बाड़मेर पुलिस को मिली नई मोबाइल फोरेंसिक लैब वैन: घटना स्थल पर ही सबूतों की 14 प्रकार से होगी जांच, आरोपियों को पकड़ने में मिलेगी बड़ी मदद
बाड़मेर पुलिस को नई मोबाइल फोरेंसिक लैब वैन मिली, जो घटना स्थल पर ही 14 प्रकार के सबूतों की वैज्ञानिक जांच करेगी और अपराधियों को तेजी से पकड़ने में मदद करेगी।
बाड़मेर, 4 नवंबर 2025:
राजस्थान के बाड़मेर जिले की पुलिस को अपराध जांच के क्षेत्र में एक बड़ा तोहफा मिला है। यहां पुलिस विभाग को एक अत्याधुनिक मोबाइल फोरेंसिक लैब वैन सौंप दी गई है, जो अब घटना स्थल पर ही अपराध के सबूतों की तुरंत और वैज्ञानिक जांच संभव बना देगी। इस वैन के माध्यम से 14 विभिन्न प्रकार के सबूतों का विश्लेषण किया जा सकेगा, जिससे अपराधियों को पकड़ने की प्रक्रिया तेज और सटीक हो जाएगी। यह नई सुविधा न केवल जांच की गुणवत्ता को बढ़ाएगी, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया को भी सुगम बनाएगी।
मोबाइल फोरेंसिक लैब वैन का उद्घाटन और महत्व: बाड़मेर जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) के नेतृत्व में आयोजित एक समारोह में इस मोबाइल फोरेंसिक लैब वैन का औपचारिक उद्घाटन किया गया। यह वैन राजस्थान पुलिस की ओर से प्रदान की गई है, जो राज्य स्तर पर चलाई जा रही फोरेंसिक सुविधाओं के विस्तार का हिस्सा है। एसपी ने बताया कि बाड़मेर जैसे विस्तारित और रेगिस्तानी इलाके में अपराध जांच में देरी एक बड़ी समस्या रही है। पारंपरिक रूप से सबूतों को जयपुर या अन्य शहरों की फोरेंसिक लैबों में भेजना पड़ता था, जिससे जांच में हफ्तों लग जाते थे। लेकिन अब यह वैन घटना स्थल पर ही पहुंचकर सबूत इकट्ठा करेगी और प्रारंभिक विश्लेषण करेगी, जिससे अपराधियों की गिरफ्तारी में 50% तक तेजी आ सकती है।इस वैन की एक प्रमुख खासियत यह है कि यह पूरी तरह से स्वायत्त (सेल्फ-कंटेन्ड) है। इसमें जीपीएस सिस्टम, उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरे, डिजिटल फिंगरप्रिंट स्कैनर और विभिन्न वैज्ञानिक उपकरण फिट किए गए हैं। वैन को विशेष रूप से रेगिस्तानी इलाकों के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें धूल-मिट्टी प्रतिरोधी फीचर्स हैं।
14 प्रकार के सबूतों की जांच: तकनीकी क्षमताएं मोबाइल फोरेंसिक लैब वैन की सबसे बड़ी ताकत इसकी बहुमुखी जांच क्षमता है। यह वैन घटना स्थल पर ही 14 विभिन्न प्रकार के सबूतों का डिजिटल और वैज्ञानिक विश्लेषण कर सकती है। ये सबूत अपराध की प्रकृति के आधार पर एकत्र किए जाते हैं और वैन के अंदर लगे उपकरणों से तुरंत प्रोसेस हो जाते हैं। मुख्य जांच प्रकार निम्नलिखित हैं:फिंगरप्रिंट विश्लेषण: डिजिटल स्कैनर से उंगलियों के निशान की तुलना डेटाबेस से।
डीएनए सैंपल: रक्त, बाल या ऊतक सैंपल का प्रारंभिक जेनेटिक टेस्ट।
बैलिस्टिक्स: हथियारों से छोड़े गए गोलियों का ट्रेसिंग।
डिजिटल फोरेंसिक्स: मोबाइल फोन, लैपटॉप या सीसीटीवी फुटेज का डेटा रिकवरी।
ट्रेस एविडेंस: कपड़े के रेशे, मिट्टी या रसायनों का माइक्रोस्कोपिक परीक्षण।
ड्रग्स और नशीले पदार्थ: सैंपल का स्पेक्ट्रोमीटर से विश्लेषण।
ब्लड अल्कोहल कंटेंट: श्वास या रक्त से नशे का स्तर मापना।
फायर आर्म्स रेसिड्यू: गोली चलाने के अवशेषों की पहचान।
व्हीकल फोरेंसिक्स: दुर्घटना स्थल पर टायर मार्क्स या पेंट चिप्स का परीक्षण।
साउंड और वॉयस एनालिसिस: ऑडियो रिकॉर्डिंग से आवाज की पहचान।
फुटप्रिंट्स और टूल मार्क्स: जूतों या औजारों के निशानों का मैचिंग।
केमिकल रेसिड्यू: जहर या विस्फोटक अवशेषों का टेस्ट।
बायोमेट्रिक डेटा: चेहरे या आइरिस स्कैन से पहचान।
साइट डॉक्यूमेंटेशन: 3डी स्कैनिंग से घटना स्थल का डिजिटल मॉडल बनाना।
इन सभी जांचों के लिए वैन में लैपटॉप, स्पेक्ट्रोमीटर, माइक्रोस्कोप और केमिकल एनालाइजर जैसे उन्नत उपकरण मौजूद हैं। जांच के परिणाम डिजिटल रूप में रीयल-टाइम में पुलिस हेडक्वार्टर को भेजे जा सकेंगे, जिससे चेन ऑफ कस्टडी (सबूतों की श्रृंखला) बरकरार रहेगी।अपराधियों को पकड़ने में कैसे मिलेगी मदद?बाड़मेर क्षेत्र में चोरी, हत्या, नशीले पदार्थों की तस्करी और वाहन चोरी जैसे अपराध आम हैं। इस वैन के आने से पुलिस को कई फायदे होंगे:तेज जांच: घटना के 24 घंटे के अंदर प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार हो जाएगी, जिससे फरार अपराधी जल्द पकड़े जा सकेंगे।
सटीकता: वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर झूठे मामलों की पहचान और सही दोषी को सजा सुनिश्चित होगी।
संसाधन बचत: सबूतों को दूर लैब भेजने की जरूरत नहीं, जिससे समय और खर्च बचेगा।
प्रशिक्षण: वैन के साथ 10 पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है, जो फील्ड में इसका संचालन करेंगे।
भविष्य की योजनाएं; राजस्थान पुलिस ने ऐसी वैनें अन्य जिलों में भी तैनात करने की योजना बनाई है। बाड़मेर में यह वैन तत्काल प्रभाव से कार्यरत हो चुकी है और पहले ही एक चोरी के मामले में सफलतापूर्वक इस्तेमाल की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अपराध दर में 20-30% की कमी आ सकती है।