62 वर्षीय महिला से 77 लाख की ठगी, सेक्सटॉर्शन का भी खुलासा

62 वर्षीय नीरू से डिजिटल अरेस्ट घोटाले में 77 लाख की ठगी, पुलिस ने नौ महीने बाद पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। जांच में सेक्सटॉर्शन के सबूत भी मिले, केवल 3 लाख रुपये वापस मिले।

Jul 28, 2025 - 13:26
62 वर्षीय महिला से 77 लाख की ठगी, सेक्सटॉर्शन का भी खुलासा

दिल्ली के वसंत कुंज में रहने वाली 62 वर्षीय पूर्व शिक्षिका नीरू को एक डिजिटल अरेस्ट घोटाले का शिकार होना पड़ा, जिसमें उनके साथ 77 लाख रुपये की ठगी हुई। यह घटना अगस्त 2024 में शुरू हुई, जब नीरू अपनी न्यूरोलॉजिकल बीमारी के लिए नियमित रूप से ली जाने वाली नींद की गोलियों को खरीदने के लिए ऑनलाइन दवा दुकानों की वेबसाइट्स ब्राउज़ कर रही थीं। दवाइयाँ ऑर्डर करने के बाद, उन्हें एक कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) का अधिकारी बताया और उन पर अवैध ड्रग्स खरीदने का आरोप लगाया।

धमकी और ठगी का जाल

कॉलर ने दावा किया कि नीरू पर दिल्ली में ड्रग्स की सप्लाई का संदेह है। डर के मारे, नीरू ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए 3 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए, जैसा कि 'NCB अधिकारी' ने उन्हें निर्देश दिया था। उनके पास दो विकल्प थे: या तो पैसा ट्रांसफर करें या गिरफ्तारी वारंट का सामना करें।

दस दिन बाद, एक और व्यक्ति ने नीरू से संपर्क किया, जिसने खुद को NCB का 'अच्छा पुलिसवाला' बताया। इस व्यक्ति ने नीरू का भरोसा जीता और दावा किया कि वह उनकी बेगुनाही साबित करेगा और उनका पैसा वापस दिलाएगा। दो दिन बाद, नीरू के खाते में 20,000 रुपये जमा हुए, जिसे 'पहली किश्त' बताया गया। इस छोटी राशि ने नीरू का भरोसा और मजबूत कर दिया।

व्हाट्सएप कॉल और स्क्रीन शेयरिंग का धोखा

इसके बाद, नीरू को एक व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया, जिसमें चार लोग शामिल थे, जिनमें 'अच्छा पुलिसवाला' भी था। इन 'अधिकारियों' ने नीरू से अपनी स्क्रीन शेयर करने और बैंक खाता खोलने को कहा, ताकि उनका पैसा वापस किया जा सके। भरोसा करते हुए, नीरू ने निर्देशों का पालन किया, जिससे ठगों को उनके नेट बैंकिंग तक पहुंच मिल गई।

कुछ ही देर में, नीरू के फोन पर 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की कई डेबिट ट्रांजेक्शन की सूचनाएँ आने लगीं। जब उन्होंने 'अच्छे पुलिसवाले' को कॉल किया, तो उसका फोन बंद था। तब तक ठग उनके खाते से 77 लाख रुपये निकाल चुके थे।

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियाँ

24 सितंबर 2024 को, नीरू ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट में शिकायत दर्ज की। एसीपी मनोज कुमार और सब-इंस्पेक्टर कर्मवीर की अगुवाई में एक टीम ने जांच शुरू की।

नौ महीने की गहन जांच के बाद, 24 जून 2025 को पुलिस को एक अहम सुराग मिला। दिल्ली के मुखर्जी नगर में किराए के फ्लैट से मुख्य आरोपी अखिलेश को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में अखिलेश ने स्वीकार किया कि उसने अपने साथियों अमजद, शाहिद, शकील और हामिद के साथ मिलकर नीरू के बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर किए। उसने बताया कि वीडियो कॉल के जरिए स्क्रीन शेयर करवाकर उन्होंने खाते तक पहुंच बनाई थी।

27 जून को, पुलिस ने हरियाणा के पुन्हाना में छापा मारकर अमजद और उसके साले शाहिद को गिरफ्तार किया। अमजद ने स्वीकार किया कि उसने 'अच्छे पुलिसवाले' बनकर नीरू का भरोसा जीता था। उसने अपने दोस्त शकील और हामिद के साथ मिलकर नीरू को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर ठगी की थी। हामिद ने 'बुरे पुलिसवाले' की भूमिका निभाई थी।

1 जुलाई को, राजस्थान के डीग में हामिद और शकील को गिरफ्तार किया गया, बावजूद इसके कि स्थानीय ग्रामीणों ने उनकी रिहाई की कोशिश की।

अन्य अपराधों का खुलासा

पुलिस ने पांचों आरोपियों के मोबाइल फोनों की जांच की, जिसमें अन्य पीड़ितों के साथ सेक्सटॉर्शन के सबूत मिले। इसकी जांच अभी जारी है। नीरू को अब तक केवल 3 लाख रुपये वापस मिले हैं, और पुलिस उन कई बैंक खातों की जांच कर रही है, जिनके जरिए पैसे इधर-उधर किए गए।

Yashaswani Journalist at The Khatak .