जैसलमेर कलेक्टर पर RAS एसोसिएशन का मोर्चा : CM से की शिकायत, IAS प्रताप सिंह के अशोभनीय व्यवहार के खिलाफ हड़ताल की चेतावनी
जैसलमेर कलेक्टर IAS प्रताप सिंह के खिलाफ राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कलेक्टर के अशोभनीय व्यवहार की शिकायत की और मांग की कि उन्हें हटाया जाए। ऐसा नहीं होने पर हड़ताल की चेतावनी दी गई है।

राजस्थान के जैसलमेर जिले में प्रशासनिक तनाव चरम पर पहुंच गया है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) एसोसिएशन ने जैसलमेर के जिला कलेक्टर और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी प्रताप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें वरिष्ठ RAS अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार, अपमानजनक व्यवहार और प्रशासनिक नियमों के उल्लंघन शामिल हैं। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि प्रताप सिंह को तत्काल हटाया नहीं गया, तो राज्य के सभी RAS अधिकारी हड़ताल पर चले जाएंगे। यह विवाद न केवल जैसलमेर, बल्कि पूरे राजस्थान की नौकरशाही में हलचल मचा रहा है।
RAS एसोसिएशन ने अपने पत्र में कलेक्टर प्रताप सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जो इस प्रकार हैं:
-
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार: पत्र में दावा किया गया है कि प्रताप सिंह ने बार-बार वरिष्ठ RAS अधिकारियों के साथ अपमानजनक भाषा का उपयोग किया और उनकी योग्यता पर सवाल उठाए। विशेष रूप से, पोकरण के पूर्व उपखंड अधिकारी (SDM) प्रभजोत सिंह गिल के साथ हुई एक घटना का जिक्र किया गया, जहां कलेक्टर ने कथित तौर पर उनकी क्षमता पर सवाल उठाए और अपमानजनक टिप्पणी की।
-
अनुचित दबाव और भ्रष्टाचार के आरोप: एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि कलेक्टर ने गिल पर एक निजी वित्त कंपनी और एक सोलर टावर फर्म के खिलाफ कार्रवाई न करने का दबाव डाला। यह दावा किया गया है कि प्रताप सिंह इन कंपनियों के लिए "लायजनिंग ऑफिसर" की तरह काम कर रहे थे, जो भ्रष्टाचार के गंभीर संकेत देता है।
-
प्रशासनिक अनियमितताएं: पत्र में यह भी कहा गया है कि कलेक्टर ने प्रशासनिक मानदंडों के खिलाफ जाकर अधिकारियों पर अनुचित दबाव बनाया और गलत तरीके से गिल का तबादला पोकरण से मुंडावा करवाया। यह कदम कथित तौर पर गिल द्वारा सोलर फर्म के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद उठाया गया।
-
आम जनता के साथ अशोभनीय व्यवहार: सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने दावा किया है कि प्रताप सिंह का व्यवहार न केवल अधिकारियों, बल्कि आम जनता और विशेष रूप से महिलाओं के साथ भी अभद्र है। एक एक्स पोस्ट में उन्हें "राजा" की तरह व्यवहार करने वाला बताया गया है।
RAS एसोसिएशन ने अपने पत्र में स्पष्ट मांग की है कि प्रताप सिंह को तत्काल जैसलमेर के जिला कलेक्टर पद से हटाया जाए और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए। पत्र में चेतावनी दी गई है:
"जिलाधिकारी प्रताप सिंह को तत्काल जिलाधिकारी जैसलमेर के पद से हटाते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लायी जाये, अन्यथा राज्य के समस्त आरएएस अधिकारी गण न्याय प्राप्त करने के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे।"
यह धमकी राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती है, क्योंकि RAS अधिकारी राज्य के प्रशासनिक ढांचे की रीढ़ हैं। यदि हड़ताल होती है, तो इससे जिला और राज्य स्तर पर प्रशासनिक कार्यों पर गहरा असर पड़ सकता है।
यह विवाद उस समय सामने आया, जब हाल ही में प्रभजोत सिंह गिल का तबादला पोकरण से मुंडावा किया गया। गिल ने सोलर टावर फर्म और एक निजी वित्त कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिसके बाद कलेक्टर ने कथित तौर पर उनके खिलाफ कदम उठाया। RAS एसोसिएशन ने इसे अन्यायपूर्ण बताते हुए इस मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया।
इसके अलावा, जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच कलेक्टर द्वारा लागू किए गए कुछ फैसलों, जैसे बाजारों को शाम 5 बजे बंद करने और ड्रोन जमा करने के आदेश, ने भी स्थानीय स्तर पर चर्चा को जन्म दिया है। हालांकि ये फैसले सुरक्षा के दृष्टिकोण से थे, लेकिन कुछ लोगों ने इन्हें कलेक्टर के सख्त रवैये से जोड़ा है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और उच्च अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। RAS एसोसिएशन ने पहले भी विभिन्न मुद्दों पर सरकार के साथ टकराव किया है, जैसे कि अन्य सेवाओं से IAS में प्रमोशन के खिलाफ विरोध। इस बार, यदि सरकार ने त्वरित कार्रवाई नहीं की, तो यह विवाद और बड़ा रूप ले सकता है।
यह विवाद कई दिशाओं में जा सकता है:
-
कलेक्टर का तबादला: यदि सरकार RAS एसोसिएशन की मांग मानती है, तो प्रताप सिंह का तबादला या निलंबन हो सकता है।
-
हड़ताल: यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो RAS अधिकारियों की हड़ताल से प्रशासनिक कामकाज ठप हो सकता है।
-
जांच: सरकार इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर सकती है, जो कलेक्टर और RAS अधिकारियों के बीच टकराव के कारणों की पड़ताल करेगी।
-
नौकरशाही में सुधार: यह विवाद RAS और IAS अधिकारियों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव को उजागर करता है, जिसके चलते सरकार नौकरशाही में सुधार के कदम उठा सकती है।
जैसलमेर में कलेक्टर प्रताप सिंह और RAS एसोसिएशन के बीच का यह टकराव राजस्थान की नौकरशाही में एक बड़े बदलाव का संकेत हो सकता है। यह मामला न केवल प्रशासनिक अनुशासन और कार्यसंस्कृति पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे छोटे स्तर पर शुरू हुआ विवाद पूरे राज्य के लिए चुनौती बन सकता है। अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर टिकी हैं, जो इस संकट को हल करने के लिए क्या कदम उठाते हैं। क्या यह तूफान थमेगा, या जैसलमेर से उठी यह हवा पूरे राजस्थान में तूफान लाएगी?