प्रतिस्पर्धा के जमाने में तनाव चरम पर दसवीं के परिणाम के बाद राजस्थान में दो स्टूडेंट ने उठाया गलत कदम
कल राजस्थान बोर्ड के दसवीं का परिणाम जारी हुआ। प्रतियोगिता और प्रतिस्पर्धा के जमाने में स्टूडेंट अपने परिणाम से खुश नहीं हो पाते हैं। और कभी कभी यह तनाव की स्थिति गलत कदम उठाने की स्थिति तक आ जाती हैं।
कल राजस्थान बोर्ड के दसवीं का परिणाम जारी हुआ। प्रतियोगिता और प्रतिस्पर्धा के जमाने में स्टूडेंट अपने परिणाम से खुश नहीं हो पाते हैं।
और कभी कभी यह तनाव की स्थिति गलत कदम उठाने की स्थिति तक आ जाती हैं।
पहली घटना:
दसवीं के रिजल्ट के बाद कोटा के विज्ञान नगर का रहने वाले दुष्यंत साहू (17) ने ट्रेड के आगे कूदकर जान दे दी। छात्र की मौके पर ही मौत हो गई।
दुष्यंत 10वीं की परीक्षा के बाद कोटा में ही बेकरी की शॉप पर काम करने लग गया था। शाम को 4 बजे रिजल्ट आने के बाद बेकरी मालिक ने दुष्यंत को बाइक देकर कुछ सामान लेने भेजा। इसके बाद जब डेढ़ घंटे तक वापिस नहीं लौटा तो बेकरी मालिक ने घरवालों को सूचना दी।
वहीं दुष्यंत के दोस्तों ने बताया कि शाम 5: 30 बजे के करीब गली में ही वो मिलने आया था। उसके 53 प्रतिशत बने थे। इस बारे में उसने दोस्तों को बताया था।
दुष्यंत के मामा का कहना हैं कि वो पढाई में अच्छा था और फर्स्ट डिविजन से पास होने की उम्मीद थी। दुष्यंत के पिता हलवाई का काम करते हैं। उद्योग नगर थाना के ASI हरवीर सिंह का कहना है कि संजय नगर रेल्वे क्रॉसिंग के पास दुष्यंत का शव मिला था। परिजनों ने आत्महत्या का कारण कम पर्सेंटेज आना हैं और कोई तनाव उसे नहीं था।
दूसरी घटना:
फर्स्ट डिविजन पास होने के बावजूद भी फंदे से लटकी छात्रा
डूंगरपुर जिले के गोकुलपुरा गांव में 16 साल की छात्रा सुहानी ने रिजल्ट के बाद बुधवार रात 11बजे घर में फांसी लगाकर जिंदगी को समाप्त कर दिया।
सुहानी के दसवीं बोर्ड में कम नंबर आने के कारण वो परेशान थी। उम्मीद से कम नंबर से परेशान छात्रा ने जघन्य कदम उठाया।
16 से 17 साल के छात्रों द्वारा महज दसवीं के परिणाम की वजह से इस तरह के कदम उठाना चिंताजनक स्थिति को पैदा करते हैं।