हिरण शिकार मामले में विरोध जारी,पुलिस को दिया दिन का अल्टिमेटम,
बाड़मेर के चौहटन थाना क्षेत्र के आगौर सरहद में दो चिंकारा हिरणों के शिकार के मामले में वन्यजीव प्रेमियों और ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन शुरू किया। पुलिस ने तीन दिन में शिकारियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया, अन्यथा बड़े प्रदर्शन और सड़क जाम की चेतावनी दी गई। पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जो पुलिस के साथ सहयोग करेगी।

इनपुट कमलेश सैंन:बाड़मेर जिले के सीमावर्ती चौहटन थाना क्षेत्र के आगौर सरहद में दो चिंकारा हिरणों के शिकार ने वन्यजीव प्रेमियों और स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। शुक्रवार शाम को मुख्य सड़क के किनारे एक पुल के नीचे प्लास्टिक के कट्टों में दो हिरणों के अवशेष मिलने के बाद से यह मामला गरमाया हुआ है। वन्यजीव प्रेमियों और ग्रामीणों ने शिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके चलते पिछले दो दिनों से क्षेत्र में तनाव और गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।
शुक्रवार शाम 4 बजे, आगौर गांव में मुख्य सड़क के पास एक पुल के नीचे प्लास्टिक के कट्टों में दो चिंकारा हिरणों के अवशेष मिले। स्थानीय लोगों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग और पुलिस को दी। खबर फैलते ही सैकड़ों की संख्या में वन्यजीव प्रेमी और ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए। आक्रोशित भीड़ ने शिकारियों की गिरफ्तारी की मांग के साथ धरना शुरू कर दिया। रातभर भजन-कीर्तन के साथ प्रदर्शनकारी धरने पर डटे रहे और हिरणों के अवशेषों को संरक्षित करने के लिए फ्रीज मंगवाकर रखा गया।
वन्यजीव प्रेमियों का आक्रोश
चौहटन क्षेत्र में विश्नोई समाज की बहुलता है, जो हिरणों को अपने बच्चों की तरह मानता है। हिरणों के शिकार की इस घटना ने समाज में गहरी नाराजगी पैदा की है। वन्यजीव प्रेमियों का आरोप है कि क्षेत्र में एक संगठित शिकार गैंग सक्रिय है, जो हिरणों का मांस होटलों में सप्लाई करता है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि इस गैंग का पर्दाफाश हो और सभी शिकारियों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाए। धरना स्थल पर महंत जगदीशपुरी, एडवोकेट रूप सिंह राठौड़, जगदीश ढाका, ठेकेदार भजनलाल बिश्नोई, मोहनलाल कड़वासरा, सरपंच पाचाराम जागूं, सुनील पीलवा जैसे प्रमुख लोग शामिल रहे।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए बाड़मेर पुलिस और वन विभाग की टीमें सक्रिय हो गईं। शनिवार को पुलिस धरना स्थल पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। बाड़मेर एसपी नितेश आर्य, डिप्टी सुखराम बिश्नोई, जीवनलाल खत्री, चौहटन थाना अधिकारी राजूराम, सीआई हनुमान बिश्नोई और वन विभाग की जिला अधिकारी सविता दहिया मौके पर मौजूद रहे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि तीन दिनों के भीतर शिकारियों की गिरफ्तारी और मामले का खुलासा किया जाएगा। साथ ही, पुलिस ने शांतिपूर्ण धरने की अनुमति दी, लेकिन केवल 7-8 लोगों को धरना स्थल पर रहने की मंजूरी दी गई। इसके अलावा, एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया, जो पुलिस और प्रशासन के साथ सहयोग करेगी।
वन्यजीव प्रेमियों की चेतावनी
वन्यजीव प्रेमियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि तीन दिनों के भीतर शिकारियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और सड़क जाम करेंगे। एक स्थानीय वन्यजीव प्रेमी ने कहा, "यह सिर्फ दो हिरणों का मामला नहीं है; यह एक संगठित अपराध है। हम चाहते हैं कि पूरे नेटवर्क का खुलासा हो और दोषियों को सजा मिले।" विश्नोई समाज और अन्य वन्यजीव प्रेमी इस मामले को लेकर एकजुट हैं और शिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पहले भी सामने आए हैं ऐसे मामले
बाड़मेर में हिरण शिकार के मामले कोई नई बात नहीं हैं। पिछले साल अगस्त 2024 में, चौहटन के लीलसर गांव में 10 से अधिक हिरणों के शिकार का मामला सामने आया था, जिसमें 6 शिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। जांच में खुलासा हुआ था कि शिकारी हिरणों का मांस होटलों में 200 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रहे थे। उस घटना में भी ग्रामीणों और वन्यजीव प्रेमियों ने धरना-प्रदर्शन किया था, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई की थी।
चौहटन के आगौर सरहद में चिंकारा शिकार का यह मामला न केवल स्थानीय समुदाय के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण के मुद्दे को उजागर करता है। विश्नोई समाज और वन्यजीव प्रेमियों का यह आक्रोश दर्शाता है कि वे अपने प्रिय हिरणों के लिए कितने संवेदनशील हैं। पुलिस और वन विभाग के सामने अब चुनौती है कि वे तीन दिन के अल्टीमेटम में शिकारियों को पकड़कर इस मामले का खुलासा करें, ताकि क्षेत्र में शांति बहाल हो और वन्यजीवों को न्याय मिल सके।