पहलगाम आतंकी हमले पर बाड़मेर में उबला जन-आक्रोश: मुस्लिम समुदाय ने जलाया पाकिस्तान का झंडा, जुम्मे की नमाज में काली पट्टी बांध दी श्रद्धांजलि

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस नृशंस हमले में 26 से 30 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस घटना के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, और राजस्थान का सरहदी जिला बाड़मेर भी पीछे नहीं रहा। बाड़मेर में सभी समुदायों, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय ने एकजुट होकर आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

Apr 25, 2025 - 16:49
पहलगाम आतंकी हमले पर बाड़मेर में उबला जन-आक्रोश: मुस्लिम समुदाय ने जलाया पाकिस्तान का झंडा, जुम्मे की नमाज में काली पट्टी बांध दी श्रद्धांजलि

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस नृशंस हमले में 26 से 30 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस घटना के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, और राजस्थान का सरहदी जिला बाड़मेर भी पीछे नहीं रहा। बाड़मेर में सभी समुदायों, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय ने एकजुट होकर आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। पाकिस्तान का झंडा और पुतला जलाने से लेकर जुम्मे की नमाज में काली पट्टी बांधकर शहीदों को श्रद्धांजलि देने तक, बाड़मेर ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता और गुस्से को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया। 

प्रदर्शन की शुरुआत: पाकिस्तान का झंडा और पुतला जलाया

25 अप्रैल 2025 को बाड़मेर में मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों ने भरी दोपहरी में शहर के प्रमुख चौराहों पर इकट्ठा होकर पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद और आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे लगाए और पाकिस्तान का झंडा जलाकर अपना विरोध दर्ज किया। इसके साथ ही, पाकिस्तान का पुतला भी बनाकर उसे आग के हवाले किया गया। इस प्रदर्शन में स्थानीय लोग, सामाजिक संगठन, और विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधि शामिल थे। 

जुम्मे की नमाज में काली पट्टी और श्रद्धांजलि

उसी दिन, बाड़मेर की विभिन्न मस्जिदों में जुम्मे की नमाज के दौरान मुस्लिम समुदाय ने अपने हाथों पर काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की। यह काली पट्टी पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के प्रति शोक और आतंकवाद के खिलाफ विरोध का प्रतीक थी। नमाज के बाद मस्जिदों में विशेष दुआ की गई, जिसमें शहीदों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की गई।

बाड़मेर की जामा मस्जिद में नमाज के बाद एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय लोगों ने कैंडल जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मौलाना ने कहा, "इस्लाम शांति का धर्म है। आतंकवादी जो धर्म के नाम पर निर्दोषों की हत्या करते हैं, वे इस्लाम के दुश्मन हैं। हम अपने देश के साथ हैं और आतंकवाद के खिलाफ हर कदम पर सरकार का समर्थन करेंगे।" 

कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी: गफूर अहमद और फतेह खान ने दिखाई एकजुटता

प्रदर्शन और श्रद्धांजलि सभा में बाड़मेर के प्रमुख कांग्रेस नेता भी शामिल हुए। जिलाध्यक्ष गफूर अहमद और कांग्रेस नेता फतेह खान ने मुस्लिम समुदाय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद की। गफूर अहमद ने कहा, "पहलगाम का हमला मानवता पर हमला है। बाड़मेर का हर नागरिक, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, इस कायराना कृत्य की निंदा करता है। हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाए।"

फतेह खान ने श्रद्धांजलि सभा में शामिल होकर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और कहा, "मैं इस कायराना हमले की सख्त निंदा करता हूं। बाड़मेर का मुस्लिम समुदाय देश के साथ है और आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में हर संभव योगदान देगा।"

बाड़मेर में एकजुटता का संदेश

बाड़मेर, जो पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ जिला है, ने इस प्रदर्शन के जरिए न केवल आतंकवाद के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया, बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता का भी संदेश दिया। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने तख्तियों और बैनरों के माध्यम से संदेश दिया कि "आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता" और "भारत एक है, आतंकवाद का खात्मा जरूरी है।"

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ