जून में छलक सकता है राणा प्रताप सागर बांध, जलस्तर क्षमता के करीब

मानसून की शुरुआत के साथ राणा प्रताप सागर बांध क्षेत्र में हुई झमाझम बारिश ने बांध के जल्द छलकने की उम्मीद बढ़ा दी है। बांध का जलस्तर 1157.50 फीट की पूर्ण क्षमता से सिर्फ 1.37 फीट कम, यानी 1156.13 फीट है। पिछले चार दिनों में 142.20 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसमें बीते 24 घंटों में 52.40 मिमी शामिल है। बांध में 5,805 क्यूसेक पानी की आवक और निकासी हो रही है। चंबल की सहायक नदियों में पानी बढ़ने पर जून में गेट खुल सकते हैं। गांधीसागर बांध (1287.30 फीट) और जवाहर सागर बांध (975.10 फीट) में भी जलस्तर सामान्य है। मई में गांधीसागर से पानी छोड़े जाने के कारण बांध पहले ही क्षमता के करीब है, जो आमतौर पर सितंबर तक होता है।

Jun 20, 2025 - 20:53
Jun 20, 2025 - 21:19
जून में छलक सकता है राणा प्रताप सागर बांध, जलस्तर क्षमता के करीब

मानसून की शुरुआत के साथ ही राणा प्रताप सागर बांध क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश ने बांध के जल्द ही छलकने की संभावनाओं को बल दिया है। बांध का जलस्तर अपनी पूर्ण भराव क्षमता 1157.50 फीट से मात्र 1.37 फीट कम है। शुक्रवार शाम 6 बजे जलस्तर 1156.13 फीट दर्ज किया गया। यदि चंबल की सहायक नदियों में पानी की आवक बढ़ती है, तो जून माह में ही बांध के गेट खोले जा सकते हैं।

पिछले चार दिनों में बांध क्षेत्र में 142.20 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। बीते 24 घंटों में गुरुवार देर रात से शुक्रवार सुबह तक रुक-रुक कर हुई झमाझम बारिश से 52.40 मिमी वर्षा मापी गई। वर्तमान में बांध में 5,805 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है, जबकि बिजली उत्पादन के लिए इतनी ही मात्रा में पानी की निकासी की जा रही है।

अन्य बांधों की स्थिति

चंबल नदी पर स्थित गांधीसागर बांध का जलस्तर 1312 फीट की पूर्ण क्षमता के मुकाबले 1287.30 फीट है। वहीं, जवाहर सागर बांध का जलस्तर 975.10 फीट दर्ज किया गया, जहां 6,758 क्यूसेक पानी की आवक और निकासी हो रही है।

इस बार समय से पहले भराव की उम्मीद

आमतौर पर राणा प्रताप सागर बांध सितंबर तक अपनी पूर्ण भराव क्षमता तक पहुंचता है। लेकिन इस वर्ष मई में गांधीसागर बांध से 6 फीट पानी छोड़े जाने के कारण राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर पहले ही भराव क्षमता के करीब पहुंच चुका है। मानसून की सक्रियता ने इस संभावना को और पुख्ता कर दिया है कि बांध जल्द ही अपनी पूर्ण क्षमता तक पहुंच सकता है।

क्षेत्रवासियों और किसानों में इस बार समय से पहले बांध के गेट खुलने की उम्मीद बढ़ गई है, जो सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .