पहलगाम हमले के बाद भारत का कड़ा रुख: पीएम मोदी ने सेनाओं को दी खुली छूट, पाकिस्तान पर बढ़ा दबाव

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत और 10 से अधिक लोगों के घायल होने के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाया। मंगलवार, 29 अप्रैल 2025 को पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट दी,

Apr 29, 2025 - 20:13
पहलगाम हमले के बाद भारत का कड़ा रुख: पीएम मोदी ने सेनाओं को दी खुली छूट, पाकिस्तान पर बढ़ा दबाव

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान गई और 10 से अधिक लोग घायल हुए। इस जघन्य घटना के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का संकल्प लिया है। मंगलवार, 29 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना, और वायु सेना) को आतंकवाद से निपटने के लिए खुली छूट दे दी। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, पीएम मोदी ने कहा, "आतंकवाद को करारा झटका देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। हमें भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं में पूरा विश्वास है। आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय सेना तय करेगी।"

हाई-लेवल मीटिंग और बड़े फैसले

मंगलवार को पीएम मोदी ने नई दिल्ली में एक उच्च-स्तरीय बैठक की, जो डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान, और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे। बैठक में पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति, आतंकवाद के खिलाफ रणनीति, और पाकिस्तान की भूमिका पर विस्तृत चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, बैठक के आधे घंटे बाद गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत पीएम आवास पहुंचे, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता और राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता का संदेश मिलता है।

पहलगाम हमले के 6 बड़े अपडेट्स

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के X हैंडल पर प्रतिबंध: भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के X हैंडल पर रोक लगा दी। पहलगाम हमले के बाद उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकी संगठनों को फंडिंग और समर्थन देता रहा है। इस बयान ने भारत के दावों को और मजबूत किया कि हमले के तार सीधे पाकिस्तान से जुड़े हैं।

हमले का मास्टरमाइंड उजागर: इंटेलिजेंस एजेंसियों ने खुलासा किया कि पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान का पूर्व SSG (स्पेशल सर्विस ग्रुप) कमांडर हाशिम मूसा है, जो वर्तमान में लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा है। यह जानकारी हमले की साजिश में पाकिस्तान की गहरी संलिप्तता को दर्शाती है।

 NIA का सीन री-क्रिएशन: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहलगाम की बायसरन घाटी में हमले के दृश्य का पुनर्निर्माण (सीन री-क्रिएशन) किया। इससे हमले की योजना, आतंकियों की गतिविधियों, और स्थानीय सहायता के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है। NIA ने कई राज्यों में पीड़ित परिवारों के बयान भी दर्ज किए हैं और प्रारंभिक जांच में 5 से 7 आतंकियों की संलिप्तता का संकेत मिला है, जिन्हें दो स्थानीय आतंकियों ने सहायता प्रदान की।

पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी: भारत ने अटारी-बाघा बॉर्डर के रास्ते 104 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेज दिया। पहलगाम हमले के बाद भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए और उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया। राजस्थान में 20,000 और जैसलमेर में 6,000 से अधिक पाकिस्तानी नागरिक लॉन्ग-टर्म वीजा पर रह रहे थे, जिन्हें अब निर्धारित समय सीमा में वापस जाना होगा।

महाराष्ट्र सरकार का मुआवजा: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हमले में मारे गए राज्य के 6 नागरिकों के आश्रितों को 50 लाख रुपये का मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की। यह कदम पीड़ित परिवारों को आर्थिक और सामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए उठाया गया है।

राजस्थान में साइबर हमला: पाकिस्तानी हैकर्स ने राजस्थान के शिक्षा विभाग की वेबसाइट को हैक कर लिया और उस पर लिखा, "अगला हमला टेक्नोलॉजी से होगा।" इस घटना ने भारत में साइबर सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।

पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए, जिनमें ज्यादातर बाहर से आए सैलानी थे। हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी संगठन माना जाता है। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ है। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।

भारत का कड़ा रुख और अंतरराष्ट्रीय समर्थन

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं:

सिंधु जल संधि निलंबित: भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया, जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता।

पाकिस्तानी राजनयिकों पर कार्रवाई: भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या 30 तक सीमित कर दी और सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया।

अटारी चेकपोस्ट बंद: अटारी एकीकृत चेकपोस्ट को बंद कर दिया गया, और पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारत में प्रवेश की अनुमति रद्द कर दी गई।

वैश्विक स्तर पर भी भारत को व्यापक समर्थन मिला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ईरान के राष्ट्राध्यक्ष, और जापान के नेताओं सहित कई वैश्विक नेताओं ने हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता जताई।

सोशल मीडिया और जनता का गुस्सा

पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है। X पर यूजर्स ने पीएम मोदी के फैसले की सराहना की और आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। एक यूजर ने लिखा, "मिट्टी में मिला देंगे...नरेंद्र मोदी जी ऑन फायर मोड।" वहीं, दूसरों ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ