सीकर में अंधड़ और बारिश का कहर: एसके अस्पताल में बिजली गुल, वेंटिलेटर मरीजों की हालत नाजुक
सीकर में शनिवार को तेज अंधड़, बारिश और ओलावृष्टि ने जनजीवन प्रभावित किया। रात 8:30 बजे शुरू हुए अंधड़ से बिजली लाइनें और पेड़ धराशायी हो गए, जिससे कई इलाकों में बिजली गुल रही। एसके अस्पताल में जनरेटर खराब होने से रात 9 से 10:30 बजे तक अंधेरा रहा,

सीकर, 25 मई 2025: शनिवार को सीकर जिले में दिनभर चली गर्म हवाओं (लू) ने लोगों को झुलसाया, लेकिन शाम होते ही मौसम ने अचानक करवट ली। करीब 5 बजे बादल छाने शुरू हुए और रात 8:30 बजे जिला मुख्यालय सहित कई इलाकों में तेज अंधड़ के साथ बारिश और ओलावृष्टि ने दस्तक दी। इस प्राकृतिक कहर ने शहर को हिलाकर रख दिया। सीकर शहर में 8 एमएम बारिश दर्ज की गई, जिसके चलते निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई। तेज हवाओं ने बिजली लाइनों और पेड़-पौधों को धराशायी कर दिया, जिससे कई गांवों और कस्बों में देर रात तक बिजली गुल रही।
एसके अस्पताल में अंधेरा, मरीजों की मुश्किलें बढ़ीं
सबसे गंभीर स्थिति एसके अस्पताल में देखने को मिली, जहां अंधड़ के दौरान रात 9 बजे बिजली गुल हो गई। जनरेटर खराब होने के कारण बिजली डेढ़ घंटे बाद रात 10:30 बजे बहाल हो सकी। इस दौरान वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों की हालत नाजुक हो गई। ट्रोमा यूनिट में हादसों में घायल मरीजों को मोबाइल की रोशनी में टांके लगाने पड़े। अस्पताल में जनरेटर की खराबी ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। मरीजों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
जिले भर में अंधड़ का असर
लक्ष्मणगढ़, दांतारामगढ़ और खाचरियावास में भी तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश हुई। दांतारामगढ़ में बिजली आपूर्ति ठप हो गई, जबकि कई जगहों पर टीनशेड उखड़ गए। तेज हवाओं ने पेड़ों को जड़ से उखाड़ दिया, जिससे कई रास्ते अवरुद्ध हो गए। सीकर शहर में जलभराव के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा।
मौसम का मिजाज और तापमान
जयपुर मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल गर्मी का असर बरकरार रहेगा। फतेहपुर में शनिवार को अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री और न्यूनतम 28 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार को अधिकतम 45.1 डिग्री और न्यूनतम 29.5 डिग्री था। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक गर्मी और उमस बने रहने की संभावना जताई है।
प्रशासन की चुनौती
अंधड़ और बारिश ने जहां एक ओर गर्मी से राहत दी, वहीं बिजली और जलभराव की समस्याओं ने प्रशासन के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दीं। बिजली विभाग के कर्मचारी देर रात तक आपूर्ति बहाल करने में जुटे रहे। वहीं, अस्पताल में जनरेटर की खराबी ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से ऐसी आपदाओं के लिए पहले से बेहतर तैयारी करने की मांग की है।