नौतपा 2025: क्या हैं नौतपा..इस बार कब से शुरू हो रहा हैं नौतपा आइए जानते हैं:
जब सूर्य का उग्र रूप देखने को मिलेगा,गर्मी का प्रकोप रहेगा गर्मियों के शुरू होते ही नौतपा का जिक्र भी शुरू हो जाता है और तरह तरह की हिदायतें मिलनी शुरू हो जाती हैं सिर कई सारी बातें भी चलने लगती हैं।
जब सूर्य का उग्र रूप देखने को मिलेगा,गर्मी का प्रकोप रहेगा गर्मियों के शुरू होते ही नौतपा का जिक्र भी शुरू हो जाता है और तरह तरह की हिदायतें मिलनी शुरू हो जाती हैं सिर कई सारी बातें भी चलने लगती हैं।
नौतपा का अर्थ है नौ दिनों तक तीव्र गर्मी। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, यह समय मौसम में बदलाव का संकेत देता है। नौतपा की गर्मी मानसून की तैयारी का भी संकेत देती है। मान्यता है कि यदि नौतपा के दौरान तेज गर्मी पड़ती है, तो मानसून अच्छा होता है। वहीं, अगर इस दौरान बारिश हो जाए, तो मानसून कमजोर रह सकता है।
नौतपा के दौरान तीव्र गर्मी और लू के कारण डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, थकान और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए इस दौरान सेहत का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। हिंदू ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तो अगले नौ दिन तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। इस साल 25 मई 2025 को सुबह 3:27 बजे सूर्य रोहिणी नक्षत्र में गोचर करेंगे और 8 जून 2025 तक इस नक्षत्र में रहेंगे। इन नौ दिनों में सूर्य की किरणें अत्यंत तीव्र होती हैं, जिससे गर्मी और लू का प्रभाव बढ़ जाता है। रोहिणी नक्षत्र को सूर्य का सबसे गर्म नक्षत्र माना जाता है, और इस दौरान मौसम बेहद उष्ण और शुष्क हो जाता है।
नौतपा का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से महत्व हैं। हाइड्रेशन बनाए रखें
खूब पानी पिएं: दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं। पानी के साथ नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ या ग्लूकोज युक्त पेय ले सकते हैं।
फलों का रस: तरबूज, खीरा, संतरा और अनार का जूस हाइड्रेशन और पोषण दोनों के लिए फायदेमंद है।
खानपान का ध्यान:
हल्का भोजन: भारी, तैलीय और मसालेदार भोजन से बचें। दाल, चावल, खिचड़ी, दही और हरी सब्जियां खाएं।
मौसमी फल: तरबूज, खरबूजा, आम और लीची जैसे फल खाएं, जो पानी और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
सत्तू का सेवन: सत्तू का शरबत गर्मी में ठंडक देता है और ऊर्जा प्रदान करता है।
प्याज का उपयोग: प्याज में प्राकृतिक रूप से ठंडक प्रदान करने वाले गुण होते हैं। इसे सलाद के रूप में खाएं।
लू से बचाव
धूप से बचें: सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक धूप में निकलने से बचें। अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो सिर ढककर और हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें।ठंडे पानी का उपयोग: नहाने के लिए ठंडे पानी का उपयोग करें। इससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है।
चेहरे और आंखों की सुरक्षा: धूप में निकलते समय चश्मा और टोपी का उपयोग करें
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जीवनशैली में बदलाव
व्यायाम का समय: सुबह जल्दी या शाम को हल्का व्यायाम करें। दोपहर में भारी शारीरिक मेहनत से बचें।
पर्याप्त नींद: गर्मी में थकान जल्दी होती है, इसलिए 7-8 घंटे की नींद लें।
घर का वातावरण: घर में पंखे, कूलर या एसी का उपयोग करें। पर्दे और खिड़कियां दिन में बंद रखें ताकि गर्मी कम आए।
नौतपा में क्या न करें?
शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से परहेज करें, क्योंकि ये डिहाइड्रेशन बढ़ा सकते हैं।
ज्यादा मिर्च-मसाले और तला हुआ खाना न खाएं।
धूप में बिना सिर ढके न निकलें।
बच्चों और बुजुर्गों को गर्मी में ज्यादा देर बाहर न रहने दें।
नौतपा के दौरान सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है।
नौतपा का समय गर्मी और सेहत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही खानपान, जीवनशैली और सावधानियों के साथ इसे आसानी से पार किया जा सकता है। इस दौरान हाइड्रेटेड रहें, हल्का भोजन करें और धूप से बचाव करें। साथ ही, सूर्यदेव की पूजा और धार्मिक उपायों से मानसिक शांति और सकारात्मकता प्राप्त करें। नौतपा के इन नौ दिनों में सेहत और आध्यात्म दोनों का ख्याल रखें, ताकि आप इस गर्मी के मौसम को स्वस्थ और सुखी रहकर बिता सकें।
नोट: यदि आपको गर्मी से संबंधित कोई स्वास्थ्य समस्या जैसे चक्कर आना, उल्टी या बेहोशी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।