बदले की आग में जल उठा परिवार ममेरे भाई की हत्या, मुख्य आरोपी जोधपुर से गिरफ्तार
अलवर में प्रॉपर्टी विवाद के चलते राजेश शर्मा ने अपने ममेरे भाई की गाड़ी से कुचलकर हत्या की, जिसके बाद फरार आरोपी को जोधपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल गाड़ी भी बरामद की।

राजस्थान के अलवर जिले में एक प्रॉपर्टी विवाद ने रिश्तों को खून से रंग दिया। अपने मामा के बेटे को गाड़ी से कुचलकर हत्या करने के मामले में फरार मुख्य आरोपी राजेश शर्मा को अलवर पुलिस ने जोधपुर से गिरफ्तार कर लिया है। इस सनसनीखेज वारदात ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि लालच और बदले की भावना किस तरह रिश्तों को तार-तार कर सकती है। पुलिस ने इस मामले में वारदात में इस्तेमाल की गई गाड़ी को भी बरामद कर लिया है।
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि यह वारदात अलवर के उद्योग नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बख्तल चौकी के पास हुई। आरोपी राजेश शर्मा (32) का अपने मामा के साथ बख्तल में एक प्लॉट की बिक्री से हुए मुनाफे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। यह विवाद उस समय और गहरा गया जब मामा ने कुछ बाउंसरों की मदद से अलवर के तहसील कार्यालय में राजेश के साथ मारपीट की थी। इस अपमान का बदला लेने के लिए राजेश ने अपने ममेरे भाई कृष्ण और दामाद के भाई जितेंद्र को अपनी डैटसन गाड़ी से टक्कर मार दी। इस हमले में कृष्ण की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि जितेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया। वारदात को अंजाम देने के बाद राजेश मौके से फरार हो गया।
फरारी के दौरान बदले ठिकाने, बनाया फर्जी पहचान
राजेश शर्मा कोई नया अपराधी नहीं था। पुलिस के अनुसार, वह एक शातिर अपराधी है जो पुलिस से बचने के तमाम तरीके जानता था। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड जैसे कई राज्यों में फरारी काटी। हैरानी की बात यह है कि इस दौरान वह खुद को 'एयरपोर्ट अथॉरिटीज का कर्मचारी' बताकर अपनी पहचान छिपाता रहा। पुलिस ने बताया कि राजेश की पत्नी जोधपुर में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में कांस्टेबल की ट्रेनिंग कर रही है, जिसके चलते वह जोधपुर में छिपा हुआ था।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई: तकनीक और खुफिया जानकारी का सहारा
अलवर पुलिस ने इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करते हुए राजेश शर्मा को जोधपुर से धर दबोचा। पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि एक विशेष पुलिस टीम ने तकनीकी और खुफिया जानकारी का इस्तेमाल कर आरोपी का पता लगाया। इस ऑपरेशन का नेतृत्व थानाधिकारी उप-निरीक्षक अजीत सिंह बड़सरा ने किया। टीम में हेड कांस्टेबल खेम सिंह, कांस्टेबल देवकी नन्दन, सद्दाम खान, अजहर खान और साइक्लोन सेल के हेड कांस्टेबल संदीप कुमार शामिल थे। पुलिस ने राजेश शर्मा पुत्र प्रकाश चंद उर्फ हरिया, निवासी मूंडिया, थाना नगर, जिला डीग (हाल निवासी गुर्जर कॉलोनी, बख्तल की चौकी, थाना उद्योग नगर, अलवर) को गिरफ्तार कर लिया और वारदात में इस्तेमाल डैटसन गाड़ी भी बरामद की।
पुलिस की जांच में सामने आया कि राजेश शर्मा का आपराधिक इतिहास पुराना है। उसके खिलाफ जयपुर के महेश नगर, बजाज नगर और सांगानेर थानों में धोखाधड़ी और मारपीट के कई मामले पहले से दर्ज हैं। यह जानकारी इस बात की गवाही देती है कि राजेश शर्मा अपराध की दुनिया में कोई नया नाम नहीं है।