बाड़मेर के सबसे बड़े अस्पताल में अव्यवस्थाओं की गंभीर स्थिति: जयपुर की टीम के निरीक्षण से सुधार की उम्मीद
बाड़मेर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में अव्यवस्थाओं की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिसमें गंदगी, कबाड़, शुद्ध पेयजल की कमी और अपर्याप्त सुविधाएं शामिल हैं। राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की पांच सदस्यीय टीम ने 30 मई 2025 को अस्पताल का निरीक्षण किया, जिसमें कमियों का जायजा लिया गया और सुधार के लिए समयसीमा तय की गई। जयपुर से टीम के आने की सूचना के बाद सफाई में तेजी देखी गई, लेकिन स्थायी सुधार पर सवाल बरकरार हैं। निरीक्षण की रिपोर्ट राजस्थान सरकार को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर ठोस कदमों की उम्मीद है।

राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, जो क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं का प्रमुख केंद्र माना जाता है, लंबे समय से अव्यवस्थाओं की चपेट में है। मरीजों को न तो स्वच्छ वातावरण मिल रहा है और न ही पर्याप्त सुविधाएं। गंदगी, कबाड़, और शुद्ध पेयजल की कमी जैसी समस्याएं अस्पताल की बदहाली की कहानी बयां करती हैं। मरीजों और उनके परिजनों की शिकायतें हैं कि बुनियादी सुविधाओं जैसे साफ-सफाई, कार्यात्मक उपकरण, और समय पर इलाज का अभाव उन्हें परेशान करता है।
जयपुर से निरीक्षण के लिए पहुंची विशेष टीम
इन समस्याओं को देखते हुए राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने गंभीर रुख अपनाया। 30 मई 2025 को जयपुर से एक पांच सदस्यीय विशेष टीम बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निरीक्षण के लिए पहुंची। इस टीम ने अस्पताल की विभिन्न व्यवस्थाओं का गहन जायजा लिया, जिसमें सफाई, मरीजों की सुविधाएं, उपकरणों की स्थिति, और निर्माण कार्यों की प्रगति शामिल थी।
निरीक्षण में सामने आईं कमियां
टीम ने पाया कि अस्पताल परिसर में जगह-जगह कबाड़ जमा है, जिससे न केवल मरीजों को असुविधा हो रही है, बल्कि स्वच्छता पर भी सवाल उठ रहे हैं। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नाकافی पाई गई, जो मरीजों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। इसके अलावा, ओपीडी और ट्रॉमा सेंटर जैसे महत्वपूर्ण विभागों में भी संसाधनों की कमी और अव्यवस्थाएं देखी गईं। निर्माण कार्यों में देरी भी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई, जिसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को समयबद्ध तरीके से काम पूरा करने के निर्देश दिए गए।
सुधार के लिए तय की गई समयसीमा
निरीक्षण के दौरान जयपुर की टीम ने अस्पताल प्रशासन को कमियों को दूर करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग समयसीमा तय की गई, ताकि व्यवस्थाएं जल्द से जल्द दुरुस्त हो सकें। टीम में शामिल राजमेस की अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) चंचल वर्मा और उपनिदेशक राजूलाल गुर्जर ने अस्पताल के विभिन्न विभागों का बारीकी से निरीक्षण किया और सुधार के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।
क्या बदलेगी बाड़मेर अस्पताल की तस्वीर?
जयपुर से टीम के आने की सूचना मिलते ही अस्पताल में सफाई व्यवस्था में तेजी देखी गई। यह दर्शाता है कि प्रशासन दबाव में त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम है। हालांकि, सवाल यह है कि क्या यह सफाई और सुधार का दौर केवल निरीक्षण तक सीमित रहेगा, या अस्पताल में स्थायी बदलाव देखने को मिलेंगे? मरीजों और स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि राजस्थान सरकार को सौंपी जाने वाली इस निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर ठोस कदम उठाए जाएंगे।
सरकार का रुख और भविष्य की संभावनाएं
राजस्थान सरकार ने हाल के महीनों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। जयपुर के जयपुरिया अस्पताल और जोधपुर के मथुरा दास माथुर अस्पताल जैसे अन्य संस्थानों में भी इसी तरह के निरीक्षण किए गए हैं, जहां कमियों को दूर करने के लिए समयबद्ध योजनाएं बनाई गई हैं। बाड़मेर अस्पताल की स्थिति को देखते हुए, यह जरूरी है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन मिलकर दीर्घकालिक सुधारों पर ध्यान दें।
बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अव्यवस्थाएं लंबे समय से चली आ रही हैं, लेकिन जयपुर की विशेष टीम के निरीक्षण से सुधार की उम्मीद जगी है। यदि सरकार और अस्पताल प्रशासन इस रिपोर्ट के आधार पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाते हैं, तो मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकती हैं। हालांकि, यह तभी संभव होगा जब सुधार कार्य केवल कागजी न रहकर जमीन पर उतरे।