गुरुकुल में मासूम की निर्मम हत्या: 7 साल के सव्य सांची उर्फ चिंटू की चाकू से गोदकर हत्या, गला दबाया, शव खेत में फेंका
राजस्थान के पाली शहर में 7 वर्षीय सव्य सांची उर्फ चिंटू, जो आर्य समाज के गुरुकुल में संस्कृत शिक्षा ले रहा था, की चाकू से गोदकर और गला दबाकर निर्मम हत्या कर दी गई। उसका शव गुरुकुल के पास एक खेत में अर्धनग्न हालत में मिला।

पाली, 4 जुलाई 2015: राजस्थान के पाली शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। आर्य समाज द्वारा संचालित गुरुकुल आश्रम में संस्कृत शिक्षा लेने वाले 7 साल के मासूम सव्य सांची उर्फ चिंटू की चाकू से गोदकर और गला दबाकर निर्मम हत्या कर दी गई। हत्या के बाद उसके शव को गुरुकुल के पास एक खेत में अर्धनग्न हालत में फेंक दिया गया। यह घटना पाली शहर में अपनी तरह की पहली और सबसे भयावह वारदात थी, जिसने स्थानीय लोगों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन को भी सकते में डाल दिया।
घटना का खुलासा: खेत में मिली मासूम की लाश
4 जुलाई 2015 की शाम करीब 4 बजे पाली के कोतवाली थाने के लैंडलाइन पर एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि नया गांव फ्लाईओवर के पास एक खेत में एक बच्चे की लाश पड़ी है, जो अर्धनग्न हालत में है। सूचना मिलते ही तत्कालीन कोतवाली थानाधिकारी देरावरसिंह सोढ़ा पुलिस जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे।
खेत में पड़े शव की जांच की गई तो उसकी पहचान पास ही स्थित आर्य समाज के गुरुकुल आश्रम में रहने वाले 7 वर्षीय शिष्य सव्य सांची उर्फ चिंटू के रूप में हुई। सव्य का शव क्षत-विक्षत हालत में था। उसके सिर पर चाकुओं से गोदने के निशान थे, मिट्टी के ढेले से वार किए गए थे, और गला घोंटने के स्पष्ट निशान भी मौजूद थे। हत्या की क्रूरता देखकर पुलिस और स्थानीय लोग स्तब्ध रह गए। यह स्पष्ट था कि हत्यारे ने सव्य पर अपना सारा गुस्सा उतारा था।
सव्य सांची: गुरुकुल का लाड़ला और संस्कृत का होनहार शिष्य
सव्य सांची उर्फ चिंटू पुत्र रविंद्र कुमार सैन उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के रूड़की का रहने वाला था। मात्र 7 साल की उम्र में उसकी वैदिक अध्ययन और संस्कृत में गहरी रुचि थी। पाली के गुरुकुल में उसका मौसेरा भाई सौरभ आचार्य था, जो उसे 7 महीने पहले संस्कृत की शिक्षा दिलाने के लिए पाली लेकर आया था।
सव्य की संस्कृत पर असाधारण पकड़ थी। वह बिना देखे संस्कृत के श्लोकों का उच्चारण करता और उनका सार समझाता था। गुरुकुल में वह सबसे छोटा शिष्य होने के कारण सभी का लाड़ला था। उसकी मासूमियत और विद्या के प्रति लगन ने गुरुकुल के सभी स्टाफ और बच्चों का दिल जीत लिया था।
हत्यास्थल पर विवाद: संपत्ति को लेकर चल रहा था तनाव
पुलिस जांच में पता चला कि जिस खेत में सव्य का शव मिला, वहां पहले से संपत्ति को लेकर दो पक्षों में विवाद चल रहा था। यह विवाद गुरुकुल और स्थानीय लोगों के बीच तनाव का कारण बना हुआ था। इस विवाद को हत्या से जोड़कर पुलिस ने जांच शुरू की। गुरुकुल में रहने वाले स्टाफ और अन्य बच्चों से पूछताछ के बाद पुलिस को हत्या के पीछे का पहला सुराग मिला, जिसने जांच को नई दिशा दी।
पुलिस की कार्रवाई: सुराग की तलाश में जुटी टीमें
कोतवाली थानाधिकारी देरावरसिंह सोढ़ा के नेतृत्व में पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। गुरुकुल के सभी कर्मचारियों और बच्चों से पूछताछ की गई। हत्या की क्रूरता को देखते हुए पुलिस ने हर संभावित पहलू की जांच शुरू की। संपत्ति विवाद के अलावा, गुरुकुल के आंतरिक माहौल और सव्य के व्यवहार को भी खंगाला गया। पुलिस ने आसपास के लोगों से भी जानकारी जुटाई और हत्यारे तक पहुंचने के लिए सुराग तलाशे।
शहर में सनसनी: पहली बार इतनी क्रूर हत्या
पाली शहर में पहली बार किसी 7 साल के बच्चे की इतनी निर्मम हत्या की घटना सामने आई थी। इस वारदात ने न केवल स्थानीय लोगों में दहशत फैलाई, बल्कि गुरुकुल जैसे पवित्र स्थान पर ऐसी घटना होने से लोग आहत भी हुए। सव्य की मासूमियत और उसकी विद्या के प्रति लगन की कहानियां सुनकर लोग और भी दुखी हुए।
आगे की जांच: हत्यारे की तलाश
पुलिस ने इस मामले में गहन जांच शुरू की। संपत्ति विवाद के अलावा, पुलिस ने गुरुकुल के अंदरूनी मामलों और सव्य के किसी से व्यक्तिगत रंजिश की संभावना को भी टटोला। हालांकि, शुरुआती जांच में हत्या का स्पष्ट मकसद सामने नहीं आया। पुलिस ने हत्यारे की तलाश के लिए कई टीमें गठित कीं और आसपास के इलाकों में छानबीन शुरू की।