अस्पताल की लापरवाही: गर्भवती महिला को गेट पर देना पड़ा बच्चे को जन्म
करौली के मासलपुर में अस्पताल की लापरवाही के कारण एक गर्भवती महिला को गेट पर बच्चे को जन्म देना पड़ा, जिसने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर किया। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और जनता में आक्रोश है।

राजस्थान के करौली जिले के मासलपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक गर्भवती महिला को अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया गया, जिसके कारण उसे अस्पताल के मुख्य गेट पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। इस घटना ने राजस्थान की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को एक बार फिर उजागर किया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दिखाया गया है कि प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला को अस्पताल के गेट पर बच्चे को जन्म देना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों और परिजनों के अनुसार, मासलपुर CHC में डॉक्टरों की अनुपस्थिति और स्टाफ की लापरवाही के कारण यह स्थिति पैदा हुई। परिजनों ने बताया कि महिला को समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिली, जिसके चलते उन्हें खुले में ही प्रसव कराना पड़ा।
यह घटना कोई पहली घटना नहीं है। हाल ही में सवाई माधोपुर जिले के मलारना स्टेशन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में भी एक गर्भवती महिला को इसी तरह अस्पताल के बाहर बच्चे को जन्म देना पड़ा था। इन घटनाओं ने राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के दावों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। कई यूजर्स ने इसे "स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता" और "प्रसूताओं के प्रति अमानवीय व्यवहार" करार दिया है। एक यूजर ने लिखा, "यह किसी एक माँ की बेबसी नहीं, बल्कि पूरी व्यवस्था की नाकामी है।"
स्थानीय नेताओं और विपक्षी दलों ने भी इस मामले में सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता रामकेश मीणा ने कहा, "कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान की चिकित्सा व्यवस्था शीर्ष पर थी, लेकिन अब हालात बद से बदतर हो गए हैं।" वहीं, अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
अस्पताल प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, स्थानीय सूत्रों के अनुसार, घटना के बाद जच्चा-बच्चा को बाद में अस्पताल में भर्ती किया गया, और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और चिकित्सा कर्मियों की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं। जनता अब सरकार से न केवल इस मामले की जांच, बल्कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की मांग कर रही है।