जोधपुर में फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश: ऑपरेशन हेरा-फेरी ने मुख्य सरगना बाबूलाल पटेल को ठोस सबूतों के साथ दबोचा

जोधपुर रेंज पुलिस की साइक्लोनर टीम ने ऑपरेशन हेरा-फेरी के तहत फर्जी डिग्री रैकेट के मुख्य सरगना बाबूलाल पटेल को असम से गिरफ्तार किया। आईजी विकास कुमार के नेतृत्व में साइक्लोनर और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में 25 हजार के इनामी बाबूलाल को नाटकीय अंदाज में पकड़ा गया। वह शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती के लिए बैक डेट में फर्जी डिग्रियां बनाता था। ठोस सबूतों के आधार पर गिरफ्तारी हुई, और गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।

May 17, 2025 - 18:57
जोधपुर में फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश: ऑपरेशन हेरा-फेरी ने मुख्य सरगना बाबूलाल पटेल को ठोस सबूतों के साथ दबोचा

जोधपुर रेंज पुलिस की साइक्लोनर टीम ने पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विकास कुमार के नेतृत्व में ऑपरेशन हेरा-फेरी के तहत एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। फर्जी डिग्री रैकेट के मुख्य सूत्रधार बाबूलाल पटेल को असम में छिपे होने के बावजूद नाटकीय अंदाज में गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई में साइक्लोनर टीम ने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) जयपुर के साथ मिलकर संयुक्त रूप से ऑपरेशन को अंजाम दिया। बाबूलाल पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था।

आईजी विकास कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि बाबूलाल पटेल शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती के लिए बैक डेट में फर्जी डिग्रियां बनाता था। वह कई अभ्यर्थियों के लिए फर्जी प्रमाणपत्र तैयार करने का काम करता था, जिससे वे सरकारी नौकरियों में चयन के लिए पात्र बन सकें। यह गैंग लंबे समय से इस अवैध कारोबार में संलिप्त था और कई राज्यों में इसका नेटवर्क फैला हुआ था। बाबूलाल इस गैंग का मुख्य सरगना था, जो अपनी लोकेशन बदलकर पुलिस को चकमा देता रहा।

जानकारी के अनुसार, बाबूलाल पटेल असम में छिपकर अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा था। साइक्लोनर टीम और एसओजी ने महीनों तक उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और सटीक सूचना के आधार पर असम में दबिश दी। नाटकीय अंदाज में की गई इस कार्रवाई में उसे धर-दबोचा गया। गिरफ्तारी के बाद उसे एसओजी जयपुर के हवाले कर दिया गया है, जहां उससे पूछताछ जारी है।

आईजी विकास कुमार ने बताया कि साइक्लोनर टीम को तीन हिस्सों में बांटा गया है: साइक्लोनर, टॉरनेडो, और स्ट्रॉन्ग। इनमें साइक्लोनर टीम टेक्निकल इंटेलिजेंस और ऑपरेशन की प्लानिंग करती है, जबकि अन्य टीमें निगरानी और जोखिम भरे ऑपरेशनों को अंजाम देती हैं। इस ऑपरेशन में साइक्लोनर टीम ने टेक्निकल इंटेलिजेंस का उपयोग कर बाबूलाल की सटीक लोकेशन का पता लगाया और फिर एसओजी के साथ मिलकर उसे पकड़ने में सफलता हासिल की।

आईजी ने कहा, "यह गिरफ्तारी फर्जी डिग्री रैकेट के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा लक्ष्य इस तरह के अपराधों को जड़ से खत्म करना है। बाबूलाल जैसे अपराधी समाज के लिए खतरा हैं, जो युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं।"

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बाबूलाल पटेल इस रैकेट का अकेला सरगना नहीं था। उसके गैंग में कई अन्य लोग भी शामिल हैं, जिनकी तलाश के लिए पुलिस ने विशेष टीमें गठित की हैं। पूछताछ में बाबूलाल से मिली जानकारी के आधार पर गैंग के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस रैकेट के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो जाएगा।

साइक्लोनर टीम की सक्रियता और आईजी विकास कुमार की रणनीति ने जोधपुर रेंज में अपराधियों के बीच खौफ पैदा कर दिया है। हाल के महीनों में इस टीम ने कई बड़े अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें ड्रग तस्कर, पेपर लीक के आरोपी, और अन्य इनामी बदमाश शामिल हैं। ऑपरेशन हेरा-फेरी इस दिशा में एक और मील का पत्थर साबित हुआ है।

यह घटना न केवल पुलिस की सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि फर्जीवाड़े और अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों को कानून के शिकंजे से बचना मुश्किल है। आईजी विकास कुमार ने युवाओं से अपील की कि वे ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों से दूर रहें और मेहनत के बल पर अपने लक्ष्य हासिल करें।

बाबूलाल पटेल से पूछताछ के बाद पुलिस इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों और उनके द्वारा बनाई गई फर्जी डिग्रियों की संख्या का पता लगाने में जुटी है। साथ ही, उन अभ्यर्थियों की भी जांच की जा रही है, जिन्होंने बाबूलाल की मदद से फर्जी डिग्रियां हासिल की थीं। पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ