बीजेपी नेता अमित मालवीय का राहुल गांधी पर विवादित हमला: सोशल मीडिया पर मिक्सिंग फोटो और कार्टून से साधा निशाना
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सोशल मीडिया के माध्यम से विवादित हमला किया। मालवीय ने राहुल गांधी की तस्वीर को पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की तस्वीर के साथ मिक्स करके और एक विवादित कार्टून साझा किया, जिसमें राहुल गांधी पर पाकिस्तान समर्थक होने का आरोप लगाया गया।

भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राहुल गांधी और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की मिक्सिंग फोटो शेयर की, जिसमें दोनों के चेहरों को एक साथ जोड़ा गया था। इसके साथ ही, उन्होंने एक कार्टून भी पोस्ट किया, जिसमें राहुल गांधी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक साथ दिखाया गया। मालवीय ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी "पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं" और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई नहीं दी। इस पोस्ट ने भारतीय राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।
मालवीय की पोस्ट, सियासी विवाद शुरू:
मालवीय ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने ऑपरेशन सिंदूर, जिसे भारत की सैन्य ताकत का प्रतीक माना जा रहा है, की सफलता पर कोई टिप्पणी नहीं की। इसके बजाय, राहुल गांधी ने भारत द्वारा ऑपरेशन के दौरान खोए गए विमानों की संख्या पर सवाल उठाए, जो मालवीय के अनुसार पाकिस्तानी नैरेटिव से मेल खाता है। मालवीय ने तंज कसते हुए पूछा, "क्या राहुल गांधी का लक्ष्य पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान प्राप्त करना है
इसके साथ ही, मालवीय ने एक मिक्सिंग फोटो शेयर की, जिसमें राहुल गांधी और आसिम मुनीर का चेहरा एक साथ जोड़ा गया था। इस फोटो को लेकर उन्होंने राहुल गांधी पर पाकिस्तान के पक्ष में बोलने का आरोप लगाया। इसके बाद, एक अन्य पोस्ट में मालवीय ने राहुल गांधी और शहबाज शरीफ को एक कार्टून में दिखाया, जिसमें राहुल को "नए युग का मीर जाफर" करार दिया गया। यह ऐतिहासिक संदर्भ मीर जाफर से लिया गया, जिन्हें भारतीय इतिहास में देशद्रोही के रूप में देखा जाता है।
ऑपरेशन सिंदूर भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के बाद चर्चा में आया है। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों, जिसमें नूर खान और रहीम यार खान एयरबेस शामिल हैं, पर हवाई हमले किए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने स्वीकार किया कि 10 मई 2025 की रात को जनरल आसिम मुनीर ने उन्हें 2:30 बजे फोन कर इन हमलों की जानकारी दी थी। भारत ने इन हमलों को आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत कदम बताया, जबकि विपक्षी नेताओं ने सरकार से इस ऑपरेशन की पारदर्शिता पर सवाल उठाए।
राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस बयान पर सवाल उठाए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पहले पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। राहुल ने इसे रणनीतिक चूक और "अक्षम्य अपराध" करार दिया। मालवीय ने राहुल के इस बयान को आधार बनाकर उन पर पाकिस्तान समर्थक होने का आरोप लगाया।
विपक्ष का सियासी जवाब
कांग्रेस ने मालवीय के इस हमले की कड़ी निंदा की है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने जवाब में कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कितने विमान मार गिराए, इसकी जानकारी डीजीएमओ ब्रीफिंग में दी जा चुकी है और विपक्ष इस पर संतुष्ट है। खेड़ा ने सरकार पर ऑपरेशन की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए और कहा कि बीजेपी व्यक्तिगत हमले कर रही है।
कांग्रेस ने मालवीय की मिक्सिंग फोटो और कार्टून को "नीच राजनीति" का उदाहरण बताया और कहा कि यह भारतीय राजनीति के स्तर को गिराने का प्रयास है। पार्टी ने मांग की कि मालवीय अपने बयानों के लिए माफी मांगें।
बीजेपी नेताओं ने किया मालवीय का समर्थन :
मालवीय के पोस्ट को बीजेपी के अन्य नेताओं का भी समर्थन मिला। असम के स्वास्थ्य मंत्री अशोक सिंघल ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट, जो ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाते हैं, पाकिस्तान में वायरल हो रहे हैं, जिससे उनकी मंशा पर सवाल उठता है।
बीजेपी के इस कदम को "देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांटने" की रणनीति बताया, जबकि अन्य ने मालवीय के तंज का समर्थन किया। एक यूजर ने लिखा, "राहुल गांधी को बार-बार भारत के नुकसान पर सवाल उठाने की बजाय पाकिस्तान के नुकसान पर भी बोलना चाहिए था।" वहीं, विपक्ष समर्थकों ने इसे बीजेपी की "गंदी राजनीति करार दिया।
निष्कर्ष
अमित मालवीय का यह विवादित पोस्ट भारतीय राजनीति में एक नया तूफान खड़ा कर सकता है। राहुल गांधी और आसिम मुनीर की मिक्सिंग फोटो के साथ-साथ शहबाज शरीफ के साथ कार्टून ने विपक्ष को बीजेपी पर हमला करने का मौका दिया है। दूसरी ओर, बीजेपी इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राहुल गांधी की स्थिति को कमजोर करने की रणनीति के रूप में देख रही है। यह विवाद आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश करेंगे।