शादी की खुशियों पर मौत का साया: अहमदाबाद प्लेन क्रैश ने छीना नवविवाहिता का सुहाग

गुजरात के वडोदरा में माहेश्वरी परिवार की शादी की खुशियां दो दिन बाद ही मातम में बदल गईं। 10 जून 2025 को कोर्ट मैरिज करने वाले भाविक माहेश्वरी की अहमदाबाद से लंदन जाने वाली एयर इंडिया फ्लाइट AI171 के क्रैश होने से मौत हो गई। हादसे में 265 लोगों की जान गई, जिसने कई परिवारों के सपनों को चकनाचूर कर दिया।

Jun 13, 2025 - 17:09
शादी की खुशियों पर मौत का साया: अहमदाबाद प्लेन क्रैश ने छीना नवविवाहिता का सुहाग

गुजरात के वडोदरा शहर के वाड़ी इलाके में माहेश्वरी परिवार के घर में दो दिन पहले तक शहनाइयों की गूंज थी। 10 जून 2025 को उनके बेटे भाविक माहेश्वरी की कोर्ट मैरिज हुई थी, और पूरा परिवार खुशी से झूम रहा था। लेकिन किसे पता था कि यह खुशी महज दो दिन की मेहमान होगी? 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने इस परिवार की सारी खुशियाँ छीन लीं। भाविक, जो अपनी नई-नवेली दुल्हन को विदा देकर लंदन लौट रहे थे, उस एयर इंडिया फ्लाइट AI171 में सवार थे, जो उड़ान भरने के कुछ ही पलों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे ने न केवल भाविक की जिंदगी छीनी, बल्कि उनके परिवार के सपनों और अरमानों को भी राख कर दिया।

एक सपने भरी शुरुआत

भाविक माहेश्वरी कई सालों से लंदन में नौकरी कर रहे थे। हर साल वह 15 दिनों की छुट्टी लेकर वडोदरा अपने परिवार से मिलने आते थे। इस बार जब वह आए, तो परिवार ने उनसे शादी की बात की। उनकी मंगनी पहले ही हो चुकी थी, और परिवार की सहमति से 10 जून को कोर्ट में उनकी शादी संपन्न हुई। नई दुल्हन ने हँसते-मुस्कुराते हुए अपने पति को लंदन के लिए विदा किया। उस पल किसी के मन में यह ख्याल भी नहीं था कि यह विदाई हमेशा के लिए होगी।

खुशियों पर मौत का साया

12 जून 2025 को दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, उड़ान के 33 सेकंड बाद ही एक मेडिकल कॉलेज और आसपास के रिहायशी इलाके में जा गिरी। विमान के जमीन से टकराते ही भीषण आग लग गई, और यह हादसा भारत के विमानन इतिहास की सबसे भयावह त्रासदियों में से एक बन गया। इस हादसे में 265 लोगों की जान चली गई, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। इनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी थे, जो अपनी पत्नी और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे।

माहेश्वरी परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

जैसे ही विमान हादसे की खबर माहेश्वरी परिवार तक पहुँची, उनके घर में मातम छा गया। भाविक के पिता अभी भी इस सदमे को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उनकी माँ और नवविवाहिता पत्नी के आंसुओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। दो दिन पहले जिस घर में मिठाइयाँ बँटी थीं, वहाँ अब सन्नाटा पसरा है। परिवार के एक सदस्य ने बताया, "हमने सोचा था कि भाविक की शादी के बाद हमारा घर और रौनक से भर जाएगा, लेकिन अब तो सब कुछ खत्म हो गया।" भाविक की पत्नी, जिसने अभी-अभी अपने पति के साथ जिंदगी के सपने सँजोने शुरू किए थे, अब अकेले उस दर्द को सह रही है, जो शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।

हादसे ने बिखेरे कई सपने

भाविक की कहानी इस हादसे की अकेली त्रासदी नहीं है। फ्लाइट AI171 में सवार हर यात्री के पीछे एक कहानी थी, एक सपना था। कोई अपनी बेटी को दादा-दादी के पास छोड़कर लंदन लौट रहा था, तो कोई छुट्टियाँ मनाने जा रहा था। राजस्थान की खुशबू राजपुरोहित, जिनकी शादी को सिर्फ पाँच महीने हुए थे, अपने पति से मिलने लंदन जा रही थीं। उनका विदाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह हँसते हुए अपने परिवार को अलविदा कह रही थीं। लेकिन वह कभी अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच पाईं।

उदयपुर के शुभ मोदी और उनकी बहन शगुन, जो अपने पिता के मार्बल व्यवसाय में मदद करते थे, भी इस हादसे का शिकार हुए। बिकानेर के अभिनव परिहार, एक कृत्रिम आभूषण व्यवसायी, अपने सपनों को नई उड़ान देने की तैयारी में थे। गुजरात के आनंद जिले के 33 लोग यात्र, वडोदरा के 19, और खेड़ा के 17 लोग इस विमान में सवार थे। इनमें कई परिवार ऐसे थे, जो ईद और शादियों के बाद अपने घरों को लौट रहे थे।

एक चमत्कार: इकलौता बचा यात्री

इस भयानक हादसे में सिर्फ एक यात्री, 38 साल के ब्रिटिश नागरिक विशाल कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से बच गए। वह सीट 11A पर बैठे थे, जो इमरजेंसी एक्जिट के पास थी। हादसे के बाद वह इमरजेंसी एक्जिट से बाहर निकलने में कामयाब रहे और उन्हें मामूली चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। 

हादसे के मलबे में सब कुछ जलकर राख हो गया, लेकिन एक चमत्कार तब हुआ, जब मलबे से श्रीमद्भगवद गीता की एक प्रति पूरी तरह सुरक्षित मिली। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, और कई लोगों ने इसे सनातन धर्म की अमरता से जोड़ा।

एक अनसुनी पुकार 

यह हादसा केवल एक विमान दुर्घटना नहीं, बल्कि उन सैकड़ों परिवारों की त्रासदी है, जिनके सपने पलभर में चूर-चूर हो गए। भाविक माहेश्वरी की कहानी इस दुख का एक छोटा हिस्सा है। उनकी नवविवाहिता पत्नी, जो अभी शादी के सपने सँजो रही थी, अब अपने सुहाग के बिना जिंदगी का सामना कर रही है। यह हादस हमें विमानन सुरक्षा की कमियों को दूर करने और अनमोल जिंदगियों को बचाने की जरूरत की याद दिलाता है। क्या हम इन त्रासदियों से सबक लेंगे, या यह दुख का सिलसिला यों ही चलता रहेगा? 

न खत्म होने वाला इंतजार

इस हादसे ने न केवल भाविक माहेश्वरी जैसे नवविवाहितों के सपनों को चकनाचूर किया, बल्कि अनगिनत परिवारों के भविष्य को भी तबाह कर दिया। कोई अपने बेटे का इंतजार कर रहा है, कोई अपनी बेटी का, तो कोई अपने माता-पिता का। लेकिन यह इंतजार अब कभी पूरा नहीं होगा। अहमदाबाद का यह हादसा देश के सबसे भयावह विमान हादसों में से एक है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।