मैं डॉक्टर हूं, लिफ्ट दो... उज्जैन की शातिर महिला ने 27 लोगों को हनी ट्रैप में फंसाया

तृषा खान उर्फ तृषा राठौर को हनी ट्रैप के जरिए 15 लोगों से ठगी करने के आरोप में शिवाजी पार्क पुलिस ने गिरफ्तार किया। वह लिफ्ट मांगकर ब्लैकमेल करती थी और बलात्कार का झूठा केस दर्ज करने की धमकी देकर रुपये ऐंठती थी।

Jul 22, 2025 - 14:51
मैं डॉक्टर हूं, लिफ्ट दो... उज्जैन की शातिर महिला ने  27 लोगों को हनी ट्रैप में फंसाया

राजस्थान के अलवर जिले में एक सनसनीखेज हनी ट्रैप मामले का खुलासा हुआ है। शिवाजी पार्क थाना पुलिस ने एक ऐसी शातिर महिला को गिरफ्तार किया है, जो महंगी गाड़ियों में सवार लोगों को अपने जाल में फंसाकर लाखों रुपये की ठगी करती थी। यह महिला खुद को डॉक्टर बताकर लिफ्ट मांगती थी और फिर ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठती थी। पुलिस के अनुसार, इस महिला ने अलवर में कम से कम 15 लोगों को अपना शिकार बनाया है।

कैसे बिछाती थी हनी ट्रैप का जाल?

थाना प्रभारी विनोद सामरिया ने बताया कि यह महिला मध्य प्रदेश के उज्जैन के नानाखेड़ा स्थित एकता नगर कॉलोनी की रहने वाली है। वह अलग-अलग नामों जैसे तृषा खान और तृषा राठौर उर्फ डॉक्टर तृषा राठौर के नाम से लोगों को ठगती थी। उसका तरीका बड़ा ही चालाकी भरा था। वह महंगी गाड़ियों में सवार लोगों के सामने आकर लिफ्ट मांगती थी। लिफ्ट के दौरान वह अपनी बातों से शिकार को प्रभावित करती थी और उनका मोबाइल नंबर हासिल कर लेती थी। इसके बाद वह फोन कॉल और मैसेज के जरिए बातचीत शुरू करती थी।

कुछ समय बाद वह अपने शिकार को बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देती थी। डर और सामाजिक बदनामी के भय से लोग उसकी मांगों को मान लेते थे और पैसे दे देते थे। पुलिस के अनुसार, यह महिला पिछले 20 सालों से इस तरह की ठगी में लिप्त थी और जयपुर के कई थानों में इसके खिलाफ 14 मुकदमे दर्ज हैं।

पीड़ित की शिकायत ने खोला राज

मामले का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़ित ने हिम्मत दिखाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित ने बताया, “23 जून 2025 को रात 10 बजे मैं अपनी दुकान से घर जा रहा था। मंगलम सिटी के सामने 200 फीट रोड पर एक महिला मेरी कार के सामने आ गई। उसने खुद को डॉक्टर बताकर लिफ्ट मांगी। मैंने उसे अंसल टाउन छोड़ दिया। रास्ते में उसने मुझसे बात की और नंबर एक्सचेंज किए। इसके बाद वह कॉल और मैसेज पर बात करने लगी। एक दिन उसने बलात्कार का झूठा केस दर्ज कराने की धमकी देकर 45,000 रुपये की मांग की। डर की वजह से मैंने 25,000 रुपये दे दिए, लेकिन बाद में मैंने पुलिस को सारी बात बता दी।”

पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा

पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। थाना प्रभारी विनोद सामरिया ने बताया कि पुलिस ने महिला को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। पीड़ित को 20,000 रुपये (40 नोट, प्रत्येक 500 रुपये के) लेकर बीएसआर कॉलेज के पास भेजा गया। वहां सादे कपड़ों में पुरुष और महिला पुलिसकर्मी भी तैनात थे। जैसे ही महिला ने पैसे लिए, पुलिस ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। मौके से 20,000 रुपये भी बरामद किए गए। पूछताछ में महिला ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

सरिस्का घूमने का बहाना, फिर ब्लैकमेल

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि यह महिला शिकार को लुभाने के लिए कहती थी कि वह सरिस्का घूमने आई है। अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों से वह कार सवार का विश्वास जीत लेती थी। इसके बाद वह धमकी देती थी कि उसने उनके खिलाफ सबूत इकट्ठा कर लिए हैं और बलात्कार का केस दर्ज कराएगी। डर के मारे ज्यादातर लोग उसकी मांगों को मान लेते थे। पुलिस के अनुसार, अलवर में इस महिला ने अब तक 15 लोगों को ठगा है, और यह संख्या और भी बढ़ सकती है क्योंकि कई पीड़ित सामाजिक बदनामी के डर से सामने नहीं आते।

पुलिस की सख्ती, अब आगे की जांच

थाना प्रभारी विनोद सामरिया ने बताया कि इस महिला के खिलाफ जयपुर के बनीपार्क, झोटवाड़ा, मानसरोवर, मालवीय नगर, अशोक नगर, जवाहर नगर, सांगानेर, आजाद नगर, जोबनेर और वैशाली नगर थानों में पहले से ही 14 मुकदमे दर्ज हैं। अलवर के अरावली विहार, वैशाली नगर और सदर थाना इलाकों में भी इस तरह की वारदातों को अंजाम दे चुकी है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या यह महिला किसी बड़े ठगी गिरोह का हिस्सा है। साथ ही, अन्य संभावित पीड़ितों से भी सामने आने की अपील की गई है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .