‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज: कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म को मिली हरी झंडी

राजस्थान के उदयपुर में 2022 में हुए कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार रिलीज की अनुमति मिल गई है। यह फिल्म 8 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। विजय राज अभिनीत यह अपराध ड्रामा संवेदनशील मुद्दों को उठाता है और इसे लेकर कई विवाद भी सामने आए।

Aug 7, 2025 - 14:04
‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज: कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म को मिली हरी झंडी

विवादों में रही फिल्म

‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज को लेकर शुरुआत से ही विवाद छाए रहे। जुलाई 2025 में दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी थी, क्योंकि जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि यह फिल्म सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे सकती है और चल रहे मुकदमे को प्रभावित कर सकती है। याचिकाकर्ताओं ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के प्रमाणन पर भी सवाल उठाए थे।

कानूनी प्रक्रिया और सेंसर बोर्ड के कट

दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को फिल्म की समीक्षा करने का निर्देश दिया था। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत एक समिति गठित की, जिसने फिल्म में 55 कट्स और डिस्क्लेमर में बदलाव की सिफारिश की। निर्माता अमित जानी ने इन बदलावों को स्वीकार किया, जिसके बाद मंत्रालय ने फिल्म को रिलीज की मंजूरी दे दी।

फिल्म की कहानी और कलाकार

‘उदयपुर फाइल्स’ उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की 2022 में हुई निर्मम हत्या की सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में विजय राज मुख्य भूमिका में हैं, जो कन्हैया लाल का किरदार निभा रहे हैं। इसके अलावा, राजनीश दुग्गल, प्रीति झंगियानी, और कमलेश सावंत जैसे कलाकार भी फिल्म का हिस्सा हैं। यह फिल्म हत्या के पीछे की परिस्थितियों, सामाजिक प्रभावों और न्याय की लड़ाई को दर्शाती है।

रिलीज की तारीख और निर्माता की प्रतिक्रिया

निर्देशक भरत श्रीनाथ ने घोषणा की कि फिल्म 8 अगस्त 2025 को विश्व स्तर पर रिलीज होगी। निर्माता अमित जानी ने कहा कि फिल्म को संतुलित और संवेदनशील तरीके से बनाया गया है, जिसका उद्देश्य किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं, बल्कि एक वास्तविक घटना को सामने लाना है।

सामाजिक और कानूनी प्रभाव

यह फिल्म न केवल एक अपराध ड्रामा है, बल्कि सामाजिक संवेदनशीलता और कानूनी प्रक्रियाओं पर भी सवाल उठाती है। कन्हैया लाल की हत्या ने देश में व्यापक आक्रोश पैदा किया था, और इस फिल्म के जरिए निर्माता उस घटना की सच्चाई को सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं।