अमरनाथ की पवित्र यात्रा में जोधपुर की सोनादेवी की दुखद मृत्यु, लैंडस्लाइड में दूसरों को बचाते हुए गंवाई जान !
जोधपुर की 55 वर्षीय सोनादेवी, जिनका दिल धार्मिक भक्ति और मानवता से भरा था, 16 जुलाई 2025 को अमरनाथ यात्रा के दौरान एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गईं। बालटाल मार्ग पर रेलपथरी में भूस्खलन की चपेट में आकर उन्होंने एक अन्य श्रद्धालु को बचाने की कोशिश की, लेकिन खुद अपनी जान गंवा दी।सोनादेवी की यह यात्रा उनकी अंतिम यात्रा बन गई। उनका शव श्रीनगर से जयपुर और फिर जोधपुर लाया जाएगा, जहां उनका परिवार और चांदपोल बड़ी भील बस्ती का समुदाय शोक में डूबा है।

जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में अमरनाथ यात्रा के बालटाल मार्ग पर बुधवार (16 जुलाई 2025) देर शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें जोधपुर की 55 वर्षीय सोनादेवी की भूस्खलन की चपेट में आकर मृत्यु हो गई। यह घटना रेलपथरी क्षेत्र में हुई, जहां भारी बारिश के कारण अचानक भूस्खलन शुरू हो गया। इस आपदा में चार श्रद्धालु मलबे की चपेट में आ गए, लेकिन सोनादेवी ने मानवता की अनूठी मिसाल पेश करते हुए एक अन्य महिला श्रद्धालु को बचाने की कोशिश की। इस प्रयास में वे खुद मलबे की चपेट में आ गईं और उनकी जान चली गई।
हादसे का दिल दहलाने वाला मंजर
जानकारी के अनुसार, बुधवार शाम को बालटाल मार्ग पर रेलपथरी के पास जेड मोड़ पर भारी बारिश के कारण पहाड़ से पानी और मलबा अचानक यात्रा मार्ग पर आ गया। इस भूस्खलन में चार श्रद्धालु बह गए, जिनमें से सोनादेवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें तुरंत बालटाल बेस कैंप के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे में तीन अन्य श्रद्धालु घायल हुए, जिनका इलाज चल रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में सैकड़ों तीर्थयात्री कीचड़ और मलबे के बीच फंसे नजर आए, जिसमें कुछ लोग रेलिंग पकड़कर अपनी जान बचाने की कोशिश करते दिखे।
सोनादेवी: धार्मिक यात्राओं की नियमित यात्री
जोधपुर के चांदपोल बड़ी भील बस्ती की रहने वाली सोनादेवी हर साल अपने मोहल्ले की 35-40 महिलाओं के साथ तीर्थयात्रा पर जाया करती थीं। इस बार भी वे 8 जुलाई को नौ महिलाओं के एक समूह के साथ अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुई थीं। उनके बेटे गोविंद ने बताया, "मां हर साल तीर्थयात्रा पर जाती थीं। इस बार भी वे बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए उत्साहित थीं। हमें यकीन नहीं हो रहा कि यह उनकी आखिरी यात्रा बन गई।" परिवार को बुधवार देर रात इस हादसे की सूचना मिली, जिसके बाद घर में मातम छा गया।
शव को जयपुर लाने की तैयारी
सोनादेवी का शव श्रीनगर से हवाई मार्ग के जरिए जयपुर लाया जाएगा। इसके बाद एंबुलेंस के माध्यम से इसे जोधपुर के चांदपोल बड़ी भील बस्ती स्थित उनके निवास पर लाया जाएगा, जहां अंतिम दर्शन के लिए लोग एकत्र होंगे। परिवार और मोहल्ले के लोग इस दुखद खबर से स्तब्ध हैं और सोनादेवी की मानवता और धार्मिक निष्ठा को याद कर रहे हैं।
अमरनाथ यात्रा पर असर
लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण अमरनाथ यात्रा को गुरुवार (17 जुलाई 2025) के लिए स्थगित कर दिया गया। कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया कि दोनों बेस कैंप, पहलगाम और बालटाल, से पवित्र गुफा की ओर किसी भी तरह की आवाजाही की अनुमति नहीं दी गई। हालांकि, पंचतरणी शिविर में रुके यात्रियों को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और पर्वतीय बचाव दलों की मदद से बालटाल की ओर भेजा गया।
सेना और बचाव दलों का सराहनीय योगदान
हादसे की सूचना मिलते ही भारतीय सेना, एनडीआरएफ, और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। सेना ने रायलपथरी और ब्रारमर्ग के बीच फंसे 500 से अधिक तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला और उन्हें भोजन व चिकित्सा सुविधा प्रदान की। एक बीमार यात्री को बचाने के लिए सेना की क्विक रिएक्शन टीम ने जोखिम भरे हालात में स्ट्रेचर के सहारे मैनुअल इवैक्यूएशन किया।
इस हादसे ने अमरनाथ यात्रा मार्ग की सुरक्षा को लेकर सवाल भी खड़े किए हैं। प्रशासन और श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन प्रकृति की अनिश्चितता के सामने कई चुनौतियां बनी हुई हैं।