पंचकूला NIFT कैंपस में पार्टी का खुला राज़ – पुलिस बोली, लड़कियां बेफिक्र "रेनू भाटिया" ने लगाई क्लास.
पंचकूला के NIFT कैंपस में छात्राएं दोस्तों के साथ शराब-सिगरेट पीती पाई गईं। हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया के दौरे पर पुलिस ने खुलासा किया। छात्राओं ने पूछने पर कहा- "इसमें गलत क्या?" भाटिया ने उन्हें सुरक्षा व भविष्य के लिए समझाया। आयोग ने कैंपस में पेट्रोलिंग, काउंसलिंग व जागरूकता की सिफारिश की।
पंचकूला, 29 अक्टूबर 2025: फैशन की चमक-दमक वाली दुनिया में पढ़ने वाली लड़कियां अगर रात के सन्नाटे में दोस्तों संग शराब की चुस्कियां ले रही हों, तो ये सुनकर हैरानगी तो बनती है! पंचकूला के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) कैंपस से ऐसा ही एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जहां छात्राएं न सिर्फ शराब पी रही हैं, बल्कि सिगरेट के कश भी लगा रही हैं। हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया के कैंपस दौरे पर ये राज खुला, जब दो छात्राओं ने बेझिझक कहा- 'दोस्तों संग पीने में क्या बुरा है?' आयोग की टीम ने छेड़छाड़ के एक केस की जांच के बहाने जो पाया, वो सुरक्षा और नैतिकता पर सवाल खड़े कर रहा है। आइए, इस पूरी घटना को विस्तार से समझते हैं।
घटना का पूरा घटनाक्रम: छेड़छाड़ जांच से शुरू हुई 'शॉकिंग' बातचीत
मंगलवार (28 अक्टूबर) को हरियाणा राज्य महिला आयोग की टीम NIFT पंचकूला कैंपस पहुंची। मकसद था एक छेड़छाड़ मामले की गहन जांच। अध्यक्ष रेनू भाटिया ने छात्राओं से खुलकर बात की, ताकि उनकी सुरक्षा से जुड़ी सच्चाई सामने आ सके। बातचीत के दौरान ही चंडीमंदिर थाने की महिला पुलिसकर्मी ने एक बड़ा राज खोला। उन्होंने बताया कि कैंपस के आसपास के इलाकों में अक्सर NIFT की छात्राएं रात के समय शराब पीती नजर आती हैं। इतना ही नहीं, जब पुलिस उन्हें रोकती है, तो ये लड़कियां खुद को '18 प्लस' बताते हुए उल्टा ज्ञान देने लगती हैं- 'हम बड़े हैं, क्या गलत कर रहे हैं?'इस खुलासे पर रेनू भाटिया पहले तो दंग रह गईं, लेकिन फिर उन्होंने छात्राओं से सीधे सवाल किया। जवाब में दो छात्राएं आगे आईं और बिना हिचक बोलीं, "हम दोस्तों के साथ शराब और सिगरेट पीती हैं, तो इसमें गलत क्या है? हम फ्री हैं!" ये सुनकर आयोग अध्यक्ष ने तुरंत समझाना शुरू किया। उन्होंने कहा, "बेटी, आजादी का मतलब ये नहीं कि तुम अपनी सुरक्षा को खतरे में डालो। लड़के आजादी का नाम लेकर गलत फायदा उठाते हैं, और तुम्हें नुकसान होता है। थोड़ा सोचो, ये आदतें तुम्हारे भविष्य को कैसे प्रभावित करेंगी?"पुलिस ने भी अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया कि रात के समय PCR और राइडर टीमें कई बार ऐसी पार्टियों का सामना कर चुकी हैं। चंडीमंदिर थाना SHO रामपाल सिंह ने बताया, "हमारी टीमें रात भर गश्त करती रहती हैं, लेकिन छात्राओं की सुरक्षा चिंता का विषय है। भविष्य में कैंपस में मेडिकल जांच के प्रावधान भी किए जाएंगे, ताकि ऐसी आदतों पर लगाम लग सके।"
क्या कहती हैं आयोग और पुलिस?
सुरक्षा पहले, आजादी बाद मेंरेनू भाटिया ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आज की युवतियां 'लिबर्टी' के चक्कर में खुद को जोखिम में डाल रही हैं। उनका मानना है कि लड़कियां जहां एक तरफ फैशन और करियर में आगे बढ़ रही हैं, वहीं ऐसी लतें उन्हें पीछे खींच सकती हैं। आयोग ने कैंपस प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं- छात्रावासों में नाइट पेट्रोलिंग बढ़ाएं, काउंसलिंग सेशंस शुरू करें और पुलिस के साथ बेहतर समन्वय रखें।पुलिस टीम ने आयोग को बताया कि NIFT कैंपस के आसपास के एरिया में ये सिलसिला आम हो गया है। लड़कियां अक्सर ग्रुप में घूमती हैं, और जब रोकी जाती हैं, तो कानूनी हवाला देकर बच निकलने की कोशिश करती हैं। लेकिन पुलिस का फोकस सिर्फ सजा पर नहीं, बल्कि जागरूकता पर है। SHO सिंह ने कहा, "हम इनकी सुरक्षा के लिए 24x7 मुस्तैद हैं, लेकिन छात्राओं को खुद सतर्क रहना होगा।"
रेनू भाटिया कौन हैं? महिला सशक्तिकरण की सख्त वारियर
इस घटना के केंद्र में हैं रेनू भाटिया, जो हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन हैं। फरीदाबाद की रहने वाली रेनू एक पूर्व अभिनेत्री, एंकर और BJP की दिग्गज नेता हैं। उन्होंने एक फिल्म में पाकिस्तान की पूर्व PM बेनजीर भुट्टो का रोल निभाकर सुर्खियां बटोरीं। राजनीति में 21 साल की उम्र से सक्रिय रेनू फरीदाबाद की पूर्व उप-मेयर रह चुकी हैं। महिला आयोग की कमान संभालते हुए उन्होंने कई कड़े फैसले लिए हैं- साइबर क्राइम जागरूकता से लेकर लिव-इन रिलेशनशिप कानून पर सवाल उठाने तक। उनका मंत्र साफ है: "महिलाओं को न्याय मिले, लेकिन जिम्मेदारी भी निभाएं।"
अब आगे क्या? आयोग का एक्शन प्लान
जांच जारी: छेड़छाड़ केस की गहराई से पड़ताल, साथ ही कैंपस कल्चर पर रिपोर्ट तैयार।
जागरूकता कैंपेन: NIFT में स्पेशल वर्कशॉप्स, जहां छात्राओं को नशे के खतरों और सुरक्षा टिप्स सिखाए जाएंगे।
पुलिस सहयोग: रात की गश्त बढ़ेगी, और मेडिकल चेकअप अनिवार्य हो सकता है।
छात्राओं की प्रतिक्रिया: कुछ छात्राओं ने आयोग के दौरे के बाद कहा कि वो अपनी आजादी चाहती हैं, लेकिन अब सोचने पर मजबूर हैं।
ये खुलासा सिर्फ NIFT तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे देश के एजुकेशनल कैंपस में युवाओं की बदलती लाइफस्टाइल पर सवाल उठा रहा है। रेनू भाटिया की ये पहल शायद एक मिसाल बने, जहां फैशन की चमक के साथ नैतिक चमक भी बरकरार रहे।