35 छात्रों के साथ सीनियर्स की शर्मनाक हरकत, ABVP ने खोला मोर्चा राजस्थान यूनिवर्सिटी में रैगिंग का गंभीर मामला
राजस्थान यूनिवर्सिटी में प्रथम सेमेस्टर के 35 साइंस छात्रों के साथ तृतीय सेमेस्टर के सीनियर्स द्वारा रैगिंग का गंभीर मामला सामने आया, जिसके खिलाफ ABVP ने कड़ी कार्रवाई की मांग की। यूनिवर्सिटी प्रशासन के ढुलमुल रवैये और प्रोफेसर ज्योति शर्मा के विवादास्पद बयान ने छात्रों में आक्रोश बढ़ा दिया।

राजस्थान यूनिवर्सिटी, जयपुर के केमिस्ट्री विभाग में साइंस के प्रथम सेमेस्टर के 35 छात्र-छात्राओं के साथ रैगिंग का एक गंभीर मामला सामने आया है। पिछले एक सप्ताह से तृतीय सेमेस्टर के सीनियर छात्र इन जूनियर छात्रों को लगातार परेशान कर रहे थे। पीड़ित छात्रों का आरोप है कि सीनियर्स उन्हें क्लासरूम में बंद कर डांस करने और एक्टिंग करने के लिए मजबूर करते थे, साथ ही उनका नाम और शौक पूछकर उनका मानसिक उत्पीड़न करते थे। इस घटना ने न केवल छात्रों को डर और तनाव में डाल दिया, बल्कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पीड़ित छात्रों की आपबीती: डर और प्रताड़ना का माहौल
रैगिंग का शिकार हुए इन 35 छात्र-छात्राओं ने बताया कि पिछले सात दिनों से सीनियर छात्र उनकी जिंदगी को नरक बना रहे थे। एक पीड़ित छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "हमें क्लास में बंद कर दिया जाता था। सीनियर्स हमें डांस करने या एक्टिंग करने के लिए मजबूर करते थे। अगर हम मना करते, तो हमें धमकियां दी जाती थीं।" कई छात्रों ने बताया कि वे इस कदर डर गए थे कि उन्हें यूनिवर्सिटी आने में भी डर लगने लगा था। कुछ छात्रों ने अपनी शिकायत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र नेताओं तक पहुंचाई, जिसके बाद यह मामला सार्वजनिक हुआ।
ABVP का यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन
शनिवार को ABVP के कार्यकर्ताओं ने इस मामले को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ABVP के छात्र नेता रोहित मीणा ने गुस्से में कहा, "राजस्थान की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी में इस तरह की रैगिंग होना बेहद शर्मनाक है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। सीनियर्स ने जूनियर छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया है। अगर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे।"
ABVP के इकाई मंत्री धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि उन्हें कुछ पीड़ित छात्रों ने इस घटना की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा, "जब हम यूनिवर्सिटी पहुंचे, तब भी रैगिंग की घटनाएं हो रही थीं। कुछ छात्रों ने इसका विरोध किया, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उल्टा उन्हें ही डराने-धमकाने की कोशिश की। हमारी मांग है कि दोषी छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और विरोध करने वाले छात्रों को सुरक्षा दी जाए।"
यूनिवर्सिटी प्रशासन का रवैया: जांच समिति गठित, लेकिन विवादास्पद बयान
विवाद बढ़ने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक एंटी-रैगिंग कमेटी गठित करने की बात कही है। हालांकि, प्रशासन का रवैया इस मामले में संवेदनशीलता की कमी को दर्शाता है। कॉलेज की प्रोफेसर ज्योति शर्मा ने इस मामले को हल्के में लेते हुए विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा, "अगर किसी से डांस करवा लिया गया, तो इसमें कौन सी बड़ी बात है? यह सामान्य घटनाएं हैं। देश में इससे बड़ी समस्याएं हैं।" इस बयान ने न केवल पीड़ित छात्रों के जख्मों को और गहरा किया, बल्कि यूनिवर्सिटी प्रशासन के गैर-जिम्मेदाराना रवैये को भी उजागर कर दिया।
जब इस मामले पर यूनिवर्सिटी प्रशासन से आधिकारिक बयान लेने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। प्रोफेसर ज्योति शर्मा ने यह कहकर बात को टालने की कोशिश की कि "मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है।"
रैगिंग: एक गंभीर अपराध
रैगिंग भारत में एक गंभीर अपराध है, और इसके खिलाफ सख्त कानून मौजूद हैं। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और यूजीसी (UGC) के नियमों के तहत रैगिंग में शामिल छात्रों के खिलाफ निलंबन, निष्कासन और कानूनी कार्रवाई तक हो सकती है। इसके बावजूद, राजस्थान यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में इस तरह की घटना का सामने आना चिंताजनक है।
ABVP की मांग: दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ितों को सुरक्षा
ABVP ने साफ तौर पर मांग की है कि रैगिंग में शामिल सभी सीनियर छात्रों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, जिन छात्रों ने इस मामले को उजागर करने की हिम्मत दिखाई, उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए, क्योंकि उन्हें पहले भी धमकियां दी जा चुकी हैं। ABVP के विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष विष्णु मीणा ने कहा, "हम नहीं चाहते कि किसी छात्र को निष्कासित किया जाए, लेकिन दोषियों को माफी मांगने और भविष्य में ऐसी हरकतें न करने की चेतावनी दी जानी चाहिए। साथ ही, जिम्मेदार शिक्षकों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जो इस मामले को नजरअंदाज करते रहे।"