"बैल की जगह हल खींचते बुजुर्ग दंपति की मार्मिक कहानी, सोनू सूद ने बढ़ाया मदद का हाथ"
महाराष्ट्र के लातूर जिले के हाडोल्टी गांव में 65 वर्षीय बुजुर्ग किसान दंपति, अंबादास और मुक्ताबाई पवार, बैल की जगह खुद हल खींचकर खेत जोतते हुए वायरल वीडियो में नजर आए। उनकी आर्थिक तंगी और मेहनत ने सोशल मीडिया पर लोगों को भावुक कर दिया। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने X पर मदद का वादा किया, लिखा- "आप नंबर भेजिए, हम बैल भेजते हैं।" यह मामला विधानसभा तक पहुंचा, जहां सरकार ने सहायता का आश्वासन दिया।

महाराष्ट्र के लातूर जिले के हाडोल्टी गांव से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो न केवल दिल को झकझोर देती है, बल्कि इंसानियत और मेहनत की एक अनोखी मिसाल भी पेश करती है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में 75 वर्षीय बुजुर्ग किसान दंपति, अंबादास पवार और उनकी पत्नी मुक्ताबाई पवार, बैल की जगह खुद हल खींचते नजर आ रहे हैं। यह दृश्य केवल उनकी मजबूरी को नहीं, बल्कि उनके अटूट हौसले और जज्बे को भी दर्शाता है। इस वीडियो ने न केवल आम लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद के दिल को भी छू लिया, जिन्होंने तुरंत मदद का हाथ बढ़ाया।आर्थिक तंगी के कारण उनके पास न तो बैल खरीदने के लिए पैसे हैं और न ही ट्रैक्टर किराए पर लेने की क्षमता। बीज, खाद और मजदूरों की बढ़ती लागत ने उनकी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। कई बार फसल खराब होने के कारण उन्हें भारी नुकसान भी उठाना पड़ा। मजबूरी में, अंबादास खुद हल खींचते हैं, जबकि उनकी पत्नी पीछे से हल की मूठ थामकर खेत जोतती हैं। यह दृश्य देखकर हर कोई भावुक हो उठता है, क्योंकि यह न केवल उनकी गरीबी को दर्शाता है, बल्कि उनके कठिन परिश्रम और आत्मसम्मान को भी उजागर करता है।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और लोगों ने इस बुजुर्ग दंपति की मदद के लिए आवाज उठानी शुरू कर दी। इस मार्मिक कहानी की गूंज महाराष्ट्र विधानसभा तक पहुंची, जहां विपक्षी नेताओं ने किसानों की बदहाली का मुद्दा उठाया। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सदन में इस दंपति का जिक्र करते हुए सरकार से तत्काल मदद की मांग की। इसके जवाब में कृषि मंत्री ने आर्थिक सहायता और उपकरण उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
सोनू सूद का नेक कदम
इस वीडियो को देखकर बॉलीवुड अभिनेता और समाजसेवी सोनू सूद का दिल पसीज गया। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, "आप नंबर भेजिए, हम बैल भेजते हैं।" इसके साथ ही, जब एक यूजर ने उन्हें ट्रैक्टर भेजने का सुझाव दिया, तो सोनू ने जवाब दिया, "हमारे इस किसान भाई को ट्रैक्टर चलाना नहीं आता, इसलिए बैल ही बेहतर हैं।" उनकी इस संवेदनशीलता और तत्परता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के लिए मसीहा भी हैं। सोनू सूद ने अपने सूद चैरिटी फाउंडेशन के जरिए इस दंपति के लिए बैल की जोड़ी भेजने का वादा किया है।
सामाजिक और सरकारी प्रतिक्रिया
इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इस दंपति की हिम्मत की तारीफ की और सरकार से उनकी मदद की मांग की। न्यूज 24 की खबर के बाद लातूर के कृषि अधिकारी सचिन बावगे ने कहा कि इस दंपति को आर्थिक मदद और खेती के उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। यह मामला न केवल इस दंपति की कहानी को सामने लाया, बल्कि देश में किसानों की बदहाली और कृषि नीतियों की कमियों को भी उजागर करता है। बढ़ती लागत, प्राकृतिक अनिश्चितताओं और अपर्याप्त सरकारी समर्थन ने लाखों किसानों को ऐसी ही मजबूरी में धकेल दिया है।
भावुकता
यह कहानी केवल एक बुजुर्ग दंपति की नहीं, बल्कि उन लाखों किसानों की है, जो दिन-रात मेहनत करते हैं, ताकि देश का पेट भर सके। अंबादास और मुक्ताबाई की मेहनत और मजबूरी की यह तस्वीर हर उस व्यक्ति को सोचने पर मजबूर करती है, जो अपने आरामदायक जीवन में व्यस्त है। उनकी यह जद्दोजहद हमें याद दिलाती है कि हमारे अन्नदाता कितनी मुश्किलों का सामना करते हैं। सोनू सूद जैसे लोग, जो बिना किसी स्वार्थ के मदद के लिए आगे आते हैं, हमें यह भी सिखाते हैं कि इंसानियत अभी जिंदा है।यह वीडियो और इसकी कहानी न केवल हमें भावुक करती है, बल्कि समाज और सरकार को यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे किसानों के लिए और क्या किया जा सकता है, ताकि उन्हें ऐसी मजबूरी का सामना न करना पड़े।