"ज्योति मल्होत्रा जासूसी का पर्दाफाश: पाकिस्तानी हाईकमीशन के दानिश का जासूसी और घूसखोरी का काला सच"

ज्योति मल्होत्रा, एक यूट्यूबर और हरियाणा की निवासी, को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वह पाकिस्तानी हाई कमीशन में कार्यरत अधिकारी दानिश के संपर्क में थी, जिसने उसकी पाकिस्तान यात्रा का खर्च उठाया। पुलिस पूछताछ में ज्योति ने कई खुलासे किए, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ उसके करीबी रिश्ते और बाली यात्रा शामिल हैं। ऑपरेशन सिंदूर के तहत खुफिया एजेंसियों ने 10 बड़े खुलासे किए, जिसमें ज्योति को पाकिस्तान की "एसेट" बताया गया। पंजाब के मलेरकोटला और हरियाणा से कुल 6 जासूसों को गिरफ्तार किया गया।

May 20, 2025 - 16:28
"ज्योति मल्होत्रा जासूसी का पर्दाफाश: पाकिस्तानी हाईकमीशन के दानिश का जासूसी और घूसखोरी का काला सच"

नई दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन के वीजा डेस्क पर तैनात दानिश के नेतृत्व में एक बड़े जासूसी और घूसखोरी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसमें दानिश द्वारा भारतीय नागरिकों को जासूसी के लिए फंसाने और वीजा प्रक्रिया में घूसखोरी की साजिश शामिल है। इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों गजाला, यामीन मोहम्मद, और देवेंद्र सिंह ढिल्लो से पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। 

पाकिस्तान हाई कमीशन में जासूसी का अड्डा: दानिश का डबल गेम

पाकिस्तान हाई कमीशन में वीजा डेस्क पर तैनात दानिश न केवल भारतीय नागरिकों को वीजा देने के नाम पर घूस वसूलता था, बल्कि उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के लिए भी उकसाता था। जांच में पता चला है कि दानिश का मोबाइल नंबर ****8939, जो पाकिस्तान हाई कमीशन के नाम पर रजिस्टर्ड है, इस रैकेट का केंद्र था। वह इस नंबर के जरिए व्हाट्सएप, स्नैपचैट और वॉइस कॉल के माध्यम से ज्योति मल्होत्रा, गजाला, और यामीन मोहम्मद से संपर्क में रहता था।दानिश ने वीजा प्रक्रिया को आसान करने का लालच देकर कई भारतीयों को अपने जाल में फंसाया। वह संवेदनशील जानकारी, जैसे भारतीय सेना की गतिविधियों और ठिकानों की सूचनाएं, पाकिस्तान तक पहुंचाने के लिए लोगों को मजबूर करता था।

दानिश वीजा फाइल क्लीयर करने के लिए प्रति आवेदन करीब 5,000 रुपये की घूस वसूलता था। यह रकम यामीन मोहम्मद के पास जमा होती थी, जो दानिश का मुख्य सहयोगी था। यामीन का काम वीजा के लिए हाई कमीशन आने वाले लोगों को दानिश से मिलवाना और घूस की रकम इकट्ठा करना था  यामीन ने पूछताछ में बताया कि दानिश के कहने पर वह कमीशन के पैसे अपने पास रखता था और बाद में उन्हें विभिन्न माध्यमों, जैसे UPI और हवाला, के जरिए आगे भेजता था।

पंजाब के मलेरकोटला की 32 वर्षीय विधवा गजाला इस जासूसी रैकेट की अहम कड़ी थी। फरवरी 2025 में वह वीजा के लिए पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी, जहां उसकी मुलाकात दानिश से हुई। दानिश ने उसे हनीट्रैप में फंसाया और शादी का झांसा देकर जासूसी नेटवर्क में शामिल किया। गजाला का पासपोर्ट और पाकिस्तान का वीजा, जिसमें तारिक जावेद, वीजा अटैची, हाई कमीशन ऑफ पाकिस्तान, नई दिल्ली की मुहर है, जांच एजेंसियों के हाथ लगा है। गजाला ने पूछताछ में कबूल किया कि उसने भारतीय सेना के ट्रकों की आवाजाही, ठिकानों और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी दानिश को भेजी। उसने UPI के माध्यम से 30,000 रुपये के लेन-देन भी किए, जो इस जासूसी नेटवर्क का हिस्सा थे।

यामीन मोहम्मद: दानिश का दाहिना हाथ

मलेरकोटला का यामीन मोहम्मद दानिश का मुख्य सहयोगी था, जो वीजा आवेदकों को दानिश से मिलवाने और घूस की रकम इकट्ठा करने का काम करता था। उसका पासपोर्ट भी जांच एजेंसियों के हाथ लगा है। यामीन ने बताया कि वह दो बार पाकिस्तान जा चुका था और दानिश के साथ उसकी गहरी दोस्ती थी। दानिश ने उसे वीजा आवेदकों से कमीशन वसूलने और उनके जरिए जासूसी नेटवर्क को मजबूत करने का निर्देश दिया था।यामीन ने पूछताछ में स्वीकार किया कि दानिश के कहने पर उसने कई लोगों से 20,000 रुपये तक की रकम वसूली और इसे गजाला के UPI खाते में ट्रांसफर किया।

ज्योति मल्होत्रा: यूट्यूबर से जासूस तक

हरियाणा की मशहूर यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जो अपने ‘ट्रैवल विद जो’ चैनल के लिए जानी जाती है, इस जासूसी रैकेट की मुख्य आरोपी है। 2023 में वीजा के लिए पाकिस्तान हाई कमीशन जाने पर उसकी मुलाकात दानिश से हुई, जिसके बाद वह ISI के संपर्क में आई। दानिश ने उसे पाकिस्तान की सकारात्मक छवि पेश करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए उकसाया। ज्योति ने पूछताछ में बताया कि वह दो बार पाकिस्तान गई थी, जहां दानिश ने उसे ISI के अन्य एजेंट्स, जैसे अली अहसान और शाकिर उर्फ राणा शहबाज, से मिलवाया। उसने सोशल मीडिया के जरिए भारत की गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को भेजी।

 देवेंद्र सिंह ढिल्लो: करतारपुर कॉरिडोर से जासूसी तक

हरियाणा के कैथल से गिरफ्तार 25 वर्षीय देवेंद्र सिंह ढिल्लो ने करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान की यात्रा की थी, जहां वह ISI के संपर्क में आया। उसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को भेजी। देवेंद्र ने पूछताछ में कबूल किया कि वह हनीट्रैप में फंस गया था। उसने पटियाला छावनी की तस्वीरें और जानकारी ISI को भेजी थी।

 ऑपरेशन सिंदूर और बढ़ता सैन्य तनाव

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की। इस दौरान ज्योति मल्होत्रा, गजाला, और अन्य आरोपियों की गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं।जांच में पता चला कि दानिश और उसके नेटवर्क ने इस हमले से पहले और बाद में भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी जुटाने की कोशिश की। ज्योति मल्होत्रा ने हमले के बाद कश्मीर का दौरा किया और संवेदनशील जानकारी साझा की।

 भारत सरकार की सख्त कार्रवाई

भारत सरकार ने दानिश को ‘persona non grata’ (अवांछित व्यक्ति) घोषित कर 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया। इसके साथ ही, सुरक्षा एजेंसियों ने इस जासूसी नेटवर्क से जुड़े 6 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें ज्योति मल्होत्रा, गजाला, यामीन मोहम्मद, देवेंद्र सिंह ढिल्लो, नोमान इलाही, और अरमान शामिल हैं।सभी आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स सीज कर दिए गए हैं, और उनके मोबाइल फोन और लैपटॉप से संदिग्ध सामग्री बरामद की गई है

यह जासूसी और घूसखोरी रैकेट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा साबित हुआ है। दानिश ने वीजा प्रक्रिया का दुरुपयोग कर कई भारतीयों को अपने जाल में फंसाया। गजाला, यामीन, और ज्योति जैसे लोग या तो पैसे के लालच में या हनीट्रैप के जरिए इस नेटवर्क का हिस्सा बने। भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए सक्रिय हैं, और इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ