझाव है कि दोनों देशों को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  • आतंकवाद और घुसपैठ को रोकने के लिए संयुक्त तंत्र स्थापित करना।

  • नियंत्रण रेखा पर विश्वास बहाली के उपाय (CBMs) लागू करना।

  • कूटनीतिक और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना।


जनता की प्रतिक्रिया

भारत और पाकिस्तान की जनता ने इस युद्धविराम को मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। भारत में जहां कुछ लोग इसे शांति की दिशा में एक कदम मान रहे हैं, वहीं कई लोग पाकिस्तान के इरादों पर संदेह जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर #IndiaPakistanCeasefire ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग अपनी राय साझा कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "शांति अच्छी बात है, लेकिन पाकिस्तान को पहले आतंकवाद पर लगाम लगानी होगी।"

पाकिस्तान में भी जनता के बीच आशा और संशय का माहौल है। कुछ लोग इसे दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने का अवसर मान रहे हैं, जबकि अन्य लोग भारत के हालिया कदमों को आक्रामक बता रहे हैं।


निष्कर्ष

भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई 2025 को लागू हुआ यह तत्काल युद्धविराम दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों देशों की ओर से इस फैसले को लागू करने की प्रतिबद्धता क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सकारात्मक बदलाव ला सकती है। हालांकि, इस युद्धविराम की सफलता दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली, आतंकवाद पर कार्रवाई और कूटनीतिक सहयोग पर निर्भर करेगी।

भारत और पाकिस्तान के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ी खबर है, क्योंकि यह दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक नई शुरुआत का प्रतीक है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ