कोरोना की वापसी: क्या फिर लौटेगा 2020 का वो डरावना दौर?"
कोरोना वायरस (कोविड-19) एक बार फिर चर्चा में है, क्योंकि सिंगापुर और हांगकांग में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सिंगापुर में 3 मई 2025 तक 14,200 मामले दर्ज हुए, जो पिछले हफ्ते से 28% ज्यादा हैं

2020 का वो खौफनाक मंजर
2020 का वो साल कोई नहीं भूल सकता। सड़कें सुनसान, गलियां खामोश, और अस्पतालों में सिर्फ चीखें। कोविड-19 ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। स्कूल-कॉलेज बंद, नौकरियां गईं, और हर दिन अपनों को खोने की खबरें। वो अनिश्चितता, वो डर, वो मास्क और सैनिटाइजर—सब कुछ हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गया था। फिर वैक्सीन आई, दुनिया धीरे-धीरे पटरी पर लौटी, और हमें लगा कि शायद अब वो बुरा सपना खत्म हो चुका है। लेकिन 2025 में कुछ खबरें फिर से उस डर को जगा रही हैं। क्या कोरोना वाकई वापस लौट रहा है? आइए, तथ्यों के साथ जानते हैं।
सिंगापुर और हांगकांग में कोविड का नया उछाल
एशिया के दो बड़े शहरों—सिंगापुर और हांगकांग—में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सिंगापुर में 27 अप्रैल से 3 मई तक के हफ्ते में 14,200 मामले दर्ज किए गए, जो पिछले हफ्ते के 11,100 मामलों से 28% ज्यादा है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में भी 30% की बढ़ोतरी हुई है। हांगकांग में स्थिति और गंभीर है—वहां सांस संबंधी नमूनों में कोविड पॉजिटिव का प्रतिशत पिछले एक साल में सबसे ज्यादा है। 3 मई को खत्म हुए हफ्ते में 31 गंभीर मामले और मौतें दर्ज की गईं, जो एक साल का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। सीवेज सर्विलांस में भी वायरल लोड बढ़ा है, जो बताता है कि वायरस तेजी से फैल रहा है। थाईलैंड में सॉन्गक्रान उत्सव के बाद और चीन में भी मामले बढ़े हैं, जिससे यह साफ है कि कोविड अब मौसम पर निर्भर नहीं—गर्मी में भी ये फैल सकता है।
भारत में क्या है स्थिति?
भारत में अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता बरतने की जरूरत है। 19 मई 2025 तक देश में 257 सक्रिय मामले हैं, जिनमें से ज्यादातर हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती की जरूरत नहीं पड़ी। केरल में सबसे ज्यादा 69 मामले, महाराष्ट्र में 44, और तमिलनाडु में 34 मामले हैं। मुंबई के KEM अस्पताल में दो कोविड पॉजिटिव मरीजों की मौत हुई, लेकिन दोनों पहले से गंभीर बीमारियों (मुंह का कैंसर और नेफ्रोटिक सिंड्रोम) से जूझ रहे थे, इसलिए मौत का कारण कोविड को नहीं माना गया। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति की समीक्षा की और कहा कि घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन निगरानी बढ़ा दी गई है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) और ICMR जैसी संस्थाएं नए वेरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 पर नजर रख रही हैं, जो JN.1 वेरिएंट के सब-वेरिएंट्स हैं और सिंगापुर-हांगकांग में फैल रहे हैं।
IPL और सेलिब्रिटी कनेक्शन: ट्रेविस हेड और शिल्पा शिरोडकर
IPL 2025 में सनराइजर्स हैदराबाद के स्टार बल्लेबाज ट्रेविस हेड कोविड पॉजिटिव पाए गए, जिसके चलते वे लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मैच नहीं खेल सके। कोच डैनियल वेटोरी ने बताया कि हेड भारत लौट रहे हैं और उनकी स्थिति की जांच की जाएगी। इसके अलावा, अभिनेत्री शिल्पा शिरोडकर भी कोविड पॉजिटिव पाई गईं। ये हाई-प्रोफाइल मामले लोगों का ध्यान खींच रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि क्या कोविड फिर से आम जिंदगी को प्रभावित करेगा।
हरभजन सिंह की अपील: सतर्क रहें!
पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने हाल ही में कोविड-19 को लेकर सतर्क रहने की अपील की थी। हालांकि, उनकी यह अपील 2020 में चेन्नई सुपर किंग्स कैंप में कोविड मामलों के समय की थी, जब वे IPL छोड़ने पर विचार कर रहे थे। हाल के संदर्भ में, X पर कई पोस्ट्स में लोग हरभजन की पुरानी अपील को फिर से शेयर कर रहे हैं, जिससे मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता बढ़ रही है।
क्या है नया वेरिएंट और इसका खतरा?
विशेषज्ञों के मुताबिक, सिंगापुर और हांगकांग में फैल रहे JN.1 वेरिएंट के सब-वेरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 ज्यादा संक्रामक हैं और पुरानी वैक्सीन या संक्रमण से मिली इम्यूनिटी को आंशिक रूप से चकमा दे सकते हैं। हालांकि, ये वेरिएंट्स ज्यादातर हल्की बीमारी का कारण बन रहे हैं, खासकर वैक्सीनेटेड लोगों में। भारत में वैक्सीनेशन का मजबूत आधार और बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था इसे पहले की लहरों की तुलना में कम खतरनाक बनाती है।
क्या फिर से लॉकडाउन और मास्क की वापसी होगी?
फिलहाल भारत में लॉकडाउन या बड़े पैमाने पर पाबंदियों की कोई योजना नहीं है। सरकार ने मास्क पहनना अनिवार्य नहीं किया, लेकिन विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि भीड़-भाड़ वाली जगहों जैसे सार्वजनिक परिवहन, बाजार, या धार्मिक आयोजनों में N95 या सर्जिकल मास्क पहनें। बूस्टर डोज लेना, खासकर बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए, जरूरी है। XBB.1.5 मोनोवैलेंट बूस्टर JN.1 वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा बढ़ा सकता है। साथ ही, अच्छा पोषण, हवादार जगहों में रहना, और सैनिटाइजेशन की आदतें अपनाने की सलाह दी जा रही है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
डॉ. सुजीत सिंह (पूर्व निदेशक, NCDC) का कहना है कि भारत में नए वेरिएंट्स की निगरानी के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी है। सीवेज सैंपल्स में वायरल लोड बढ़ने पर दो हफ्ते बाद मामलों में उछाल आ सकता है। डॉ. मनीषा अरोड़ा (CK बिरला हॉस्पिटल, दिल्ली) के मुताबिक, JN.1 के लक्षण पुराने वेरिएंट्स जैसे ही हैं—बुखार, खांसी, गले में खराश, थकान, और मांसपेशियों में दर्द। लेकिन ये गंभीर बीमारी का कारण कम ही बन रहे हैं।
आगे क्या?
कोविड-19 अब पूरी तरह खत्म नहीं होगा; यह एक एनडेमिक बीमारी बन चुका है, जिसके साथ जीने की आदत डालनी होगी। भारत में स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन वैश्विक यात्रा और घनी आबादी इसे जोखिम में डाल सकती है। सिंगापुर और हांगकांग के हालात हमें सावधान रहने की चेतावनी दे रहे हैं। 2020 ने हमें सिखाया कि सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है। तो, मास्क तैयार रखें, वैक्सीन की बूस्टर डोज लें, और भीड़ से बचें