बड़े BJP नेता के बेटे के घर DGGI की छापेमारी: 10 करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप
भीलवाड़ा में DGGI ने पूर्व BJP नेता के बेटे निखिल डाड के ठिकानों पर 10 करोड़ की जीएसटी चोरी के आरोप में छापेमारी की। टीमें कुमुद विहार, रीको, और चित्तौड़गढ़ में जांच कर रही हैं।

गुरुवार की सुबह भीलवाड़ा में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। यह छापेमारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व यूआईटी चेयरमैन लक्ष्मी नारायण डाड के बेटे निखिल डाड के खिलाफ की गई, जिन पर लगभग 10 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का आरोप है। DGGI की टीमें सुबह करीब 9 बजे निखिल के पैतृक घर पहुंचीं और वहां से मिली जानकारी के आधार पर उनके छह अलग-अलग ठिकानों पर तलाशी शुरू की।
निखिल डाड का कारोबार: टेक्सटाइल से प्रॉपर्टी तक
निखिल डाड का टेक्सटाइल उद्योग में केमिकल और कोयला सप्लाई का व्यवसाय है। इसके अलावा, वह प्रॉपर्टी और फाइनेंस से जुड़े कारोबार में भी सक्रिय हैं। DGGI को सूचना मिली थी कि निखिल के व्यवसाय में जीएसटी नियमों का उल्लंघन कर टैक्स चोरी की गई है। इस जानकारी के आधार पर जयपुर से आई DGGI की टीम ने निखिल के कुमुद विहार स्थित फ्लैट, ऑफिस, रीको औद्योगिक क्षेत्र, और चित्तौड़गढ़ में उनकी प्रोसेसिंग यूनिट पर एक साथ जांच शुरू की।
छापेमारी का केंद्र: कुमुद विहार और शास्त्री नगर
DGGI की टीमें सबसे पहले शास्त्री नगर के न्यू हाउसिंग बोर्ड स्थित निखिल के पैतृक घर पहुंचीं। वहां पता चला कि निखिल अब वहां नहीं रहते और कुमुद विहार के फ्लैट नंबर 803 में रहते हैं, जहां से वे अपना ऑफिस भी संचालित करते हैं। इसके बाद टीम निखिल के छोटे भाई बाबा को साथ लेकर कुमुद विहार पहुंची। वहां डिजिटल डेटा और दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। टीम ने स्टाफ से भी पूछताछ की, ताकि टैक्स चोरी से जुड़े सबूत जुटाए जा सकें।
बिजनेस पार्टनर पर भी नजर
जांच के दौरान DGGI ने निखिल के दोस्त और बिजनेस पार्टनर अनुज सोमानी के ठिकानों पर भी तलाशी शुरू की। सूत्रों के अनुसार, अनुज के कारोबारी लेनदेन में भी अनियमितताओं की आशंका है, जिसके चलते उनकी प्रॉपर्टी और ऑफिस को भी जांच के दायरे में लाया गया है।
जीएसटी चोरी का मामला: कैसे काम करता है जीएसटी?
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) एक अप्रत्यक्ष कर है, जिसे 2017 में लागू किया गया था। यह वैट, सर्विस टैक्स, खरीद कर, उत्पाद शुल्क जैसे कई पुराने अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत करने के लिए लाया गया था। जीएसटी में चार कर स्लैब हैं - 5%, 12%, 18%, और 28%। इसका उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है, लेकिन कुछ कारोबारी इसका दुरुपयोग कर टैक्स चोरी करते हैं, जिसके खिलाफ DGGI जैसी एजेंसियां कार्रवाई करती हैं।