गोगामेड़ी मेला 2025:भाद्रपद पूर्णिमा पर हनुमानगढ़ के गोगाजी मंदिर में मेले का भव्य समापन, लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

गोगामेड़ी मेला 2025 में 20 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, रिकॉर्ड 8.87 करोड़ रुपये की आय हुई। नवाचारों और सुविधाओं ने मेले को और भव्य बनाया।

Sep 8, 2025 - 13:35
गोगामेड़ी मेला 2025:भाद्रपद पूर्णिमा पर हनुमानगढ़ के गोगाजी मंदिर में मेले का भव्य समापन, लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित गोगाजी गोगामेड़ी मंदिर में आयोजित वार्षिक मेला रविवार को भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर औपचारिक रूप से संपन्न हुआ। इस अवसर पर भादरा विधायक संजीव बेनीवाल, नोहर अतिरिक्त जिला कलेक्टर संजू पारीक, नोहर उपखंड अधिकारी राहुल श्रीवास्तव, भादरा एसडीएम कल्पित श्योराण, मंदिर के महंत रूपनाथ और प्रशासक गोगामेड़ी सहित कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। इस बार मेले में भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला, जिसमें नवाचारों और श्रद्धालुओं की सुविधाओं ने आयोजन को और भी खास बना दिया।

रिकॉर्ड आय और श्रद्धालुओं की भारी भीड़

इस वर्ष मेले में करीब 20 लाख श्रद्धालुओं ने गोगाजी के दर्शन किए। हालांकि, पंजाब में आई बाढ़ के कारण दूसरे पखवाड़े में कुछ कम भीड़ देखी गई, फिर भी मेला भक्ति और उत्साह से भरा रहा। आय के मामले में इस बार रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी दर्ज की गई। दानपात्रों और रसीदों से 7 सितंबर तक 3,09,50,596 रुपये की आय हुई, जो पिछले वर्ष के 2,12,55,520 रुपये से काफी अधिक है। अभी 20-25 लाख रुपये की गणना शेष है। अस्थायी भूखंडों और अन्य स्रोतों को मिलाकर कुल आय 8.87 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष के 7.71 करोड़ रुपये से कहीं ज्यादा है।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अभूतपूर्व कदम

जिला प्रशासन और देवस्थान विभाग ने इस बार मेले को और बेहतर बनाने के लिए कई नए कदम उठाए। मंदिर परिसर में 850 फीट लंबी स्थायी स्टील बेरिकेटिंग लगाई गई, जिसने श्रद्धालुओं को धूप और बारिश से बचाने के साथ-साथ चेन स्नेचिंग और पर्स चोरी जैसी घटनाओं को भी रोका। समाधि दर्शन के लिए तीन बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गईं, जिससे श्रद्धालुओं को सुगम और स्पष्ट दर्शन का अनुभव मिला।

यात्रियों के ठहरने के लिए 3,000 लोगों की क्षमता वाले जर्मन हैगर युक्त रैन बसेरे बनाए गए, जिनमें 48 शौचालय और 48 स्नानघर की सुविधा थी। देवस्थान सहायक आयुक्त ओमप्रकाश ने बताया कि विश्व मानव रूहानी केंद्र द्वारा निशुल्क अस्पताल संचालित किया गया, जिसमें करीब 20,000 मरीजों का इलाज हुआ और दवाइयां वितरित की गईं। मेले में किसी भी गंभीर हादसे की खबर नहीं आई, जो प्रशासन की सतर्कता को दर्शाता है।

तकनीक और परंपरा का अनूठा मेल

जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव की पहल पर गोगाजी मंदिर के लिए एक आधिकारिक वेबसाइट विकसित की गई, जिसके माध्यम से श्रद्धालुओं को मेले की जानकारी और लाइव दर्शन की सुविधा मिली। इसके अलावा, मेला परिचय पुस्तिका छपवाकर वितरित की गई और एक हेल्पलाइन भी शुरू की गई। मेले में हर शाम लेजर और साउंड शो का आयोजन हुआ, जिसने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। रैन बसेरों के सामने भंडारों की व्यवस्था ने भी श्रद्धालुओं के लिए भोजन की सुविधा सुनिश्चित की।

एक मेला, जो जोड़े दिल और परंपरा

गोगामेड़ी मेला न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी जीवंत उदाहरण है। इस बार के मेले ने न केवल रिकॉर्ड आय और श्रद्धालुओं की संख्या के आंकड़े छुए, बल्कि प्रशासन के नवाचारों और श्रद्धालुओं की भक्ति ने इसे और भी यादगार बना दिया। गोगाजी की समाधि पर माथा टेकने आए हर श्रद्धालु के चेहरे पर संतुष्टि और आस्था का भाव साफ झलक रहा था।

Yashaswani Journalist at The Khatak .