बयाना की भावड़ा गली में पानी की किल्लत: रात 3 बजे मात्र 10 मिनट की सप्लाई, परेशान निवासियों ने किया प्रदर्शन, आंदोलन की दी चेतावनी

बयाना की भावड़ा गली में पानी की भीषण किल्लत, कुंडा टंकी से रात 3 बजे सिर्फ 10 मिनट पानी मिलने से परेशान लोगों ने जलदाय विभाग कार्यालय पर प्रदर्शन किया। सप्लाई समय बदलने व पर्याप्त पानी की मांग की, नहीं सुनी गई तो बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।

Nov 20, 2025 - 15:24
बयाना की भावड़ा गली में पानी की किल्लत: रात 3 बजे मात्र 10 मिनट की सप्लाई, परेशान निवासियों ने किया प्रदर्शन, आंदोलन की दी चेतावनी

बयाना (भरतपुर), 20 नवंबर 2025: राजस्थान के भरतपुर जिले के बयाना कस्बे में पानी की समस्या ने अब विकराल रूप धारण कर लिया है। खासकर भावड़ा गली के निवासियों को कुंडा स्थित ओवरहेड टैंक से रात के 3 बजे मात्र 10 मिनट के लिए ही पानी की सप्लाई हो रही है, जो उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बिल्कुल अपर्याप्त साबित हो रही है। इस लंबे समय से चली आ रही समस्या से त्रस्त लोगों ने गुरुवार दोपहर को जलदाय विभाग के कार्यालय परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। नारेबाजी करते हुए उन्होंने पानी की सप्लाई के समय में बदलाव और पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति की मांग की है। यदि जल्द समाधान न हुआ, तो बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी भी दी गई है।

समस्या की जड़ें: पुरानी टंकी और अपर्याप्त दबाव भावड़ा गली, जो बयाना कस्बे के एक घनी आबादी वाले इलाके में स्थित है, यहां के सैकड़ों परिवारों को वर्षों से पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, कुंडा क्षेत्र में स्थित पुरानी जल टंकी से पानी की सप्लाई का दबाव बेहद कमजोर है। रात के 3 बजे शुरू होने वाली यह सप्लाई केवल 10 मिनट तक चलती है, जिस दौरान अधिकांश घरों में पानी का एक-दो बाल्टी भरना भी मुश्किल हो जाता है। गर्मियों के मौसम में तो यह समस्या और गंभीर हो जाती है, जब पानी की मांग चरम पर होती है।निवासियों ने बताया कि सुबह उठते ही पानी भरने की होड़ लग जाती है, लेकिन इतनी कम अवधि में सबकी बारी आना असंभव है। कई परिवारों को मजबूरन महंगे दामों पर टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं या दूर के हैंडपंपों पर निर्भर होना पड़ रहा है। महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि घरेलू कामकाज के लिए साफ पानी की कमी से दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। एक स्थानीय निवासी, रमेश शर्मा ने कहा, "हम रात भर जागते हैं कि कहीं पानी आ जाए, लेकिन 10 मिनट में क्या हो जाता है? यह कोई जीवन नहीं है। विभाग ने कई शिकायतें सुनीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।"

प्रदर्शन का दौर: नारों से गूंजा जलदाय कार्यालय गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे, भावड़ा गली के करीब 50 से अधिक निवासियों ने जलदाय विभाग के कार्यालय पर धरना दिया। हाथों में बैनर और तख्तियां थामे वे 'पानी दो, अन्यथा आंदोलन छेड़ेंगे', 'जलदाय विभाग जागो, बयाना जागो' जैसे नारों से कार्यालय परिसर को गुंजायमान कर दिया। उन्होंने बताया कि यह पहला मौका नहीं है जब ऐसी शिकायतें उठाई गई हैं। पिछले छह महीनों में विभाग को कम से कम आधा दर्जन ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।प्रदर्शन के दौरान महिलाओं का एक बड़ा समूह भी शामिल था, जिन्होंने अपनी व्यथा व्यक्त की। एक महिला, ने भावुक होकर कहा, "बच्चों को स्कूल भेजने से पहले पानी न मिले, तो क्या करें? हमारी मेहनत की कमाई टैंकरों पर खर्च हो रही है।" प्रदर्शनकारियों ने विभाग के अधिकारियों से तत्काल मुलाकात की मांग की, लेकिन शुरुआत में कोई प्रतिनिधि उपलब्ध न होने पर हंगामा बढ़ गया। आखिरकार, कार्यकारी अभियंता ने आश्वासन दिया कि समस्या का जल्द सर्वे कराया जाएगा।

मांगें साफ: समय बदलें, सप्लाई बढ़ाएं निवासियों की मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:सप्लाई का समय बदलाव: रात 3 बजे के बजाय सुबह 5 से 7 बजे तक सप्लाई हो, ताकि लोग सुविधाजनक समय पर पानी भर सकें। दबाव बढ़ाना: टंकी के पाइपलाइन और पंप की मरम्मत कर दबाव मजबूत किया जाए, जिससे कम से कम 30-45 मिनट की सप्लाई सुनिश्चित हो। नई टंकी का निर्माण: लंबे समय के समाधान के रूप में भावड़ा गली के निकट एक नई जल टंकी बनाई जाए। नियमित जांच: विभाग द्वारा मासिक आधार पर सप्लाई की निगरानी की जाए। यदि इन मांगों पर एक सप्ताह के अंदर अमल न हुआ, तो निवासी बड़े पैमाने पर आंदोलन की योजना बना रहे हैं, जिसमें कस्बे भर के अन्य प्रभावित इलाकों को भी जोड़ा जा सकता है।

विभाग का पक्ष: सर्वे का वादा, लेकिन चुनौतियां बरकरार जलदाय विभाग के कार्यकारी अभियंता, ने प्रदर्शन के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, "हम समस्या से अवगत हैं। पुरानी इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण दबाव कम है, लेकिन बजट की कमी से तत्काल मरम्मत मुश्किल है। फिर भी, अगले कुछ दिनों में एक टीम सर्वे के लिए भेजी जाएगी। संभवतः पाइपलाइन की सफाई और अस्थायी पंप लगाकर राहत दी जा सकेगी।" हालांकि, विभाग की इस प्रतिक्रिया पर निवासियों का भरोसा कम है, क्योंकि पिछले वादों पर अमल नहीं हुआ।

व्यापक संदर्भ: बयाना में पानी संकट का दर्द बयाना कस्बा, जो भरतपुर जिले का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है, यहां की आबादी करीब 30 हजार है। गर्म जलवायु और घटते भूजल स्तर के कारण पूरे क्षेत्र में पानी की समस्या आम है, लेकिन भावड़ा गली जैसे पुराने मोहल्लों में यह सबसे गंभीर रूप ले चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार, जल संरक्षण के उपायों जैसे वर्षा जल संचयन और पाइपलाइन नेटवर्क के आधुनिकीकरण की जरूरत है। स्थानीय प्रशासन ने भी जिला कलेक्टर को अवगत कराया है, जो उच्च स्तरीय बैठक बुलाने पर विचार कर रहे हैं।