दहेज प्रताड़ना से त्रस्त शिक्षिका ने अपनी मासूम बेटी के साथ किया,सुसाइड नोट में ससुराल वालों पर गंभीर आरोप.
जोधपुर में 32 वर्षीय शिक्षिका संजू बिश्नोई और उनकी तीन साल की बेटी यशस्वी की आत्मदाह से मौत ने शहर को हिलाकर रख दिया। संजू ने ससुराल वालों द्वारा दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें पति, सास, ससुर और ननद का नाम है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। यह घटना दहेज प्रथा की क्रूरता को उजागर करती है।

राजस्थान के जोधपुर जिले के सरनाडा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। 32 वर्षीय स्कूल लेक्चरर संजू बिश्नोई ने अपनी तीन साल की मासूम बेटी यशस्वी के साथ पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह कर लिया। यह घटना शुक्रवार, 22 अगस्त 2025 को देर रात करीब 1 बजे डांगियावास थाना क्षेत्र के काकेलाव की ढाणी में हुई। मासूम यशस्वी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से झुलसी संजू ने शनिवार सुबह अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस घटना ने दहेज उत्पीड़न और पारिवारिक प्रताड़ना जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दों को फिर से उजागर किया है।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, संजू शुक्रवार दोपहर स्कूल से घर लौटी थीं। इसके बाद उन्होंने घर को बंद किया और अपनी बेटी यशस्वी के साथ कुर्सी पर बैठकर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। पड़ोसियों ने आग की लपटें देखकर तुरंत हस्तक्षेप किया और मां-बेटी को अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, यशस्वी की मौके पर ही मौत हो गई, और संजू की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने घटनास्थल से संजू का मोबाइल फोन और एक सुसाइड नोट बरामद किया, जिसमें उन्होंने अपने पति दिलीप बिश्नोई, सास, ससुर, ननद और एक अन्य व्यक्ति गणपत सिंह पर गंभीर आरोप लगाए।
सुसाइड नोट में क्या लिखा?
संजू ने अपने सुसाइड नोट में बताया कि उनके पति और ससुराल वालों ने दहेज के लिए उन्हें लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। सुसाइड नोट में गणपत सिंह का भी जिक्र है, जिसके बारे में पुलिस जांच कर रही है। सूत्रों के अनुसार, गणपत सिंह और संजू के पति मिलकर उन्हें परेशान करते थे। संजू ने लिखा कि यह प्रताड़ना इतनी असहनीय हो गई थी कि उन्होंने अपनी और अपनी बेटी की जान लेने का फैसला किया।
परिवार और पुलिस की प्रतिक्रिया
संजू के पिता ओमाराम बिश्नोई ने डांगियावास थाने में पति दिलीप बिश्नोई, सास, ससुर और ननद के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया है। संजू के परिवार का कहना है कि उनकी शादी को 10 साल हो चुके थे, और पिछले कुछ समय से ससुराल वाले दहेज के लिए उन्हें लगातार परेशान कर रहे थे। चार-पांच महीने पहले भी संजू और ससुराल वालों के बीच विवाद हुआ था। शनिवार सुबह संजू की मौत के बाद उनके मायके और ससुराल पक्ष के बीच शव को लेकर विवाद भी हुआ, जिसके बाद पोस्टमार्टम कर शव मायके वालों को सौंपा गया।
गमगीन माहौल में मां-बेटी का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।मंडोर एसीपी नगेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस ने फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की मदद से घटनास्थल से सबूत जुटाए हैं। सुसाइड नोट और अन्य सामग्री की जांच की जा रही है। पुलिस ने दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और सभी आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
सामाजिक और कानूनी पहलू
यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज में दहेज प्रथा की जड़ों को उजागर करती है। संजू एक शिक्षित महिला थीं, जो स्कूल में बच्चों को पढ़ाती थीं। उनकी आत्महत्या और उनकी मासूम बेटी की मौत ने समाज में दहेज उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को और मजबूत किया है। इस मामले ने ग्रेटर नोएडा के निक्की हत्याकांड के बाद दहेज से जुड़ी हिंसा पर एक बार फिर ध्यान खींचा है।पुलिस ने इस मामले में गहन जांच का आश्वासन दिया है।
साथ ही, समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता और कानूनी कदमों की जरूरत पर बल दिया जा रहा है।