राजस्थान का गौरव: दो सांसदों को मदन राठौड़ और पीपी चौधरी को मिलेगा रत्न पुरस्कार 2025,
प्राइम पॉइंट फाउंडेशन ने संसद रत्न पुरस्कार 2025 की घोषणा की, जिसमें राजस्थान के मदन राठौड़ (बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष, राज्यसभा सांसद) और पी.पी. चौधरी (पाली लोकसभा सांसद) सहित देशभर के 17 सांसदों और संसद की दो स्थायी समितियों को सम्मानित किया जाएगा। चयन संसद में उपस्थिति, डिबेट, सवालों की संख्या, और उठाए गए मुद्दों के आधार पर हुआ, जिसके लिए लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के रिकॉर्ड का उपयोग किया गया। पुरस्कार समारोह जुलाई 2025 के अंत में नई दिल्ली में होगा।

भारतीय लोकतंत्र के संसद में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सांसदों को सम्मानित करने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, प्राइम पॉइंट फाउंडेशन ने संसद रत्न पुरस्कार 2025 की घोषणा की है। इस वर्ष देशभर के 17 लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ-साथ संसद की दो स्थायी समितियों को उनके असाधारण कार्यों के लिए सम्मानित किया जाएगा। राजस्थान के लिए यह गर्व का क्षण है कि बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ तथा पाली लोकसभा सांसद पी.पी. चौधरी को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है।
संसद रत्न पुरस्कार
कमेटी ने सांसदों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के आधिकारिक रिकॉर्ड का उपयोग किया। चयन के प्रमुख मानदंड निम्नलिखित हैं:
- संसद में उपस्थिति: सांसदों की नियमित उपस्थिति और सक्रियता।
- डिबेट में भागीदारी: संसद में चर्चाओं और बहसों में योगदान।
- सवालों की संख्या: जनहित से जुड़े मुद्दों पर पूछे गए सवाल।
- उठाए गए मुद्दे: क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महत्व के विषयों को उठाने में सक्रियता।
- विधायी कार्य: निजी सदस्य बिल और समितियों में योगदान।
मदन राठौड़ और पी.पी. चौधरी का चयन 18वीं लोकसभा की पहली बैठक से लेकर बजट सत्र 2025 तक के उनके संसदीय प्रदर्शन के आधार पर किया गया। दोनों सांसदों ने संसद में अपनी सक्रियता, जनहित के मुद्दों को उठाने और प्रभावी बहस के माध्यम से उल्लेखनीय योगदान दिया है।
मदन राठौड़, जो वर्तमान में बीजेपी राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद हैं, ने अपनी राजनीतिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। पाली जिले के सुमेरपुर से दो बार विधायक रह चुके राठौड़ ने 1972 से 1978 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक के रूप में काम किया। वे पांच बार बीजेपी के पाली जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2024 में उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया गया, और जुलाई 2024 में पार्टी ने उन्हें राजस्थान बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया।
राठौड़ को संसद रत्न पुरस्कार की ओवरऑल कैटेगरी में सम्मानित किया जाएगा, जो उनके संसद में उत्कृष्ट प्रदर्शन को दर्शाता है। उनकी सक्रियता और संगठनात्मक कौशल ने न केवल राजस्थान में बीजेपी को मजबूत किया है, बल्कि संसद में भी उन्होंने जनहित के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाया है।
पी.पी. चौधरी, पाली लोकसभा क्षेत्र से सांसद, ने भी अपने संसदीय कार्यों से खास पहचान बनाई है। वे संसद में अपनी तार्किक और प्रभावी भागीदारी के लिए जाने जाते हैं। चौधरी ने क्षेत्रीय विकास, बुनियादी ढांचे, और सामाजिक मुद्दों पर लगातार सवाल उठाए और समाधान सुझाए। उनके संसदीय प्रदर्शन ने उन्हें संसद रत्न पुरस्कार की ओवरऑल कैटेगरी में स्थान दिलाया।
इस वर्ष महाराष्ट्र से सर्वाधिक 7 सांसदों को यह पुरस्कार मिलेगा, जिनमें सुप्रिया सुले (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार) और श्रीरंग अप्पा बारणे (शिवसेना) शामिल हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड, और राजस्थान से 2-2 सांसद, और ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, और असम से 1-1 सांसद चुने गए हैं।
संसद की दो स्थायी समितियों—वित्त समिति (अध्यक्ष: भर्तृहरि महताब, बीजेपी) और कृषि समिति (अध्यक्ष: चरणजीत सिंह चन्नी, कांग्रेस)—को भी उनकी उत्कृष्ट रिपोर्टों और संसदीय कार्यों के लिए सम्मानित किया जाएगा। इन समितियों ने वित्तीय नीतियों और कृषि सुधारों पर प्रभावी सुझाव दिए, जो नीति निर्माण में महत्वपूर्ण रहे।
पुरस्कार समारोह:
संसद रत्न पुरस्कार 2025 का वितरण जुलाई 2025 के अंतिम सप्ताह में नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में किया जाएगा। इस समारोह में देशभर के गणमान्य व्यक्ति, सांसद, और नीति निर्माता शामिल होंगे। यह पुरस्कार न केवल सांसदों के योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने में उनकी भूमिका को भी रेखांकित करता है।
राजस्थान के लिए गर्व का पल:
मदन राठौड़ और पी.पी. चौधरी को मिलने वाला यह सम्मान राजस्थान के लिए गर्व का विषय है। "यह राजस्थान की पुण्यभूमि के लिए अभिमान का क्षण है कि हमारे दो प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधियों को संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।"
प्राइम पॉइंट फाउंडेशन द्वारा शुरू किया गया यह पुरस्कार पहली बार 2010 में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सुझाव पर प्रदान किया गया था। तब से अब तक 90 से अधिक सांसदों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। यह पुरस्कार सांसदों को उनके कर्तव्यों के प्रति और अधिक जिम्मेदार बनाने के साथ-साथ जनता के बीच उनके कार्यों को प्रचारित करने का काम करता है।
मदन राठौड़ और पी.पी. चौधरी का संसद रत्न पुरस्कार 2025 के लिए चयन न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह राजस्थान और भारतीय लोकतंत्र की जीवंतता का प्रतीक भी है। यह सम्मान उनके संसदीय कार्यों, जनसेवा, और नेतृत्व को रेखांकित करता है। जुलाई में होने वाले समारोह में इन सांसदों का सम्मान देश के लिए एक प्रेरणादायक क्षण होगा।