ज्योति मिर्धा का तंज: हनुमान बेनीवाल की बिजली गुल, देसी जुगाड़ से ठंडी हवा!
नागौर में सांसद हनुमान बेनीवाल के आवास का बिजली कनेक्शन 11.61 लाख रुपये बकाया बिल के कारण काटा गया, जिसे उनके भाई ने राजनीतिक साजिश करार दिया। बिजली विभाग की कार्रवाई और पुराने बिल पर सवाल उठ रहे हैं।

नागौर में सांसद हनुमान बेनीवाल के आवास का बिजली कनेक्शन काटे जाने की घटना ने सियासी तूल पकड़ लिया है, जिसके बाद भाजपा सांसद ज्योति मिर्धा ने ट्विटर (X) पर तंज कसते हुए लिखा, "देसी जुगाड़, कलाई की मेहनत से ठंडी हवा! #Nagaur"। यह कार्रवाई 11.61 लाख रुपये के बकाया बिल के कारण की गई, जो बेनीवाल के भाई प्रेम सुख के नाम पर दर्ज है। बेनीवाल के छोटे भाई नारायण बेनीवाल ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया, जबकि बिजली विभाग पर सालों तक बिल वसूली में ढिलाई बरतने के सवाल उठ रहे हैं। मिर्धा की पोस्ट को बेनीवाल पर कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है, जिससे नागौर में राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है।
हनुमान बेनीवाल लगातार किसानों के बिजली कनेक्शन न काटने की वकालत करते रहे हैं, लेकिन उनके ही आवास की बिजली कटने से यह मामला चर्चा में है। बिजली विभाग के अनुसार, बकाया बिल को लेकर कई बार नोटिस और बिल भेजे गए, लेकिन भुगतान नहीं हुआ।
राजनीतिक विवाद और आरोप
इस कार्रवाई को लेकर हनुमान बेनीवाल के छोटे भाई और पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। उनका आरोप है कि यह कार्रवाई हनुमान बेनीवाल के हालिया बयानों के कारण की गई। बेनीवाल ने हाल ही में कैबिनेट मंत्री केके बिश्नोई पर सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को लेकर आरोप लगाए थे। इसके अलावा, मंत्री जोगाराम पटेल, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर उनकी टिप्पणियां भी सुर्खियों में रही हैं। 1 जुलाई को सरकार ने सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय में जवाब भी पेश किया था।
सवालों के घेरे में बिजली विभाग
इस मामले में बिजली विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। आखिर इतने सालों तक बकाया बिल क्यों नहीं वसूला गया? अब अचानक यह कार्रवाई क्यों की गई? इन सवालों ने कार्रवाई को और विवादास्पद बना दिया है।
कार्रवाई की खबर और वायरल वीडियो के बाद RLP कार्यकर्ता और हनुमान बेनीवाल के समर्थक नागौर में उनके आवास और बिजली विभाग के कार्यालय पर जुट रहे हैं। समर्थकों का कहना है कि यह कार्रवाई बेनीवाल की बेबाक बयानबाजी को दबाने की कोशिश है।