बीकानेर के ग्रामीण इलाकों में सर्दी का प्रकोप: लूणकरनसर में पारा 9 डिग्री तक लुढ़का, महीने के अंत तक और गिरावट की चेतावनी

बीकानेर के ग्रामीण इलाकों में सर्दी तेज, लूणकरनसर में पारा 9.2 डिग्री तक गिरा; नागौर 8 डिग्री के साथ सबसे ठंडा, स्कूल समय बदला, महीने अंत तक और गिरावट की चेतावनी।

Nov 12, 2025 - 13:20
बीकानेर के ग्रामीण इलाकों में सर्दी का प्रकोप: लूणकरनसर में पारा 9 डिग्री तक लुढ़का, महीने के अंत तक और गिरावट की चेतावनी

बीकानेर, 12 नवंबर 2025: राजस्थान के बीकानेर संभाग में सर्दी ने दस्तक दे दी है और ग्रामीण इलाकों में इसका असर शहरों से कहीं ज्यादा हो रहा है। बीते 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लूणकरनसर तहसील में पारा 9.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि बीकानेर शहर में न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस पर अटका हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर के आखिरी सप्ताह में तापमान में और 2-3 डिग्री की गिरावट आ सकती है, जिससे कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो जाएगा।

तापमान का हाल: ग्रामीण इलाकों में शहर से ज्यादा ठंड बीकानेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सर्द हवाओं का प्रवेश होने से ठंड ने जोर पकड़ लिया है। लूणकरनसर, जो बीकानेर का एक प्रमुख ग्रामीण ब्लॉक है, यहां न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह आंकड़ा जिले के अन्य हिस्सों से काफी नीचे है, जहां कोलायत और खाजूवाला जैसे क्षेत्रों में तापमान 10-11 डिग्री के बीच रहा। शहर में जहां सुबह-शाम की ठंड अभी सहनीय है, वहीं ग्रामीण इलाकों में सूखी और तेज हवाओं के कारण सर्दी का असर दोगुना हो गया है।सीमावर्ती जिलों की स्थिति भी चिंताजनक है। नागौर जिला प्रदेश का सबसे ठंडा इलाका साबित हुआ, जहां न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। चूरू में 9.5 डिग्री, जबकि जोधपुर और जैसलमेर के कुछ हिस्सों में 10 डिग्री से नीचे तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने बताया, "पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर-पश्चिमी हवाएं तेज हो रही हैं, जो ठंड को बढ़ा रही हैं। अगले 4-5 दिनों में बीकानेर संभाग में पारा 7-8 डिग्री तक लुढ़क सकता है।"

प्रभाव: स्कूलों पर ब्रेक, किसानों की चिंता बढ़ी बढ़ती ठंड ने दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह 8 बजे से पहले घर से निकलना मुश्किल हो गया है। बच्चों की पढ़ाई पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। बीकानेर जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी कर प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के समय में बदलाव किया है। अब स्कूल सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेंगे, ताकि बच्चे कड़ाके की ठंड से बच सकें। लूणकरनसर के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा, "छात्रों को ठंड लगने की शिकायतें बढ़ गई हैं। समय बदलना जरूरी था।"किसानों के लिए भी यह ठंड मुसीबत बन रही है। सरसों और गेहूं की फसलें बोने का समय है, लेकिन अचानक ठंड से बीज अंकुरित न होने का खतरा है। बीकानेर के किसान ने बताया, "ग्रामीण इलाकों में कोहरा भी छाने लगा है, जिससे खेतों में काम रुक गया है। सरकार को सब्सिडी पर गर्म कपड़े और हीटर उपलब्ध कराने चाहिए।" इसके अलावा, छोटे कारोबारियों को भी नुकसान हो रहा है। बाजारों में ग्राहकी कम हो गई है, और रेहड़ी-पटरी वाले सुबह देर से खोल रहे हैं।

स्वास्थ्य जोखिम: डॉक्टरों की सलाह ठंड बढ़ने से सांस की बीमारियों, जोड़ों के दर्द और निमोनिया के मामले बढ़ सकते हैं। जिला चिकित्सा अधिकारी ने चेतावनी दी, "बुजुर्गों और बच्चों को घर से बाहर कम निकलें। गर्म कपड़े पहनें, भाप लें और गर्मागर्म भोजन करें। कोहरे के कारण वाहन चालकों को सावधानी बरतनी चाहिए।" अस्पतालों में ओपीडी में मरीजों की संख्या 20 प्रतिशत बढ़ गई है।

पूर्वानुमान: कड़ाके की ठंड का अलर्ट मौसम विभाग ने बीकानेर और आसपास के जिलों के लिए कोल्ड वेव अलर्ट जारी किया है। अगले सप्ताह तक अधिकतम तापमान 22-24 डिग्री के बीच रहेगा, लेकिन न्यूनतम में गिरावट जारी रहेगी। महीने के अंत तक पारा 6-7 डिग्री तक पहुंच सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर में यह ठंड और तीव्र हो जाएगी।