मानसून ने उजागर की जयपुर की बदहाली, सड़कें धंसी, जनता परेशान

जयपुर में मानसून की पहली बारिश ने जेडीए और नगर निगमों की तैयारियों की पोल खोल दी। हल्की बारिश से सड़कें धंसीं, जलभराव हुआ और यातायात बाधित रहा। न्यू सांगानेर रोड, मालवीय नगर और खिरनी फाटक जैसे इलाकों में हालात बदतर हुए। नालों की अधूरी सफाई और खुले गड्ढों ने लोगों की मुश्किलें बढ़ाईं। प्रशासन की लापरवाही से निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

Jun 20, 2025 - 15:51
मानसून ने उजागर की जयपुर की बदहाली, सड़कें धंसी, जनता परेशान

जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) और जयपुर के दोनों नगर निगमों (जेएमसी-ग्रेटर और जेएमसी-हैरिटेज) की मानसून तैयारियों के दावे गुरुवार को हल्की बारिश के साथ ही धराशायी हो गए। शहर में जलभराव, सड़कों का धंसना और यातायात अवरुद्ध होने की घटनाओं ने प्रशासन की कमियों को उजागर कर दिया। इससे निवासियों और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

न्यू सांगानेर रोड पर गंगा-जमुना पेट्रोल पंप के पास नई बनी सड़क ढह गई, जिससे एक बड़ा गड्ढा बन गया। इससे कई घंटों तक यातायात बाधित रहा। मंगलवार और बुधवार को हुई बारिश में भी मालवीय नगर के मुख्य मार्ग और सेक्टर-5 में सड़कें धंसने की घटनाएं सामने आई थीं।

जेडीए के कार्यकारी अभियंता देवेंद्र गुप्ता ने दावा किया कि सड़क ठीक बनाई गई थी, लेकिन पाइपलाइन के काम के कारण नुकसान हुआ। वहीं, जेएमसी-ग्रेटर के कार्यकारी अभियंता मदन मोहन शर्मा ने बिजली और पाइपलाइन विभागों की बार-बार खुदाई को सड़क धंसने का कारण बताया। दोनों विभाग एक-दूसरे पर दोषारोपण कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।

जलभराव और दुर्घटनाएं

गुरुवार की बारिश ने शहर के कई इलाकों को प्रभावित किया। कलेक्ट्रेट सर्किल तक पहुंचने में एक घंटे से अधिक समय लगा। बैस गोदाम में एक पेड़ गिरने से खड़ी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। खिरनी फाटक अंडरपास जलभराव के कारण लगभग दुर्गम हो गया, जिससे यात्रियों को लंबा चक्कर लगाना पड़ा।

वाल्ड सिटी के महेश्वर महादेव मंदिर के पास बाढ़ जैसे हालात बन गए, जिससे दुकानें जल्दी बंद करनी पड़ीं। झोटवाड़ा के निवासी शिवम शर्मा ने बताया, "हर मानसून में हमें ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस बार यह पहले दिन से शुरू हो गया। हम अपनी बाइक को पानी में घसीटकर ले गए।"

कैलगिरी रोड पर एक राहगीर का दोपहिया वाहन पानी में डूबे गड्ढे से टकरा गया, जिससे उन्हें चोट लगी। एक डिलीवरी ब्वॉय रात में गड्ढे में गिर गया। मानसरोवर में कई आंतरिक गलियां जलमग्न हैं, जिससे निवासियों को घुटनों तक पानी में चलना पड़ रहा है।

नालों की सफाई अधूरी, स्वास्थ्य को खतरा

दो महीने पहले शुरू हुई नाले की सफाई अभी तक पूरी नहीं हुई है। ओवरफ्लो हो रहे नाले सड़कों पर गंदगी और मलबा फैला रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गया है। स्ट्रीट लाइटिंग की कमी के कारण खुले नालों में लोग और आवारा जानवर गिर रहे हैं।

एक यात्री ने बताया, "मेरा वाहन एक गहरे गड्ढे में फंस गया, जिससे मैं गिर गई और मेरे पैर में चोट लग गई। कोई बैरिकेड या चेतावनी नहीं थी।"

जलभराव की समस्या ने अजमेर रोड, डीसीएम, खातीपुरा, सिविल लाइंस, हसनपुरा, सोडाला और सहकार मार्ग जैसे प्रमुख क्षेत्रों को प्रभावित किया। शहर में जल निकासी की पुरानी समस्या को देखते हुए बेहतर योजना की जरूरत है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .