राजस्थान: फसल खराबा विवाद में कांग्रेस विधायक का धरना, कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने SDM पर साधा निशाना – बोले, 'ऐसे अफसर किस काम के?'

राजस्थान के इटावा में फसल खराबे पर कांग्रेस विधायक चेतन पटेल का एसडीएम दफ्तर के बाहर धरना, कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने एसडीएम पर भड़कते हुए सीएम से कार्रवाई की मांग की,

Nov 7, 2025 - 11:12
राजस्थान: फसल खराबा विवाद में कांग्रेस विधायक का धरना, कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने SDM पर साधा निशाना – बोले, 'ऐसे अफसर किस काम के?'

कोटा, 7 नवंबर 2025:

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर किसानों के फसल खराबा मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। पीपल्दा से कांग्रेस विधायक चेतन पटेल द्वारा इटावा में फसल नुकसान के मामले में ज्ञापन सौंपने के प्रयास के दौरान प्रशासनिक उदासीनता का आरोप लगाते हुए धरना दिया गया। इस घटना पर प्रदेश के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कड़ा रुख अपनाते हुए एसडीएम पर नाराजगी जाहिर की। मंत्री ने कहा कि वे इस मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे और ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे, जो स्थिति को और बिगाड़ने का काम करें।

घटना का पूरा विवरण;   बुधवार को इटावा क्षेत्र में किसानों की फसलें मौसम की मार और अन्य कारणों से बुरी तरह प्रभावित हुईं। पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक चेतन पटेल ने प्रभावित किसानों का प्रतिनिधित्व करते हुए स्थानीय एसडीएम (उपखंड मजिस्ट्रेट) कार्यालय पहुंचे। उनका उद्देश्य फसल खराबे का आकलन कराने और किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए एक ज्ञापन सौंपना था। विधायक पटेल ने बताया कि वे एसडीएम से मिलने गए थे, लेकिन उन्हें काफी इंतजार के बाद भी अधिकारी से मुलाकात नहीं मिली। एसडीएम कार्यालय से बाहर न आने पर विधायक और उनके समर्थक किसान धरने पर बैठ गए।यह धरना करीब दो घंटे तक चला, जिसमें विधायक पटेल ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, लेकिन अधिकारी ज्ञापन तक लेने के लिए तैयार नहीं। यह लोकतंत्र के खिलाफ है। हम भूख हड़ताल तक को तैयार हैं।" धरने के दौरान स्थानीय किसानों ने भी सरकार की कृषि नीतियों पर सवाल उठाए और तत्काल राहत की मांग की। अंततः एसडीएम के प्रतिनिधि ने ज्ञापन स्वीकार किया, लेकिन विधायक पटेल ने इसे अपर्याप्त बताते हुए कहा कि जल्द ही जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।

कृषि मंत्री की कड़ी प्रतिक्रिया;   इस घटना की जानकारी मिलते ही कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने तुरंत विधायक पटेल से फोन पर बात की। मंत्री मीणा ने एसडीएम की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, "मुझे फोन आया कि एसडीएम ऑफिस से बाहर नहीं आए, इसलिए हम धरने पर बैठ गए। लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि का सम्मान जरूरी है। लोग भूख हड़ताल पर बैठ गए तो क्या होगा? ऐसा एसडीएम किस काम का, जो स्थिति को बिगाड़े?" मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "मैं इस मुद्दे को सीएम तक पहुंचाऊंगा। जनप्रतिनिधि तो जनप्रतिनिधि ही होता है, चाहे वह किसी भी दल का हो। ऐसे अफसरों का कोई स्थान नहीं जो किसानों और विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश करें।" मीणा ने यह भी जोड़ा कि फसल खराबा राहत के लिए विभाग सक्रिय है और जल्द ही इटावा क्षेत्र का सर्वे कराया जाएगा। उन्होंने विधायक पटेल को आश्वासन दिया कि मुआवजे की प्रक्रिया तेज की जाएगी।

राजनीतिक संदर्भ और प्रभाव;  यह घटना राजस्थान में चल रहे फसल बीमा और मुआवजा विवाद को नई हवा दे रही है। पिछले कुछ महीनों में राज्य के कई जिलों में सूखा, बाढ़ और कीटों के कारण फसलें प्रभावित हुई हैं, जिससे किसान आंदोलन तेज हो गए हैं। कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार की विफलता बताते हुए राज्य स्तर पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है, जबकि भाजपा नेता इसे विपक्ष की राजनीति करार दे रहे हैं। कृषि मंत्री मीणा की टिप्पणी से साफ है कि सरकार आंतरिक समीक्षा पर जोर दे रही है। यह मामला यदि जल्द सुलझा नहीं, तो विधानसभा सत्र में बड़ा मुद्दा बन सकता है। इधर, इटावा एसडीएम ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन जिला प्रशासन ने कहा है कि सर्वे टीम को तुरंत रवाना किया जा रहा है।