बाड़मेर के युवक की सऊदी अरब में रहस्यमयी मौत: 9 दिन पहले हुई थी परिवार से आखिरी बात, डेढ़ महीने पहले नौकरी के लिए गया था विदेश
बाड़मेर के बालोतरा क्षेत्र के 19 साल के रमेश कुमार की सऊदी अरब में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, डेढ़ महीने पहले ही गया था नौकरी करने, 13 नवंबर को परिवार से आखिरी बात हुई थी, सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने विदेश मंत्री से शव लाने और जांच की मांग की।
बाड़मेर/बालोतरा, 22 नवंबर 2025: राजस्थान के बाड़मेर जिले के बालोतरा क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है। यहां की गिड़ा मेघवालों की ढाणी सोहडा निवासी मात्र 19 वर्षीय युवक रमेश कुमार की सऊदी अरब में अचानक मौत हो गई। रमेश ने करीब डेढ़ महीने पहले ही रोजगार की तलाश में सऊदी अरब का रुख किया था, लेकिन 9 दिन पहले परिवार से हुई आखिरी बातचीत के बाद उसका फोन स्विच ऑफ आ गया। मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है, जिससे परिवार में कोहराम मच गया है। आर्थिक रूप से कमजोर इस परिवार को न्याय दिलाने और शव को भारत लाने के लिए स्थानीय सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
युवक की विदेश यात्रा और आखिरी संपर्क; रमेश कुमार पुत्र खम्माराम मेघवाल एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखता था। बालोतरा के ग्रामीण इलाके में रहने वाले इस परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि रमेश को मजबूरी में विदेश जाने का फैसला करना पड़ा। 11 अक्टूबर 2025 को वह सऊदी अरब रवाना हुआ था, जहां वह निर्माण कार्य या अन्य मजदूरी के काम की तलाश में गया था। विदेश जाने से पहले रमेश ने परिवार को आश्वासन दिया था कि वह जल्द ही अच्छी कमाई करके लौटेगा और घर की तंगहाली को दूर करेगा।सऊदी पहुंचने के बाद रमेश ने शुरुआती दिनों में परिवार से नियमित संपर्क रखा। वह अपनी जॉब की तलाश, वहां की जिंदगी और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताता रहा। लेकिन 13 नवंबर 2025 को हुई आखिरी फोन कॉल के बाद सब कुछ बदल गया। उस दिन रमेश ने परिवार से बात की, जिसमें वह सामान्य लग रहा था। कॉल के बाद जब परिवार ने दोबारा संपर्क करने की कोशिश की, तो उसका फोन बंद आया। शुरुआत में परिवार ने सोचा कि शायद नेटवर्क की समस्या होगी या बैटरी खत्म हो गई होगी, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, चिंता बढ़ती गई। 22 नवंबर तक कोई खबर न मिलने पर परिवार ने स्थानीय प्रशासन और सांसद से मदद की गुहार लगाई।
मौत की खबर और परिवार का बुरा हाल; कई दिनों की चुप्पी के बाद सऊदी अरब से एक सदमे वाली खबर आई। रमेश की मौत हो चुकी थी, लेकिन मौत के सटीक कारण का अभी तक पता नहीं चल सका है। क्या यह दुर्घटना थी, बीमारी, हादसा या कोई अन्य कारण? ये सवाल परिवार के दिमाग में घूम रहे हैं। सऊदी में रह रहे अन्य भारतीय मजदूरों या एजेंटों के माध्यम से यह खबर परिवार तक पहुंची, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। मृतक के शव को भारत लाने की प्रक्रिया जटिल है, जिसमें कानूनी औपचारिकताएं, पोस्टमॉर्टम और डिप्लोमेटिक चैनलों की जरूरत पड़ती है।परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। रमेश के पिता खम्माराम, जो खुद एक छोटे किसान हैं, इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। मां और भाई-बहनों का भी यही कहना है कि रमेश परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। "वह इतना सपने देखता था, विदेश जाकर सबको सुखी बनाने का। अब वह चला गया, और हमें उसके शव तक नहीं मिल रहा," एक परिजन ने आंसू भरी आंखों से बताया। परिवार के पास विदेश जाकर कानूनी कार्रवाई करने या सऊदी प्रशासन से संपर्क करने के लिए न तो पैसे हैं और न ही संसाधन। वे पूरी तरह से सरकारी मदद पर निर्भर हैं।
सांसद का सक्रिय हस्तक्षेप; इस मामले में सबसे बड़ी राहत बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने प्रदान की। उन्होंने तुरंत विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को एक विस्तृत पत्र लिखा, जिसमें रमेश की मौत के कारणों की निष्पक्ष जांच, शव को तत्काल भारत लाने और परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की गई है। पत्र में सांसद ने जोर देकर कहा कि परिवार आर्थिक रूप से इतना कमजोर है कि वह खुद कोई कदम नहीं उठा सकता। "भारतीय नागरिकों की विदेश में सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप जरूरी है," सांसद ने पत्र में लिखा।सांसद बेनीवाल ने स्थानीय प्रशासन को भी निर्देश दिए हैं कि परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए। वे खुद परिवार से मिलने और मामले की फॉलो-अप करने की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे मामले बार-बार हो रहे हैं, और विदेश मंत्रालय को मजदूरों के लिए बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाने चाहिए।