नीमच ट्रेनिंग रेंज में ग्रेनेड विस्फोट से शहीद हुए CRPF ASI रामनिवास चौधरी

भोपालगढ़ के हिरादेसर गांव के CRPF ASI रामनिवास चौधरी नीमच में ट्रेनिंग के दौरान ग्रेनेड विस्फोट में शहीद हो गए। मातृभूमि के लिए उनका सर्वोच्च बलिदान अमर रहेगा, और परिवार को दुख सहने की शक्ति मिले।

Oct 1, 2025 - 12:32
Oct 1, 2025 - 12:52
नीमच ट्रेनिंग रेंज में ग्रेनेड विस्फोट से शहीद हुए CRPF ASI रामनिवास चौधरी

राजस्थान के जोधपुर जिले के भोपालगढ़ विधानसभा क्षेत्र के हिरादेसर गांव के वीर सपूत, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) रामनिवास चौधरी ने मातृभूमि की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। नीमच फील्ड फायरिंग रेंज में चल रही ट्रेनिंग के दौरान ग्रेनेड विस्फोट में घायल होने के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका यह बलिदान देश की सुरक्षा के प्रति समर्पण का प्रतीक बनेगा, जो सदैव अमर रहेगा।

ट्रेनिंग के दौरान दर्दनाक हादसा

26 सितंबर 2025 को मध्य प्रदेश के नीमच स्थित CRPF के रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर (RTC) में फील्ड फायरिंग एक्सरसाइज के दौरान एक ग्रेनेड के अचानक विस्फोट हो गया। इस हादसे में ASI रामनिवास चौधरी गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल इलाज के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया, जहां आज सुबह उन्होंने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

CRPF के आधिकारिक ट्वीट के अनुसार, यह घटना ट्रेनिंग सेशन के दौरान हुई, जिसमें रामनिवास जी कमांडो के रूप में सक्रिय थे। हादसे के बाद CRPF ने तुरंत बचाव और चिकित्सा कार्रवाई की, लेकिन चोटों की गंभीरता के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका। नीमच RTC, जो 1968 से संचालित हो रहा है, CRPF के आठ प्रमुख ट्रेनिंग सेंटर्स में से एक है, जहां विभिन्न सुरक्षा बलों के जवान प्रशिक्षण ग्रहण करते हैं।

हिरादेसर के गौरव, देशसेवा के प्रतीक

रामनिवास चौधरी (सोऊ) मूल रूप से राजस्थान के जोधपुर जिले के भोपालगढ़ विधानसभा क्षेत्र के हिरादेसर गांव के निवासी थे। एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रामनिवास जी ने युवावस्था में ही CRPF जॉइन कर देश सेवा का संकल्प लिया। ISA माउंट आबू से जुड़े होने के कारण वे विशेष सुरक्षा अभियानों में अपनी भूमिका निभा रहे थे।

उनकी बहादुरी और समर्पण के किस्से गांव में प्रचलित हैं। वे न केवल एक कुशल कमांडो थे, बल्कि अपने परिवार और समुदाय के लिए भी प्रेरणा स्रोत थे। शहीद होने से पहले वे नियमित ट्रेनिंग में सक्रिय थे, जो उनकी व्यावसायिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके निधन की खबर सुनते ही हिरादेसर गांव में शोक की लहर दौड़ गई, जहां ग्रामीणों ने सड़कों पर काले झंडे लहराए।

CRPF से लेकर स्थानीय नेताओं तक नमन

CRPF के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने शहीद को सलामी देते हुए कहा, "CRPF शहीद के परिवार के साथ दृढ़ता से खड़ी है।" नई दिल्ली में DG के साथ वरिष्ठ अधिकारी और जवानı ने रामनिवास जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। सोशल मीडिया पर CRPF के आधिकारिक हैंडल से जारी फोटोज में शहीद के पार्थिव शरीर को सलामी देते जवानों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।

स्थानीय स्तर पर राजस्थान के राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने शोक व्यक्त किया। भोपालगढ़ क्षेत्र के NSUI कार्यकर्ता हनुमान तारड़ ने ट्वीट कर कहा, "मातृभूमि हेतु उनका सर्वोच्च बलिदान अमर रहेगा। ईश्वर परिवार को शक्ति दें।"

इसी तरह, दीपक जाखड़ और कांता ग्वाला जैसे युवा नेता ने उन्हें शत्-शत् नमन किया। गांव के पूर्व सरपंच और ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है, जो हिरादेसर में ही होगा।

राज्य सरकार से भी मांग उठ रही है कि शहीद के परिवार को उचित आर्थिक सहायता और सम्मान प्रदान किया जाए।

पत्नी, बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता शोकाकुल

शहीद रामनिवास जी एक पारिवारिक पुरुष थे। उनके परिवार में पत्नी, दो छोटे बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता हैं, जो हिरादेसर में रहते हैं। निधन की खबर मिलते ही पूरा परिवार शोक में डूब गया। पड़ोसियों के अनुसार, रामनिवास जी परिवार के लिए कमाने वाले इकलौते सदस्य थे, और उनकी अनुपस्थिति अब घर को सूना कर देगी।

ग्रामीणों ने बताया कि शहीद के छोटे बेटे ने कहा, "पापा हमेशा कहते थे कि देश पहले है।" परिवार को सांत्वना देने के लिए स्थानीय प्रशासन और CRPF की टीम जोधपुर पहुंच रही है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .