कांग्रेस विधायकों मुकेश भाकर और मनीष यादव को एक-एक साल की सजा, 11 साल पुराने रास्ता जाम मामले में कोर्ट का फैसला
राजस्थान के कांग्रेस विधायकों मुकेश भाकर और मनीष यादव को 11 साल पुराने रास्ता जाम मामले में एक-एक साल की सजा सुनाई गई। जयपुर की ACJM-19 अदालत ने अभिषेक चौधरी सहित 9 आरोपियों को दोषी ठहराया, लेकिन सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

राजस्थान की सियासत में बड़ी खबर सामने आई है। कांग्रेस के दो विधायकों, लाडनूं से मुकेश भाकर और शाहपुरा से मनीष यादव को 11 साल पुराने रास्ता जाम करने के मामले में जयपुर की एक अदालत ने एक-एक साल की सजा सुनाई है। दोनों विधायक कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं। इसके अलावा, झोटवाड़ा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अभिषेक चौधरी सहित सात अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई गई है।
जयपुर महानगर प्रथम की ACJM-19 अदालत ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने सभी नौ आरोपियों को रास्ता रोकने और विधि विरुद्ध जमावड़े के लिए दोषी पाया। अन्य दोषियों में राजेश मीणा, रवि किराड़, वसीम खान, द्रोण यादव, भानु प्रताप सिंह और विद्याधर मील शामिल हैं। हालांकि, कोर्ट ने अपील के लिए समय देते हुए सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया है।
11 साल पुराना है मामला
यह पूरा मामला 13 अगस्त, 2014 का है, जब राजस्थान यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर JLN मार्ग पर आरोपियों ने रास्ता जाम किया था। इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था, और अब 11 साल बाद कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया।
सियासी हलचल तेज
इस फैसले के बाद राजस्थान की सियासत में हलचल तेज हो गई है। मुकेश भाकर और मनीष यादव के सजा पाने से कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है। दोनों विधायक सचिन पायलट के खेमे से हैं, और उनकी सक्रियता पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रही है। वहीं, अभिषेक चौधरी भी कांग्रेस के युवा चेहरों में से एक हैं, जिन्होंने झोटवाड़ा से चुनाव लड़ा था।
जमानत पर रिहा, अपील की तैयारी
हालांकि, अदालत ने सजा के साथ ही सभी आरोपियों को जमानत दे दी है, जिससे उन्हें तत्काल जेल नहीं जाना पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के वकील इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने की तैयारी कर रहे हैं।
विधायकों की सदस्यता पर खतरा?
भारत के कानून के अनुसार, यदि किसी विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो सकती है। चूंकि इस मामले में सजा एक साल की है, इसलिए फिलहाल मुकेश भाकर और मनीष यादव की सदस्यता पर कोई तत्काल खतरा नहीं है। फिर भी, इस फैसले का सियासी असर जरूर देखने को मिल सकता है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने अभी इस मामले पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। सचिन पायलट के करीबी नेताओं का कहना है कि यह मामला पुराना है और इसका दुरुपयोग सियासी फायदे के लिए किया जा सकता है।