चुनाव आयोग ने की उपराष्ट्रपति चुनाव की घोषणा: 9 सितंबर को होगा मतदान, उसी दिन आएगा परिणाम,आख़िर कौन बनेगा देश का अगला VP?

भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? यह सवाल हर किसी के मन में है, क्योंकि चुनाव आयोग ने 9 सितंबर 2025 को उपराष्ट्रपति उपचुनाव की तारीख घोषित कर दी है। उसी दिन वोटों की गिनती के बाद परिणाम भी सामने आएगा। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद यह चुनाव जरूरी हो गया। नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त है। लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों का इलेक्टोरल कॉलेज गुप्त मतदान और सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम से नए उपराष्ट्रपति का चयन करेगा। देश की निगाहें अब इस मुकाबले पर टिकी हैं!

Aug 1, 2025 - 13:47
चुनाव आयोग ने की उपराष्ट्रपति चुनाव की घोषणा: 9 सितंबर को होगा मतदान, उसी दिन आएगा परिणाम,आख़िर कौन बनेगा देश का अगला VP?

नई दिल्ली: भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए बहुप्रतीक्षित चुनाव की तारीख आखिरकार घोषित हो गई है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 को एक अधिसूचना जारी कर बताया कि उपराष्ट्रपति का उपचुनाव 9 सितंबर 2025 को होगा। इस दिन मतदान के बाद वोटों की गिनती होगी और परिणाम भी उसी दिन घोषित कर दिए जाएंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद यह चुनाव जरूरी हो गया था, और अब पूरे देश की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा।

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने बनाया चुनाव का आधार

21 जुलाई 2025 को जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। अपने त्यागपत्र में उन्होंने लिखा, "स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं।" धनखड़ के इस अप्रत्याशित कदम के बाद चुनाव आयोग ने तेजी से कदम उठाते हुए 22 जुलाई को गृह मंत्रालय की अधिसूचना के आधार पर चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी। 

 उपराष्ट्रपति का पद भारत में राष्ट्रपति के बाद दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। यह न केवल संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है, जो संसद के उच्च सदन की कार्यवाही को संचालित करता है। धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह पद रिक्त है, और संविधान के प्रावधानों के अनुसार इसे जल्द से जल्द भरा जाना आवश्यक है।

संवैधानिक प्रावधान और चुनाव प्रक्रिया

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत, उपराष्ट्रपति का चुनाव भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की जिम्मेदारी है। अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल (इलेक्टोरल कॉलेज) द्वारा किया जाता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत दोनों तरह के सदस्य शामिल होते हैं। 

उम्मीदवार चुनाव प्रक्रिया अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Proportional Representation) के तहत सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (Single Transferable Vote) और गुप्त मतदान के माध्यम से होती है। इस प्रक्रिया में राज्य विधानसभाओं के सदस्यों की कोई भूमिका नहीं होती, जो इसे राष्ट्रपति चुनाव से अलग बनाती है। 

उपराष्ट्रपति पद के लिए पात्र होने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं पूरी करनी होंगी:

भारत का नागरिक हो।

कम से कम 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।

राज्यसभा का सदस्य चुने जाने की योग्यता रखता हो।

केंद्र या राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर न हो।

इसके अलावा, उम्मीदवार के नामांकन के लिए कम से कम 20 निर्वाचकों (सांसदों) को प्रस्तावक और 20 निर्वाचकों को अनुमोदक के रूप में समर्थन देना होगा। प्रत्येक उम्मीदवार को भारतीय रिजर्व बैंक में 15,000 रुपये की जमानत राशि भी जमा करनी होगी।

 उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का विस्तृत शेड्यूलचुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निम्नलिखित कार्यक्रम जारी किया है:

चुनाव अधिसूचना जारी करने की तिथि: 7 अगस्त 2025 (गुरुवार) 

नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि: 21 अगस्त 2025 (गुरुवार)

नामांकन पत्रों की जांच: 22 अगस्त 2025 (शुक्रवार)

उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि: 25 अगस्त 2025 (सोमवार)

मतदान की तिथि: 9 सितंबर 2025 (मंगलवार)

मतदान का समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक

मतगणना और परिणाम की घोषणा: 9 सितंबर 2025 (मंगलवार) 

चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। निर्वाचक मंडल की सूची, जिसमें सभी सांसदों के नवीनतम पते शामिल हैं, तैयार कर ली गई है और यह अधिसूचना की तारीख से आयोग के कार्यालय में उपलब्ध होगी।

रिटर्निंग ऑफिसर और सहायक नियुक्त

चुनाव आयोग ने विधि और न्याय मंत्रालय के परामर्श और राज्यसभा के उपसभापति की सहमति से राज्यसभा के महासचिव को उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया है। इसके अलावा, राज्यसभा सचिवालय की संयुक्त सचिव गरिमा जैन और निदेशक विजय कुमार को सहायक रिटर्निंग ऑफिसर बनाया गया है। 

राजनीतिक समीकरण और संभावित उम्मीदवार

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने आधिकारिक तौर पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। हालांकि, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार को लेकर चर्चाएं तेज हैं। सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा के वर्तमान उपसभापति हरिवंश का नाम सबसे आगे चल रहा है। 

वर्तमान में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की कुल संख्या 786 है, और एनडीए के पास 422 सांसदों का समर्थन है। यदि विपक्षी गठबंधन कोई उम्मीदवार नहीं उतारता, तो एनडीए का उम्मीदवार निर्विरोध चुना जा सकता है। हालांकि, विपक्षी दलों की रणनीति और उनके संभावित उम्मीदवार पर भी सभी की नजरें टिकी हैं।

क्यों महत्वपूर्ण है उपराष्ट्रपति का पद?

उपराष्ट्रपति का पद न केवल संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राष्ट्रपति के उत्तराधिकारी के रूप में भी पहली पंक्ति में होता है। यदि राष्ट्रपति का पद किसी कारणवश रिक्त हो जाता है, तो उपराष्ट्रपति अस्थायी रूप से राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करता है। साथ ही, राज्यसभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति संसद के उच्च सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

9 सितंबर 2025 को होने वाला उपराष्ट्रपति चुनाव न केवल भारत के संवैधानिक ढांचे के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की राजनीतिक दिशा को भी प्रभावित कर सकता है। चुनाव आयोग की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, और अब देश इंतजार कर रहा है कि इस प्रतिष्ठित पद पर कौन आसीन होगा।