आतंकी से राष्ट्रपति: ट्रम्प की अल-शरा से ऐतिहासिक मुलाकात, सीरिया पर प्रतिबंध हटाए

14 मई 2025 को रियाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से मुलाकात की, जो पहले अल-कायदा से जुड़े आतंकी थे। ट्रम्प ने अल-शरा को "काबिल" बताया और 1979 से सीरिया पर लगे अमेरिकी प्रतिबंध हटा दिए। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस मुलाकात में अहम भूमिका निभाई। यह 25 साल में अमेरिका-सीरिया के नेताओं की पहली मुलाकात थी, जिसने भूराजनीतिक समीकरणों को प्रभावित किया। अल-शरा, जिन पर 2017 में अमेरिका ने ₹84 करोड़ का इनाम रखा था, अब सीरिया के पुनर्निर्माण के लिए पश्चिमी समर्थन मांग रहे हैं। इस कदम की इजरायल और मानवाधिकार संगठनों ने आलोचना की, जबकि सऊदी और तुर्की ने समर्थन किया।

May 15, 2025 - 17:49
May 15, 2025 - 17:52
आतंकी से राष्ट्रपति: ट्रम्प की अल-शरा से ऐतिहासिक मुलाकात, सीरिया पर प्रतिबंध हटाए

14 मई 2025 को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से मुलाकात की, जो कभी अल-कायदा से जुड़े आतंकी के रूप में कुख्यात थे। इस मुलाकात ने वैश्विक कूटनीति में एक नया मोड़ ला दिया, क्योंकि अमेरिका ने न केवल अल-शरा से हाथ मिलाया, बल्कि 1979 से सीरिया पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटाने का ऐलान भी किया। इस मुलाकात में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी मौजूद थे, जिन्होंने इस वार्ता को संभव बनाया। यह मुलाकात 25 वर्षों में अमेरिका और सीरिया के शीर्ष नेताओं के बीच पहली बैठक थी।

अहमद अल-शरा, जिन्हें पहले अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से जाना जाता था, 1982 में सऊदी अरब के रियाद में जन्मे अल-शरा ने 2003 में अमेरिकी आक्रमण के बाद इराक में अल-कायदा के साथ मिलकर अमेरिकी सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी। 2006 से 2011 तक वे अमेरिकी हिरासत में रहे। बाद में, उन्होंने सीरिया में हयात तहरीर अल-शाम (HTS) संगठन की स्थापना की, जिसे अमेरिका और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने आतंकी संगठन घोषित किया था। दिसंबर 2017 में अमेरिका ने अल-शरा पर 10 मिलियन डॉलर (लगभग ₹84 करोड़) का इनाम रखा था।

2024 में HTS के नेतृत्व में बशर अल-असद की सरकार का तख्तापलट हुआ, और जनवरी 2025 में अल-शरा को सीरिया का अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त किया गया। सत्ता में आने के बाद, अल-शरा ने खुद को उदारवादी और प्रगतिशील नेता के रूप में पेश किया। वे अब सूट-बूट में नजर आते हैं और सीरिया के पुनर्निर्माण के लिए पश्चिमी प्रतिबंध हटाने की वकालत करते हैं।

ट्रम्प-अल-शरा मुलाकात

रियाद में सऊदी-अमेरिका इन्वेस्टमेंट फोरम के दौरान हुई इस मुलाकात में ट्रम्प ने अल-शरा की तारीफ करते हुए उन्हें "युवा, आकर्षक, और मजबूत योद्धा" बताया। ट्रम्प ने कहा कि अल-शरा के पास सीरिया में ऐतिहासिक बदलाव लाने का मौका है। उन्होंने अल-शरा से इजरायल के साथ संबंध सामान्य करने, विदेशी आतंकवादियों को देश से बाहर करने, और आईएसआईएस के पुनरुत्थान को रोकने में अमेरिका का सहयोग करने का आग्रह किया।

मुलाकात के दौरान तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने फोन कॉल के जरिए हिस्सा लिया, जबकि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस वार्ता को व्यवस्थित करने में अहम भूमिका निभाई। यह मुलाकात लगभग 33 मिनट तक चली और बंद कमरे में हुई, जिससे पत्रकारों को कोई जानकारी नहीं दी गई।

ट्रम्प ने 13 मई 2025 को रियाद में ऐलान किया कि अमेरिका सीरिया पर 1979 से लगे प्रतिबंधों को हटा रहा है। इन प्रतिबंधों को बशर अल-असद शासन के मानवाधिकार उल्लंघन और आतंकवाद को समर्थन देने के कारण लगाया गया था। ट्रम्प ने कहा, "सीरिया को अब शांति और तरक्की का मौका मिलना चाहिए।" इस ऐलान के बाद सीरिया की राजधानी दमिश्क में लोगों ने आतिशबाजी और जश्न के साथ इसका स्वागत किया।

इस फैसले को सऊदी क्राउन प्रिंस और तुर्की के राष्ट्रपति ने समर्थन दिया, जबकि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे गलत कदम बताते हुए चेतावनी दी थी। नेतन्याहू का मानना है कि अल-शरा का आतंकी अतीत क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा हो सकता है।

ट्रम्प की इस मुलाकात ने कई सवाल खड़े किए हैं। मानवाधिकार संगठनों ने इसे "न्याय और सुरक्षा के सिद्धांतों के साथ विश्वासघात" करार दिया। आलोचकों का कहना है कि एक पूर्व आतंकी को वैध शासक के रूप में स्वीकार करना खतरनाक उदाहरण स्थापित करता है। कुछ का मानना है कि ट्रम्प ने यह कदम सऊदी अरब के दबाव और व्यापारिक हितों के कारण उठाया, क्योंकि सऊदी ने अमेरिका में 600 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है।

वहीं, समर्थकों का कहना है कि यह कदम सीरिया के पुनर्निर्माण और शरणार्थियों की वापसी के लिए जरूरी था। सीरिया के विदेश मंत्रालय ने इसे "महत्वपूर्ण मोड़" बताते हुए कहा कि इससे देश को स्थिरता और आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ने का मौका मिलेगा।

भूराजनीतिक प्रभाव

यह मुलाकात और प्रतिबंधों का हटना मध्य और पश्चिम एशिया की भूराजनीति को नया आकार दे सकता है। सऊदी अरब और तुर्की के समर्थन से अल-शरा की सरकार को मजबूती मिली है, जबकि इजरायल और ईरान जैसे देशों के लिए यह चिंता का विषय है। ट्रम्प का यह कदम अमेरिका-रूस की प्रतिद्वंद्विता को भी प्रभावित कर सकता है, क्योंकि रूस लंबे समय से सीरिया में असद शासन का समर्थक रहा है।

ट्रम्प और अल-शरा की मुलाकात ने वैश्विक कूटनीति में एक नया अध्याय जोड़ा है। एक समय अमेरिका का दुश्मन रहा अल-शरा अब सीरिया का नेतृत्व कर रहा है, और ट्रम्प का यह कदम सीरिया को वैश्विक मंच पर वापस लाने की कोशिश है। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ