बासनपीर में छतरी विवाद: थार की शांति पर सवाल, कांग्रेस का मोहब्बत मार्च फतेहगढ़ में अटका
जैसलमेर के बासनपीर में छतरी पुनर्निर्माण विवाद के बीच प्रशासन ने धारा 163 लागू कर कांग्रेस नेताओं के काफिले को फतेहगढ़ में रोका। हरीश चौधरी और उम्मेदाराम बेनीवाल सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित करने गए थे।

राजस्थान के जैसलमेर जिले के बासनपीर गांव में ऐतिहासिक छतरियों के पुनर्निर्माण को लेकर छह साल से चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, बायतु विधायक हरीश चौधरी और पूर्व मंत्री सालेह मोहम्मद अपने समर्थकों के साथ बासनपीर में सर्वधर्म प्रार्थना सभा और गांधी राम धुन संकीर्तन आयोजित करने निकले थे। लेकिन, प्रशासन ने धारा 163 के तहत लागू पाबंदियों का हवाला देते हुए फतेहगढ़ में उनके काफिले को रोक दिया। इस घटना ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है, और थार के भाईचारे पर सवाल उठ रहे हैं।
विवाद की जड़: छतरियों का इतिहास
बासनपीर गांव में वीर योद्धाओं रामचंद्र सिंह सोढ़ा और हदूद पालीवाल की स्मृति में बनी ऐतिहासिक छतरियां स्थानीय लोगों के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक हैं। 2019 में एक शिक्षक द्वारा सफाई के नाम पर इन छतरियों को कथित तौर पर तोड़े जाने के बाद विवाद शुरू हुआ। झुंझार धरोहर बचाओ संघर्ष समिति और हिंदू संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया, जिसके बाद पूरे जिले में आंदोलन हुए। 2021 में कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर प्रशासन की मध्यस्थता में दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी, और पुनर्निर्माण शुरू हुआ। लेकिन, तनाव बढ़ने के कारण काम को फिर से रोक दिया गया।
10 जुलाई 2025 को जब छतरियों का निर्माण कार्य दोबारा शुरू हुआ, तो एक समुदाय विशेष ने इसका विरोध किया। इस दौरान पथराव की घटना हुई, जिसमें झुंझार संघर्ष समिति के गणपत सिंह नोडियाला, एक पुलिसकर्मी और कई अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 16 महिलाएं शामिल थीं। इस घटना के बाद प्रशासन ने बासनपीर में धारा 163 लागू कर दी, जिसके तहत पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने, हथियार ले जाने, रैली या सभा आयोजित करने पर रोक है।
शनिवार की घटना: काफिला रोका गया
शनिवार सुबह बायतु विधायक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मध्यप्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने बासनपीर में सर्वधर्म प्रार्थना सभा और गांधी राम धुन संकीर्तन आयोजित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, "थार का क्षेत्र भाईचारे और अपणायत के लिए जाना जाता है। कुछ लोग नफरत और जहर फैलाने का काम कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। हम मोहब्बत की दुकान लगाने जा रहे हैं।" चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल प्रशासन पर दबाव बनाकर एकतरफा माहौल बना रहा है।
हालांकि, जैसलमेर प्रशासन ने इस आयोजन की अनुमति नहीं दी। बासनपीर से करीब 100 किलोमीटर पहले फतेहगढ़ में पुलिस ने बैरिकेडिंग कर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, विधायक हरीश चौधरी और उनके समर्थकों का काफिला रोक दिया। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने फतेहगढ़ में ही सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित करने का फैसला किया। पुलिस ने जैसलमेर-बाड़मेर सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है।
बीजेपी का पलटवार
10 जुलाई की घटना के बाद जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी, पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी और शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी बासनपीर पहुंचे थे। रविंद्र सिंह भाटी ने बिना नाम लिए कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, "जब विवाद हुआ, तब ये लोग नहीं आए। अब ये नफरत की दुकान खोलने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने प्रशासन से कांग्रेस नेताओं को गांव में जाने की अनुमति देने की मांग की, ताकि उनकी "वास्तविकता" सामने आ सके।
पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी ने गांव में डेरा डालकर छतरियों का पुनर्निर्माण पूरा करवाया। उन्होंने कहा, "यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, और इसे पूरा करना हमारी जिम्मेदारी थी।" जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी ने जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस मामले की विस्तृत जानकारी दी और एक ज्ञापन सौंपा।
वर्तमान स्थिति: तनाव और सतर्कता
13 जुलाई 2025 को छतरियों का पुनर्निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, और अगले महीने इनमें प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन होगा। झुंझार धरोहर संरक्षण समिति के सचिव हरिसिंह मिठड़ाऊ ने बताया कि इस अवसर पर रात्रि जागरण सहित एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
हालांकि, बासनपीर में अभी भी तनाव का माहौल है। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम है, और ग्रामीणों में भय व्याप्त है। जैसलमेर पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया, "स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन हम किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं।" गांव में भारी पुलिस बल तैनात है, और एक अस्थाई पुलिस चौकी भी स्थापित की गई है। उप-विभागीय मजिस्ट्रेट सक्षम गोयल ने चेतावनी दी है कि धारा 163 का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
सामाजिक समरसता पर सवाल
बासनपीर की घटना ने थार के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित किया है। बाड़मेर के समाजसेवी रमेश सिंह इंदा ने कहा, "थार का क्षेत्र हमेशा से भाईचारे और आपसी सौहार्द के लिए जाना जाता है। असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।" स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह विवाद न केवल आस्था और धरोहर का मामला है, बल्कि इसमें राजनीतिक और सामाजिक आयाम भी जुड़ गए हैं।