जिला कलेक्ट्रेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन, टूटी सड़कों और बिगड़ती व्यवस्था के खिलाफ सड़कों पर उतरे कांग्रेसी
बाड़मेर में कांग्रेस ने टूटी सड़कों, बिजली कटौती और खराब स्वास्थ्य सेवाओं के खिलाफ जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के समाधान की मांग की, नहीं तो बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।

राजस्थान के बाड़मेर जिले में सोमवार को कांग्रेस जिला कमेटी ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने जबरदस्त प्रदर्शन किया। टूटी सड़कों, बार-बार बिजली कटौती, बिगड़ती कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पार्टी के झंडे लहराते हुए कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट गेट पर लगे बैरिकेड्स पर चढ़ गए और अपनी मांगों को लेकर जोरदार हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने जिला कलेक्टर टीना डाबी को ज्ञापन सौंपकर जिले की समस्याओं के तत्काल समाधान की मांग की।
जन आक्रोश सभा में उठी जनता की आवाज
कांग्रेस ने इस प्रदर्शन को जन आक्रोश सभा का नाम दिया, जिसमें जिले की विभिन्न समस्याओं को लेकर धरना और प्रदर्शन किया गया। जिला अध्यक्ष गफूर अहमद ने कहा, “बाड़मेर शहर और जिले के हालात बद से बदतर हो रहे हैं। सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं, बिजली की अनियमित आपूर्ति ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है, और स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। बीजेपी सरकार के जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं से मुंह मोड़ चुके हैं।”
हॉस्पिटल बना ‘मुर्दाघर’, सीटी स्कैन मशीन बंद
पूर्व युवा कांग्रेस लोकसभा अध्यक्ष ठाकराराम माली ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार के समय हॉस्पिटल में पीपीडी मोड पर सीटी स्कैन मशीन काम कर रही थी, लेकिन बीजेपी सरकार ने आते ही इसका कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया। अब जिला हॉस्पिटल में न तो सीटी स्कैन की सुविधा है और न ही सोनोग्राफी की। यह स्थिति हॉस्पिटल को मुर्दाघर में बदल रही है। बीजेपी के सांसद और विधायक जनता की समस्याओं से गायब हैं।”
पूर्व मंत्री ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने प्रदर्शन के दौरान बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “बीजेपी को सत्ता में आए लगभग दो साल हो चुके हैं, लेकिन इस दौरान जनता के लिए कोई काम नहीं हुआ। विकास कार्य ठप पड़े हैं, और भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। बिना पैसे के कोई काम नहीं हो रहा। सड़क, बिजली, पानी और स्कूलों में शिक्षकों की कमी जैसी मूलभूत समस्याओं पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है।”
चौधरी ने चेतावनी देते हुए कहा, “जनता में सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। हमने आज जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है ताकि सरकार का ध्यान इन समस्याओं की ओर जाए। अगर समय रहते समाधान नहीं हुआ, तो कांग्रेस और बड़े स्तर पर प्रदर्शन कर जनता को राहत दिलाएगी।”
ज्ञापन में उठाई गईं ये प्रमुख मांगें
कांग्रेस ने जिला कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें प्रमुखता से उठाईं:
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टूटी सड़कों की तत्काल मरम्मत और गड्ढों का सुधार।
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बिजली कटौती पर रोक और नियमित बिजली आपूर्ति।
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जिला हॉस्पिटल में सीटी स्कैन और सोनोग्राफी जैसी जरूरी सुविधाओं की बहाली।
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बिगड़ती कानून व्यवस्था पर नियंत्रण और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
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स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करना।
सरकार को अल्टीमेटम, बड़े आंदोलन की चेतावनी
कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि अगर प्रशासन और सरकार ने जल्द ही इन समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो पार्टी और बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ेगी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जनता की समस्याओं को अनदेखा करने वाली सरकार को अब जनता सबक सिखाएगी।
प्रदर्शन में दिखा कार्यकर्ताओं का जोश
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश देखते बनता था। कलेक्ट्रेट के बाहर नारेबाजी और बैरिकेड्स पर चढ़ने की घटना ने प्रशासन को भी सतर्क कर दिया। कार्यकर्ताओं ने “बीजेपी सरकार हाय-हाय” और “जनता की सुनो पुकार” जैसे नारे लगाकर अपनी मांगों को बुलंद किया।
आगामी रणनीति पर नजर
कांग्रेस की इस जन आक्रोश सभा को जिले में बढ़ते असंतोष का प्रतीक माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रदर्शन बीजेपी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। अगर सरकार ने समय रहते इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले समय में बाड़मेर में बड़ा जनांदोलन देखने को मिल सकता है।