जोधपुर पुलिस की लापरवाही: बुजुर्ग को गलत पकड़ा, सदमे में पड़ा दिल, रास्ते में छोड़कर भागे
पांच पुलिसकर्मियों की एक टीम गिरफ्तारी के वारंट के साथ 30 वर्षीय आरोपी को पकड़ने पहुंची, लेकिन लापरवाही के चलते उन्होंने एक बुजुर्ग को उनके घर से उठा लिया। दोनों का नाम एक होने के कारण पुलिस ने बिना ठीक से पहचान किए यह गलती की।

जोधपुर, राजस्थान से पुलिस की एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पांच पुलिसकर्मियों की एक टीम गिरफ्तारी के वारंट के साथ 30 वर्षीय आरोपी को पकड़ने पहुंची, लेकिन लापरवाही के चलते उन्होंने एक बुजुर्ग को उनके घर से उठा लिया। दोनों का नाम एक होने के कारण पुलिस ने बिना ठीक से पहचान किए यह गलती की।
घटना का विवरण
पुलिस की इस लापरवाही का शिकार बने बुजुर्ग स्वरूप सिंह को पुलिस थाने ले जा रही थी। रास्ते में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रास्ते में ही छोड़ दिया और चले गए। परिजनों ने किसी तरह स्वरूप सिंह को सड़क किनारे से उठाकर उप जिला अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जोधपुर रेफर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, सदमे के कारण बुजुर्ग को माइनर हार्ट अटैक आया है। वर्तमान में उनका इलाज जोधपुर के एक अस्पताल में चल रहा है।
परिजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश
इस घटना से बुजुर्ग के परिजन और स्थानीय लोग बेहद नाराज हैं। परिजनों ने दोनों सहायक उप-निरीक्षकों (ASI) सहित सभी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और निलंबन की मांग की है। इलाके के लोगों में भी पुलिस की इस लापरवाही को लेकर गुस्सा है और वे प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की गलती का खुलासा
जांच में सामने आया कि पुलिस ने केवल नाम के आधार पर बिना उम्र या अन्य विवरण की पुष्टि किए बुजुर्ग को गिरफ्तार किया। जब पुलिस को अपनी गलती का एहसास हुआ, तब तक वे बुजुर्ग को बीड़ सड़क पर छोड़कर जा चुके थे। यह घटना पुलिस की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैये को दर्शाती है।
प्रशासन से न्याय की मांग
इस मामले ने जोधपुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठाए हैं। स्थानीय लोग और परिजन प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को और सतर्कता बरतने की जरूरत है।