सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर उदयपुर में जोशोखरोश से मनाया गया 'राष्ट्रीय एकता दिवस', स्वदेशी अपनाने की शपथ के साथ युवाओं ने निकाली भव्य यूनिटी मार्च
उदयपुर में सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर यूनिटी मार्च निकाला गया, जिसमें छात्रों, एनसीसी, एनएसएस और आम नागरिकों ने भाग लिया तथा स्वदेशी उत्पाद अपनाने की शपथ ली।
देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर पूरे देश में 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। राजस्थान के उदयपुर शहर में भी इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने के लिए बुधवार को एक भव्य 'यूनिटी मार्च' का आयोजन किया गया। यह मार्च न केवल युवाओं और छात्रों के बीच एकता का संदेश प्रसारित करने का माध्यम बना, बल्कि इसमें सभी प्रतिभागियों ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की विशेष शपथ भी ली। मार्च में स्कूल-कॉलेज के हजारों छात्र-छात्राएं, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड के सदस्यों के साथ-साथ आम नागरिकों और भाजपा के युवा कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे शहर की सड़कें देशभक्ति के नारों और तिरंगे के रंगों से सराबोर हो गईं।
यूनिटी मार्च का शानदार आगाज: टाउन हॉल से शुरू होकर शहर भर में गूंजा एकता का उद्घोष उदयपुर के ऐतिहासिक टाउन हॉल से प्रारंभ हुआ यह यूनिटी मार्च शहर के प्रमुख मार्गों—जैसे सूरजपोल, चेतक सर्कल, हिरण मगरी और अशोका उद्यान—से गुजरते हुए अंत में फिर टाउन हॉल पर ही समाप्त हुआ। मार्च की शुरुआत हरी झंडी दिखाकर की गई, जिसमें सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) जितेंद्र ओझा, भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष गजपाल सिंह सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन अतिथियों ने न केवल मार्च को ध्वजांकन किया, बल्कि प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए सरदार पटेल के योगदान को याद किया। सांसद डॉ. रावत ने कहा, "सरदार पटेल ने 562 रियासतों को एक सूत्र में बांधकर आधुनिक भारत की नींव रखी। आज हमारा कर्तव्य है कि उनकी एकता की भावना को जीवंत रखें और स्वदेशी को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करें।"मार्च में शामिल युवाओं ने हाथों में तिरंगे झंडे लहराते हुए 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम' और 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' जैसे नारे लगाए। विशेष रूप से भाजपा की युवा मोर्चा की इकाइयों ने पूरे दमखम के साथ भाग लिया, जिसमें युवा नेता और कार्यकर्ताओं ने सरदार पटेल के चित्र और स्वदेशी उत्पादों के बैनर थामे हुए थे। मार्च की लंबाई लगभग 5 किलोमीटर रही, और इसमें अनुमानित 5,000 से अधिक लोग शामिल हुए, जो उदयपुर की सड़कों पर एक जीवंत मानव श्रृंखला का रूप ले चुके थे।
स्वदेशी अपनाने की शपथ: आत्मनिर्भर भारत का संकल्प मार्च के समापन पर आयोजित मुख्य समारोह में सभी प्रतिभागियों को स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की औपचारिक शपथ दिलाई गई। एडीएम जितेंद्र ओझा ने शपथ पत्रिका का पाठ कराया, जिसमें प्रतिज्ञा की गई कि "हम सरदार पटेल के स्वदेशी आंदोलन के सिद्धांतों का पालन करेंगे और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करते हुए भारतीय उत्पादों का उपयोग बढ़ाएंगे।" यह शपथ विशेष रूप से युवाओं के बीच लोकप्रिय रही, क्योंकि कई छात्रों ने बताया कि वे अब से 'मेक इन इंडिया' अभियान को प्राथमिकता देंगे। शपथ समारोह के दौरान सरदार पटेल के जीवन पर आधारित एक छोटा सा वीडियो भी दिखाया गया, जिसमें उनके स्वतंत्रता संग्राम और एकीकरण अभियान की झलकियां प्रस्तुत की गईं।भाजपा शहर जिला अध्यक्ष गजपाल सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "यह मार्च केवल एक जुलूस नहीं, बल्कि एक संकल्प है। सरदार पटेल की जयंती पर हम न केवल उनकी स्मृति को नमन कर रहे हैं, बल्कि उनकी विचारधारा को युवा पीढ़ी तक पहुंचा रहे हैं। स्वदेशी अपनाना ही सच्ची देशभक्ति है।" उनके अलावा, स्थानीय स्कूलों के प्राचार्यों और एनएसएस के समन्वयकों ने भी छात्रों को प्रेरित करने वाले संदेश दिए।
छात्रों की भारी भागीदारी: स्कूल-कॉलेज से उमड़ी भारी भीड़ इस कार्यक्रम की सबसे प्रेरणादायक विशेषता रही स्कूल और कॉलेज के छात्रों की सक्रिय भागीदारी। उदयपुर के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी, उदयपुर विश्वविद्यालय के अंगीक्षित कॉलेजों, सरदार पटेल पब्लिक स्कूल, के.पी. हाई स्कूल और अन्य से सैकड़ों छात्र शामिल हुए। एनसीसी और एनएसएस की टुकड़ियां अनुशासनबद्ध तरीके से मार्च करती नजर आईं, जबकि स्काउट-गाइड के सदस्यों ने पर्यावरण संरक्षण और एकता के संदेश वाले पोस्टर थामे थे। एक छात्रा ने बताया, "सरदार पटेल हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। इस मार्च ने हमें एकजुट होने का महत्व सिखाया। हम स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करके देश की सेवा करेंगे।"मार्च के दौरान सड़क किनारे खड़े नागरिकों ने भी तालियां बजाकर और नारों से समर्थन दिया, जिससे माहौल और भी उत्साही हो गया। प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए थे, ताकि मार्च सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
राष्ट्रीय एकता दिवस का व्यापक संदेश: उदयपुर से निकला प्रेरणा का प्रकाश सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित यह कार्यक्रम उदयपुर में ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान में एकता और स्वदेशी के प्रति जागरूकता फैलाने का माध्यम बना। केंद्र सरकार के 'एकता पर्व' अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम ने युवाओं को देश सेवा के लिए प्रोत्साहित किया। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आयोजन न केवल ऐतिहासिक घटनाओं को जीवंत रखते हैं, बल्कि वर्तमान चुनौतियों जैसे आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी मजबूत करते हैं।उदयपुर के इस यूनिटी मार्च ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सरदार पटेल का 'एक भारत' का सपना आज भी प्रासंगिक है। आने वाले दिनों में शहर में और भी कार्यक्रम आयोजित होने की संभावना है, जो युवाओं को उनकी विरासत से जोड़ेंगे। यह आयोजन निश्चित रूप से उदयपुरवासियों के दिलों में एकता का बीज बोने में सफल रहा।