1. SIR का अर्थ क्या है?SIR विशेष गहन पुनरीक्षण का संक्षिप्त रूप है, जिसमें मतदाता सूची में दर्ज हर व्यक्ति की विस्तृत जांच होती है। इसका उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि कोई अनधिकृत व्यक्ति मतदाता न बने और एक ही नाम एकाधिक स्थानों पर न दर्ज हो।
2. राजस्थान में SIR कब आयोजित होगा?यह 2003-04 की मतदाता सूची से तुलना पर आधारित होगा। सामान्यत: 22 वर्षों में एक बार SIR होता है, पिछला आयोजन 2003-04 में संपन्न हुआ था।
3. मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण क्यों आवश्यक है?चुनाव आयोग ने अब तक आठ बार SIR कराया है। 2003-04 की सूची से परिवार के सदस्यों की स्थिति का मिलान किया जाएगा। जिनके नाम अनुपस्थित होंगे, उन्हें नोटिस जारी कर दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा जाएगा।
4. नाम जोड़ने या बनाए रखने के लिए विभिन्न आयु वर्गों को कौन से प्रमाण-पत्र जमा करने होंगे?
- यदि 2003 की मतदाता सूची में नाम दर्ज है, तो कोई दस्तावेज आवश्यक नहीं।
- 1 जुलाई 1987 से पूर्व जन्मे: स्वयं का जन्म प्रमाण-पत्र।
- 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के मध्य जन्मे: माता-पिता के जन्म या नागरिकता प्रमाण।
- 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे: माता-पिता में कम से कम एक भारतीय नागरिक होना चाहिए, तथा दूसरा अवैध प्रवासी न हो; माता-पिता के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
5. दस्तावेजों का सत्यापन कब होगा?प्रारंभिक चरण में कोई दस्तावेज जमा नहीं कराने होंगे। बीएलओ फॉर्म वितरित करेंगे, उसके बाद सत्यापन होगा। असंगति पर 12 प्रकार के दस्तावेज मांगे जाएंगे।
6. फॉर्म भरने के पश्चात बीएलओ कब दस्तावेज मांगेगा?फॉर्म जमा होने के बाद 2003 की सूची से तुलना की जाएगी। तुलना में विफलता पर दस्तावेज मांगे जाएंगे, अन्यथा नाम हटाया जा सकता है।
7. SIR कौन संचालित करेगा?52 हजार 469 बीएलओ मतदाताओं का सत्यापन करेंगे।
8. कौन से दस्तावेज स्वीकार्य होंगे?SIR के अंतर्गत 12 प्रकार के दस्तावेज मान्य होंगे।
9. SIR से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानांतरण पर रोक क्यों लगाई गई?फरवरी तक जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, तहसीलदार और बीएलओ के स्थानांतरण निषिद्ध हैं। प्रमुख आंकड़े और जोड़-तोड़राज्य में 40 वर्ष से अधिक आयु के 2.61 करोड़ मतदाताओं का 77 प्रतिशत जोड़-तोड़ पूर्ण हो चुका है।
2.88 करोड़ 40 वर्ष से कम आयु के मतदाताओं का कार्य जारी है। वर्तमान मतदाताओं का पूर्व SIR सूची से जोड़-तोड़ हो रहा है, जिससे पारिवारिक वंशावली का मानचित्रण संभव हो रहा है और दस्तावेजों की आवश्यकता न्यूनतम रहेगी। सभी राज्यों की मतदाता सूचियां